मेरठ (ब्यूरो)। मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग में शनिवार को तीन दिवसीय न्यू बॉर्न स्टेबॉलाइजेशन यूनिट (एनबीएसयू) ट्रेनिंग सेशन का शुभारंभ किया गया। नोडल अधिकारी डॉ। अभिषेक सिंह ने टे्रनिंग सेशन में विभिन्न जिलों से आए हुए 24 चिकित्सकों और स्टाफ नर्सों को शिशु मृत्यु दर को घटाने के लिए जानकारी उपलब्ध कराई गई।

24 चिकित्सकों व स्टाफ नर्स
मेडिकल कॉॅलेज के मीडिया प्रभारी डॉ। वीडी पांडेय ने बताया कि ट्रेनिंग में विभिन्न जिलों से आए हुए 24 चिकित्सकों तथा स्टाफ नर्सों ने प्रतिभाग किया था। इस प्रशिक्षण में शिशु मृत्यु दर को घटाने के लिए सरकार की एक परियोजना है, जिसमे बीमार पैदा होने वाले बच्चों और पैदा होते ही जिनको तकलीफ है उनको समय रहते इलाज देकर उनकी जान बचाई जा सके और उनका स्वास्थ्य बेहतर रहे। इसके लिए ही चिकित्सकों को एवं स्टाफ नर्सों को ट्रेनिंग दी जाती है। प्रशिक्षण का मार्गदर्शन प्रिंसिपल डॉ। आरसी गुप्ता द्वारा किया गया।

समय-समय पर ट्रेनिंग
बाल रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ। नवरत्न गुप्ता ने बताया कि प्रदेश में शिशु मृत्यु दर इस प्रकार के प्रशिक्षण से कम की जा सकती है। इस प्रकार के प्रशिक्षकों द्वारा विभिन्न पीएचसी सीएचसी पर भी बच्चों को उचित सुविधाएं दी जा सकती हैं। विभाग के प्रभारी अधिकारी डॉ। अभिषेक सिंह ने बताया कि इस प्रकार की ट्रेनिंग हमारे यहां समय-समय पर होती रहती है। पिछले साल भी तीन प्रशिक्षण सत्र इस चिकित्सा महाविद्यालय द्वारा सफलतापूर्वक संपन्न कराए गए थे।

48 चिकित्सकों की ट्रेनिंग
बाल रोग विभाग के डॉ। विकास अग्रवाल ने इसमें अपना अमूल्य योगदान दिया और इसमें विभाग के रेजिडेंट चिकित्सकों की भी प्रशंसनीय सहभागिता रही। अगले सप्ताह में इस तरह के दो और प्रशिक्षण सत्रों का प्रायोजन प्रस्तावित है, जिसमें 48 चिकित्सकों और स्टाफ नर्सेज के बैच को प्रशिक्षण दिया जाना है।