मेरठ (ब्यूरो)। इसी बाबत दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने हर तरफ फैली गंदगी को लेकर 'सफाई एक सपना है' अभियान की शुरुआत की है। जिसमें बाजारों से लेकर निजी और सरकारी सार्वजनिक स्थलों, शैक्षणिक संस्थानों समेत कालोनियों और पार्कों में कूड़ा निस्तारण और साफ-सफाई का सच सामने लाया जाएगा। पेश हैै अभियान की पहली किस्त

नहीं बनी गार्बेज फ्री सिटी
हर साल की तरह इस साल भी स्वच्छता सर्वेक्षण में नगर निगम की प्राथमिकता शहर से कूड़ा निस्तारण शत प्रतिशत कर शहर को गार्बेज फ्री सिटी बनाना था। इसके लिए नालों की सफाई से लेकर शहर में बने अस्थाई कूड़ा स्थल, ओवरफ्लो डस्टबिन, लोहियानगर, गांवड़ी में लगे कूड़े के पहाड़ को कम करने के लिए प्रयास किए गए। कई योजनाएं भी बनाई गई लेकिन शहर में गंदगी का अंबार कम नहीं हुआ।

कूड़ा कलेक्शन शत-प्रतिशत नहीं
नगर निगम ने निजी कंपनी को डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन की व्यवस्था तो सौंप दी लेकिन चार माह बाद भी शहर के केवल 25 वार्डों में ही कूड़ा कलेक्शन हो पा रहा है। यह कलेक्शन भी शत-प्रतिशत नहीं है। इस कारण से अधिकतर वार्डों का कूड़ा गलियों के बाहर या खुले मैदान या प्लॉट में फेंका जा रहा हंै।

यूरिनल की हालत खस्ता
सार्वजनिक स्थलों, बाजारों में शौचालय की समस्या को दूर करने के लिए जगह-जगह 300 से अधिक यूरिनल और शौचालय तो निगम ने बनवा दिए लेकिन इनका रख-रखाव करना भूल गया। जिसके चलते चार साल बाद आज अधिकतर यूरिनल और शौचालय खस्ता हाल में हैं और गंदगी से अटे पड़े हैं।

डस्टबिन हुए गुमशुदा
शहर के सार्वजनिक स्थलों से कूड़ा एकत्र करने के लिए लगाए गए स्टील और प्लास्टिक के डस्टबिन अधिकतर जगहों से गायब हो चुके हैं। वहीं कुछ एक जगहों पर जहां डस्टबिन लगे हैैं तो उनकी हालत जर्जर हो चुकी है। साथ ही ये डस्टबिन गंदगी के कारण ओवरफ्लो वाली स्थिति में ही रहते हैैं।

नगर निगम के लिए बड़ी चुनौतियां
नगर निगम के पास कूड़ा निस्तारण प्लांट नहीं है। प्रतिदिन 900 मीटिक टन कूड़ा निकलता है। लोहिया नगर में कूड़ा डंप किया जा रहा है। हालत यह है कि डंपिंग ग्राउंड ओवरफ्लो हो चुका है।

शहर में जलनिकासी की समस्या है। 300 से अधिक छोटे-बड़े खुले नाले हैं। जिनमें कूड़ा, गोबर बहाया जा रहा है।

गंदगी और सिल्ट में बरसात में नाले शहर को डुबोते हैं। नालों की बाउंड्री जगह-जगह से टूटी हुई है। साथ ही ये नाले लोगों के लिए किसी खतरे से कम नहीं हैैं। आए दिन नालों गिरकर लोगों की मौत हो रही है।

शहर में जगह-जगह गंदगी का अंबार लगा हुआ है। मंगतपुरम, गांवड़ी के बाद अब लोहियानगर में भी कूड़े का पहाड़ खड़ा हो गया है। जो बरसात में नगर निगम के लिए परेशानी का सबब बन सकता है।

नालों की सफाई नहीं होती है। जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ता है। हल्की सी बारिश में शहर जलमग्न हो जाता है।

नालों की सफाई का काम तेज करा दिया गया है। कूड़ा निस्तारण के लिए लोहियानगर में प्लांट चालू है। गांवड़ी में कूड़ा निस्तारण हो चुका है। शहर में जगह-जगह कूड़ा स्थलों को खत्म किया जा रहा है।
डॉ। गजेंद्र सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी