सीसीएससयू में बुधवार को विद्वत परिषद की आयोजित की गई बैठक

नए कोर्स में स्टूडेंट को मुख्य विषयों के साथ स्किल आधारित कोर्स भी करने होंगे

Meerut। सीसीएसयू व उससे संबद्ध कॉलेजों में शैक्षणिक सत्र 2021 से नई शिक्षा नीति लागू होगी। बुधवार को विद्वत परिषद की बैठक में नए कोर्स को अनुमोदित किया गया। इन विषयों में अधिकतर को रोजगार से संबंधित मदद के लिए ही जोड़ा गया। नए कोर्स में स्टूडेंट को मुख्य विषयों के साथ स्किल आधारित कोर्स भी करने होंगे।

किया अनुमोदन

इस दौरान बैठक में कुल 38 विषय के सिलेबस को अनुमोदित किया गया। वीसी प्रो। एनके तनेजा की अध्यक्षता में हुई परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि यूनिवर्सिटी कैम्पस में बीटेक ऑनर्स की डिग्री भी शुरू होगी।

ये भी शामिल

इसके परिषद ने रामचरितमानस में विज्ञान और श्रीमद्भागवत गीता में विज्ञान के सिलेबस को माइनर सब्जेक्ट में शामिल किया है। प्रो। एमके गुप्ता के सुझाव पर स्नातक में कंप्यूटर साइंस को उच्च शिक्षा विभाग से प्राप्त सिलेबस के आधार को ही मान लिया गया है।

बैठक में यह तय किया

वीसी प्रो। एनके तनेजा ने कहा कि नई शिक्षा नीति नेशनल एजुकेशन के कई पहलू हैं। इसमें स्टूडेंट को गुणवत्ता परक शिक्षा देने के साथ-साथ संस्थान को भी अपनी गुणवत्ता को बनाए रखने की चुनौती है .परिषद की बैठक में डीलिट और डीएससी के ऑíडनेंस को भी स्वीकार कर लिया गया। इसके मुताबिक डीलिट् और डीएससी करने वाले कम से कम 10 पेपर में अपने जर्नल को प्रकाशित करना होगा। इसमें यूजीसी के कैटेगरी वन को ही शामिल किया गया है।

ये रहे मौजूद

एकेडमिक काउंसिल की बैठक में प्रो.वीसी प्रो.वाई विमला, रजिस्टार धीरेंद्र कुमार, प्रो.एमके गुप्ता, प्रो.नवीन चंद्र लोहनी, प्रो। एसएस गौरव, प्रोफेसर हरे कृष्ण, प्रो। जयमाला, डॉ स्नेह लता, डॉ। दिव्या नाथ, सहित सभी संकायाध्यक्ष, कालेजों के प्राचार्य अन्य सदस्य उपस्थित रहे।

क्वेश्चन पेपर का पैटर्न समझकर ही दें एग्जाम

दो जुलाई से चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय और संबद्ध कालेजों की मुख्य परीक्षा शुरू हो रही हैं। कोविड की वजह से इस बार स्नातक द्वितीय वर्ष, स्नातक और परास्नातक अंतिम वर्ष और अंतिम सेमेस्टर की परीक्षा होगी। छात्रों को परीक्षा से पहले अपने प्रश्नपत्र के पैटर्न को समझ लेना चाहिए, क्योंकि विवि की ओर से जो प्रश्नपत्र पहले से तैयार है, उसी में प्रश्नों को कम करके करना है। परीक्षा के पैटर्न पर विद्वत परिषद की भी मुहर लग गई है। बहुविकल्पीय आधारित प्रश्नों में 100 में से किसी भी 75 प्रश्न के उत्तर देने होंगे। अंक का विभाजन सभी में समान होगा। मुख्य वार्षिक परीक्षा में 10 में से पांच प्रश्नों के उत्तर देने होंगे।

3 घंटे की जगह डेढ़ घंटे का होगा पेपर

2 जुलाई से शुरू होंगे फाइनल ईयर के एग्जाम

75 ऑब्जेक्टिव क्वेश्चशन के उत्तर देने होंगे।

10 में से पांच प्रश्नों के उत्तर देने होंगे वार्षिक परीक्षा में

बीएड का पेपर दो घंटे का

बीएड अंतिम वर्ष की परीक्षा तीन घंटे की जगह दो घंटे की होगी। इसमें तीन खंडों वाले प्रश्नपत्र के खंड अ में तीन प्रश्नों में दो प्रश्न करने होंगे। खंड ब में चार प्रश्नों में दो प्रश्न करने होंगे। खंड स में 10 प्रश्नों में किन्हीं आठ के जवाब देने होंगे। एमएड में खंड अ में पांच प्रश्नों में से दो प्रश्न, खंड ब में तीन प्रश्नों में से एक प्रश्न और खंड स में पांच में से किसी दो प्रश्न के उत्तर देने होंगे। इसी तरह से बीएबीएड में छात्रों को कम प्रश्न के उत्तर देने होंगे।

प्रश्न पत्र के पैटर्न में ये बदलाव

एमपीएड में तीन प्रश्न के उत्तर देने होंगे।

सीसीएसयू परिसर में संचालित बीकाम आनर्स में खंड अ से पांच प्रश्न, खंड ब से दो प्रश्नों के उत्तर देने होंगे।

एमबीए, एमबीएएचए, बीबीएएचए में 10 लघु उत्तरीय प्रश्न और तीन अन्य प्रश्न करने होंगे।

मुख्य वार्षिक परीक्षा 2021 के द्वितीय फाउंडेशन कोर्स ¨हदी में सात में से चार प्रश्नों के उत्तर देने होंगे।

फाउंडेशन कोर्स अंग्रेजी में किसी भी चार प्रश्नों के उत्तर देने होंगे।

फाउंडेशन कोर्स संस्कृत में सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।

अंकों का विभाजन

विवि ने प्रश्नपत्र में प्रश्नों की संख्या कम किया है। जितने प्रश्न के उत्तर देने हैं, उसके अंक वैसे ही तय किए गए हैं।