- न तो गेट पर कोई गार्ड मिला और न ही सभी फ्लोर पर

-नाइट ड्यूटी कर रही फीमेल स्टाफ में फैला भय

Meerut : मेडिकल स्थित कर्मचारी आवास में दिन दहाड़े घर में घुसकर प्रेमी ने प्रेमिका को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया था। घटना के तत्काल बाद स्वयं एसएसपी ने मेडिकल प्रिंसिपल से बात करके सुरक्षा बढ़ाने की बात कही थी। लेकिन इतना कुछ होने के बाद भी मेडिकल की सुरक्षा राम भरोसे है। रात के समय तो और भी बुरी हालत है। न तो गेट पर सिक्योरिटी गार्ड है। न ही वार्ड के बाहर गार्ड अपनी ड्यूटी कर रहे हैं। हालात ये हैं कि जो दूसरे तीसरे और चौथे फ्लोर पर हैं वहां महिला स्टाफ डर-डर कर ड्यूटी कर रही हैं। सोमवार को जब आईनेक्सट टीम ने मेडिकल की सिक्योरिटी की पड़ताल की तो कई खामियां नजर आई।

मेन गेट पर नहीं कोई गार्ड

दिन के एक बजे मेडिकल के मेन गेट पास देखा तो गार्ड गायब थे। जबकि मेडिकल के रिकॉर्ड के अनुसार दिन में मेन गेट पर दो गार्ड और रात चार गार्ड तैनात होने चाहिए। अगर कोई आपराधिक तत्व मेन गेट से एंट्री कर कोई वारदात करके चला जाए तो कोई नहीं जान सकेगा कि कौन था और कौन नहीं। आसपास इन गार्ड के बारे में पूछा गया तो किसी को भी उनके बारे में कुछ नहीं पता था। लेकिन मेडिकल कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन इस बात से पूरी तरह से अंजान है।

फ्लोर पर नहीं गार्ड

अगर बात मेडिकल के प्रत्येक फ्लोर की जाए तो वहां पर भी अधिकतर गार्ड गायब मिले। यहां तक की जिस कर्मचारी आवास में शनिवार को मर्डर हुआ था वहां भी किसी गार्ड की तैनाती नहीं की गई थी।

नर्स स्टाफ में दहशत

मर्डर की घटना के बाद जब हॉस्पिटल की स्टाफ नर्सेज से बात की गई तो उन्होंने कहा कि फ्लोर्स की सिक्योरिटी तो राम भरोसे है। दिन तो दिन यहां रात को भी कोई गार्ड नहीं रहता। अगर रात को किसी पेसेंट को दवाई देने या इंजेक्शन लगाने भी जाना होता है तो फ्लोर इतना सुनसान होता है कि जाते हुए डर लगता है। पूरे फ्लोर पर सिर्फ महिला स्टाफ ही होती है। कोई भी मेल स्टाफ नहीं होता है। अगर कोई वारदात हो जाए तो किसी को कुछ नहीं पता चलेगा। हम तो मरीजों से भी अपने वार्ड को अंदर से बंद करके सोने की बात कहते हैं।

12 गार्ड के हवाले सिक्योरिटी

प्राप्त जानकारी के अनुसार हॉस्पिटल कैंपस की सिक्योरिटी की जिम्मेदारी एस सिक्योरिटी कंपनी के हवाले है। रात को सिर्फ 12 गार्ड की पूरे हॉस्पिटल की सुरक्षा को देखते हैं। जिनमें दो गार्ड मेन गेट पर, 1 गार्ड एलएमसी, 1 गायनी, 1 आईटी स्टैंड, 1 आईटी वार्ड, 1 आईसीयू, 1 बच्चा वार्ड, 1 ओपीडी और बाकी अन्य जगहों पर हैं। ताज्जुब की बात तो ये है कि नाइट के दौरान सिटी के सबसे बड़े सरकारी हॉस्पिटल में सिर्फ 12 ही गार्ड लगाए गए हैं।

वर्जन

मेडिकल कॉलेज गेट पर दिन और रात दोनों समय गाडरें की ड्यूटी लगाई गई है। कुछ गार्डो के लिए संबंधित कंपनी से और बात की गई है।

केके गुप्ता, प्रिंसिपल मेडिकल कॉलेज