- कमिश्नर पत्नी संग पहुंचे सोसायटी रजिस्टर्ड ऑफिस

- डीएम की मौजूदगी में महज आधे घंटे में जारी हुआ प्रमाण पत्र

Meerut : मंडल कमिश्नर की अध्यक्षता में शुरू हुई मेरठ 'मेरा शहर, मेरी पहल' को एक सोसायटी का नाम देकर मंगलवार को मोहनपुरी स्थित सोसायटी रजिस्ट्रार ऑफिस में रजिस्टर्ड करा लिया गया। इस मौके मंडल कमिश्नर, उनकी वाइफ और डीएम भी मौजूद रहे। ताज्जुब की बात तो ये रही कि करीब एक महीने की पूरी प्रक्रिया को आधे घंटे में निपटाकर प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया।

सभी की पहल से होगा काम

इस मौके पर मंडल कमिश्नर आलोक सिन्हा ने कहा कि ये सोसायटी किसी पार्टी विशेष या वर्ग विशेष की नहीं है। इसमें सभी ने अपनी भागेदारी निभाई है। इस सोसायटी के फाउंडर मेंबर में सांसद भी और यूपी गवर्नमेंट के कैबिनेट मिनिस्टर शाहीद मंजूर भी। समाज का हर वर्ग और हर फील्ड का आदमी इससे जुडा हुआ है। वहीं कमिश्नर की वाइफ प्रीती सिन्हा ने कहा कि अपने शहर को विकसित करने की जिम्मेदारी हर नागरिक को उठानी होगी। सिर्फ अधिकारी और नेता ही इसे अंजाम तक नहीं पहुंचा सकते हैं। इस लिए इस मुहिम का नाम मेरा शहर और मेरी पहल रखा गया है। वहीं डीएम ने कहा कि सोसायटी रजिस्टर्ड होने के बाद नौजवानों को आगे आना होगा। क्योंकि मेरठ के विकास में यहां के नौजवानों का एक महत्वपूर्ण रोल रहने वाला है। मेरी युवाओं से अपील है कि इस मुहिम से जुड़कर अपने को रजिस्टर्ड कराएं और वॉलेंटीयर के तौर पर शहर के लिए काम करें।

सिर्फ आधे घंटे में मिला प्रमाण पत्र

सोसायटी रजिस्ट्रार के ऑफिस में जैसे कमिश्नर और डीएम पहुंचे तो पूरे ऑफिस में अफरा तफरी मच गई। 'मेरा शहर, मेरी पहल' को रजिस्टर्ड कराने की प्रक्रिया में पूरा ऑफिस जुट गया है। डिप्टी रजिस्ट्रार ने पहले से पूरी फॉर्मैलिटीज पूरी रखी थी। कमिश्नर की वाइफ प्रीती सिन्हा ने सिर्फ साइन किए। महज आधे घंटे में प्रमाण अधिकारियों के सामने रख दिया। जबकि नॉर्मली एक आम सोसायटी को रजिस्टर्ड कराने में एक डेढ़ महीना लग जाता है। डिपार्टमेंट की फॉर्मेलिटीज पूरी करने में संस्था पसीने छूट जाते हैं। यहां तक कि फाइल को मूव कराने के लिए बाबूओं को रिश्वत देनी पड़ती है।

सर 60 हजार फाइलें सड़ रही है

वहीं लगे हाथ डिप्टी रजिस्ट्रार कृष्ण कुमार ने कमिश्नर और डीएम के सामने अपनी समस्याओं को भी सामने रखा। उन्होंने कहा कि कार्यालय में पूरे मंडल की 60 हजार से अधिक फाइलें रखी हुई हैं। जिनकी हालत काफी खस्ता है। कार्यालय का रेनोवेशन की काफी जरुरत है। वरना सारी फाइलें खराब हो जाएंगी। कमिश्नर ने समस्याओं को लिखित रूप में देने को कहा है। गौरतलब है सोसायटी रजिस्ट्रार की बिल्डिंग एमडीए द्वारा किराए पर दी गई है।