मेरठ (ब्यूरो)। स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। इस बार सफलता के लिए नगर निगम को 9500 अंकों की परीक्षा पास करनी होगी। इस बार पिछले साल की तुलना में 2000 अंक अधिक हैं। वहीं इस बार थ्री आर यानि रीड्यूस, री साइकिल और री-यूज के सिद्धांत सर्वेक्षण किया जाना है। इसलिए निगम को मेहनत भी अधिक करनी होगी। हालांकि नगर निगम स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर अपनी सभी तैयारियों के पुख्ता होने का दावा कर रहा है। मगर दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने निगम के स्वच्छता सर्वेक्षण के दावों का फैक्ट चैक किया तो अधिकतर दावे हवा हवाई ही मिले।

इस प्रकार होगी मार्किंग
9500 अंक का होगा स्वच्छता सर्वेक्षण।
4525 अंक सर्विस लेवल प्रोग्रेस के होंगे।
2500 अंक सर्टिफिकेशन के होंगे।
2475 अंक सिटीजन वाइस के होंगे।

ये है स्वच्छता की स्थिति
शहर में प्रतिदिन 900 मीट्रिक टन कूड़ा उत्सर्जित होता है लेकिन उनकी तुलना में केवल 600 मीट्रिक टन कूड़े का ही उठान हो पा रहा है। जिसके कारण अधिकतर वार्ड के मोहल्लों में जगह-जगह कूड़े का ढ़ेर लगा हुआ है।

डोर टू डोर कूड़ा गाड़ी को हर घर तक पहुंचाने का दावा किया जा रहा है लेकिन खुले खत्तों पर कचरे का ढेर और गलियों के बाहर ओवरफ्लो डस्टबिन इस दावे को खारिज कर रहे हैैं।

प्रतिदिन उत्सर्जित होने वाले ताजे कूड़े के निस्तारण की कोई व्यवस्था नहीं है। लोहियानगर में लीगेसी वेस्ट यानि पुराना कचरे को ढेर लगा हुआ है जबकि यहां प्लांट भी लगा हुआ है।

मंगतपुरम में भी कूड़े का पहाड़ है। निस्तारण के लिए अभी तक कोई प्लांट यहां नहीं लगाया गया है।

शहर के 37 फीसद हिस्से में सीवर लाइन है। बाकी हिस्से में मल-मूत्र नालों में ही बहाया जा रहा है।

जबकि प्रतिदिन सीवेज निस्तारण 300 एमएलडी है। इसकी तुलना में शोधन क्षमता 179 एमएलडी ही है। यानि करीब आधी।

ये कार्य भी जरूरी
100 प्रतिशत गीला-सूखा कचरा अलग-अलग डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन करना

पहली बार स्वच्छ सर्वेक्षण में प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट को शामिल किया गया है, इसलिए प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट को बेहतर करने की जरुरत है।

स्वच्छ वार्ड की प्रतियोगिता निगम को करानी है। इसके लिए वार्डो में जागरूकता कार्यक्रम चलाने की जरुरत है।

शहर में ऐसे पार्क विकसित करने हैं, जहां पर वेस्ट टू आर्ट से सुंदरीकरण किया गया हो लेकिन अभी तक मामला सिफर है।

गंदे स्थलों का चयन येलो व रेड स्पॉट के तौर पर करना है। उन्हें साफ-सुथरा बनाना है।

वेंडिंग जोन, सर्विस लेन, ग्रीन बेल्ट की सफाई शत-प्रतिशत करनी होगी।

सिटीजन वाइस के लिए करना होगा जागरुक
स्वच्छता सर्वेक्षण में सफलता के लिए इस बार जनता के हाथ में 2475 अंक होंगे। यानि उनके फीडबैक के आधार पर नगर निगम को बेहतर रैंक मिल सकती है। लेकिन इसके लिए भी निगम के प्रयास अभी तक अधूरे ही हंै। जनता को पता तक नहीं है कि फीडबैक अभियान जारी है। गत माह निगम ने शहर को होर्डिंग्स बैनर टांग कर फीडबैक के लिए जागरुक करने का प्रयास तो किया लेकिन यह प्रयास भी अधूरा ही साबित रहा। फीडबैक की स्थित खराब बनी हुई है। अब निगम को वार्ड वार जागरूकता अभियान चलाकर लोगो का फीडबैक लेेना होगा।

स्वच्छता सर्वेक्षण हर बार महज खानापूर्ति भरा रहता है। कुछ वीआईपी वार्ड में काम कराकर खानापूर्ति कर दी जाती है।
प्रेम

फीडबैक कहां देना है किन सवालों के जवाब देना है इसके लिए निगम को वार्ड व मोहल्लों में जाकर लोगों को जागरूक करना चाहिए।
ममता शर्मा

नगर निगम की साफ सफाई वाली व्यवस्था पूरी तरह फेल है। बाकि स्वच्छता सर्वेक्षण जिन मानकों पर होगा, वह केवल खानापूर्ति रहेगी।
सुशील पटेल

सीवरलाइन जाम है, नाले गंदगी से भरे हुए हैं। कूड़े के ढेर लगे हुए हैं, कैसे कह दें कि स्वच्छता सर्वेक्षण चल रहा है।
रविंद्र

स्वच्छता सर्वेक्षण का सभी मानकों पर प्रयास चल रहा है। फीडबैक से लेकर अन्य मानकों के लिए लगातार अभियान चलाकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। बाकि जो कमियां हैं उन पर भी काम हो रहा है।
ब्रजपाल सिंह, सहायक नगरायुक्त, नगर निगम