जिला विज्ञान क्लब ने की सुशांत सिटी में धूमकेतु दिखाने की व्यवस्था

Meerut। 6766 सालों में हो रही खगोलीय घटनाक्रम में धूमकेतु देखने को लेकर पूरा देश उत्साहित है। धूमकेतु सी-2020 एफ-3 को नियो वाइज नाम दिया गया है। सूर्य के चक्कर लगाने वाले यह धूमकेतु 21 जुलाई को पृथ्वी के सबसे नजदीक से गुजरेगा। हालांकि यह सबसे नजदीक दूरी भी 10.3 करोड़ किलोमीटर होगी। धूमकेतु शुरू में सूर्योदय के पहले भी दिख रहा था, लेकिन अब इसे सूर्यास्त के 20 मिनट बाद तक देखा जा सकता है। सौर मंडल को पार कर आगे बढ़ता यह धूमकेतु 10 जुलाई से आसमान में दिख रहा है और 30 जुलाई तक देखा जा सकता है। पहली बार इसे नासा टेलीस्कोप से खोजा गया। इसे वाइड-फील्ड इंफ्रारेड सर्वे एक्सप्लोरर या वाइज कहा जाता है। 27 मार्च को धूमकेतु नियो वाइज ने सबका ध्यान आकर्षित किया।

पांच किमी चौड़ा है धूमकेतु

जिला विज्ञान क्लब के जिला समन्वयक दीपक शर्मा बताते हैं कि नासा के अनुसार धूमकेतु लगभग पांच किमी चौड़ा है। यह कालिख के गहरे अवशेषों से ढका हुआ है। यह इसकी उत्पत्ति के वर्षो से लेकर लगभग 4.6 बिलियन साल पहले का है। इसकी सोडियम वाली पूंछ हमारे अन्य धूमकेतुओं की तुलना में इसे सबसे ज्यादा चमकीला बनाती है। अगस्त में धूमकेतु दूर होना शुरू हो जाएगा।