मेरठ (ब्यूरो)। कोरोना के नए वैरिंएंट को देखते हुए प्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य विभाग को सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। मगर मेरठ मेडिकल कॉलेज में अभी तक संक्रमण से बचाव की तैयारियां अधूरी हैं। मेडिकल कालेज में लोग बिना मास्क के घूम रहे हैं। पर्चा काउंटर से लेकर दवा काउंटर पर सैनिटाइजर की भी व्यवस्था नहीं थी। कोविड वार्ड भी चालू नहीं किया गया है। इसके बाद भी जिम्मेदार पर्याप्त व्यवस्था होने की बात कह रहे हैं।

जांच सुविधा अधूरी
चीन में कहर मचा रहे कोविड के नए वैरिएंट ने देश में भी दस्तक दे दी है। सरकार की ओर से अस्पतालों में सभी व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश हैं। इसके बावजूद मेडिकल कॉलेज में हीलाहवाली जारी है। कोरोना के दौरान बने 40 बेड को कोविड 19 वार्ड बना दिया गया था। जिसको जरुरत पडऩे पर 400 बेड तक शिफ्ट करने का दावा किया जा रहा था। इसके साथ ही सैंपल कलेक्शन सेंटर, कोविड हेल्प डेस्क, वैक्सीनेशन सेंटर पूरी तरह बंद हो चुके हैं। न मरीजों का सैंपल लिया जा रहा है और न ही हेल्प डेस्क को अपडेट किया गया है। वहीं अस्पताल में आने वाले मरीज और स्टाफ मास्क का प्रयोग नहीं कर रहे हैं।

दोनों प्लांट अभी बंद
मेरठ मेडिकल कॉलेज के प्रबंधन का दावा है कि उनके पास ऑक्सीजन की कमी नहीं है। कालेज में सभी बेडों तक ऑक्सीजन की पाइपलाइन पहुंचाने की व्यवस्था है। कोरोना की दोनों लहरों के दौरान मेडिकल कैंपस में कोई जनरेशन प्लांट नहीं था। छह टन की क्षमता का एक फिलिंग प्लांट था, जिसे मोदीनगर की एजेंसी गैस आपूर्ति करती थी। लेकिन दूसरी लहर के अंत में प्रधानमंत्री राहत कोष और प्रदेश सरकार की ओर से मेडिकल कालेज परिसर में एक-एक नए जनरेशन प्लांट का बजट आवंटित कर दिया गया था। गत वर्ष यह प्लांट परिसर में लगाया गया था, जिसके 950 लीटर प्रति मिनट की क्षमता से चलने का दावा किया जा रहा है। लेकिन सूत्रों की मानें तो दोनों प्लांट अभी बंद चल रहे हैं।

जल्द कोविड-19 केंद्र पर फिर से जांच होने लगेगी। दवाइयां, किट और ऑक्सीजन की कमी नहीं है। हम हर परिस्थिति से लडऩे के लिए तैयार हैं। सभी डॉक्टर और स्टाफ को निर्देश जारी कर दिए गए हैं कि कोई भी बिना मास्क के मरीजों को नहीं देखेगा। वहीं मरीजों से भी कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन कराने का प्रयास किया जा रहा है।
डॉ। आरसी गुप्ता, प्रिंसिपल, मेडिकल कालेज