नए साल से बैंक में लॉकर के लिए खाते होने की अनिवार्यता खत्म

आरबीआई ने जारी की नई गाडइलाइन, लॉकर की उपलब्धता बैंक करेंगे ऑलनाइन अपडेट

Meerut। नए साल से बैंकों में लॉकर मिलने की सुविधा और अधिक सुगम होगी। इसके तहत बैंकों में लॉकर अलॉट कराने का प्रोसेस अब और भी आसान होने जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले को लेकर सभी बैंकों को आरबीआई की ओर से रिवाइज गाडइलाइन जारी कर दी गई है। जिसके मुताबिक बैंकों में लॉकर की उपलब्धता की जानकारी अब सभी बैंक ऑनलाइन मुहैया करवाएंगे।

अपडेट होगा सिस्टम

बैंकों में नए साल से लागू होने वाले इस नियम को लेकर बैंकों को अपने यहां कोर सिस्टम को अपडेट करना होगा। जिसके बाद कस्टमर को लॉकर के लिए चल रही वेटिंग की जानकारी मिल सकेगी। बैंक की किसी ब्रंाच में लॅाकर के लिए अगर वेटिंग होगी तो वेटिंग के लिए एक टोकन नंबर भी बैंक को लॉकर के लिए अप्लाई करने वाले कस्टमर को देना होगा।

जरूरी नहीं होगा खाता

लॉकर लेने के लिए कस्टमर को नई गाइडलाइन के अनुसार उसी बैंक में अकाउंट रखना जरूरी नहीं होगा। बिना बैंक एकाउंट के भी बैंक में लॉकर लिया जा सकेगा। ये गाइडलाइन 1 जनवरी 2022 से लागू होगी। इसके तहत बैंक, लॉकर के लिए आवेदक के साथ एक रेंट एग्रीमेंट करेगा। जिसमें एक प्रावधान यह भी होगा कि कस्टमर इस बात को स्पष्ट करेगा कि वह लॉकर में कोई भी गैरकानूनी या खतरे वाली चीजें नहीं रखेगा।

बैंक देगा जानकारी

नई गाइडलाइन के मुताबिक अब बैंक अपने यहां खाली लॉकर्स की जानकारी ब्रांच वाइस कोर बैकिंग सिस्टम पर अपडेट करेगा। अगर लॉकर खाली है तो वहां जिन कस्टमर्स ने लॅाकर के लिए अप्लाई किया है, उन्हें जानकारी दी जाएगी।

रखेंगे रिकॉर्डिग

बैंक के लॉकर वॉल्ट के एंट्री और एग्जिट पर बैंकों को सीसीटीवी कैमरे इंस्टॉल करने होंगे। साथ ही इसकी फुटेज 180 दिन तक सेव रखनी होगी। जिससे लॉकर को ज्यादा सिक्योर किया जा सकेगा। कोई गड़बड़ी होने पर सीसीटीवी फुटेज के जरिए गुनहगार को पकड़ा जा सकेगा।

आपरेशंस का एसएमएस

नई गाइडलाइन के मुताबिक बैंक, लॉकर से जुड़े किसी भी तरह के ऑपरेशन को लेकर अपने कस्टमर्स को ई-मेल या एमएमएस के जरिए जानकारी देंगे। कस्टमर के लॉकर यूज करने की जानकारी बैंक की लॉग बुक में पहले ही अपडेट की जाती है। मगर लॉकर को यूज करने पर कस्टमर के मोबाइल पर भी अब मैसेज आएगा।

आरबीआई की जो भी नई गाइडलाइन हैं, उन्हें सभी बैंक्स फॉलो करेंगे। बैंक की प्रक्रिया कस्टमर्स के लिए आसान और ट्रांसपेरेंट बनाने के लिए नए नियम लगातार जोड़े जा रहे हैं।

संजय कुमार, एलडीएम