मेरठ (ब्यूरो)। सीसीएसयू से जुड़े कई कॉलेजों के 70 प्रतिशत स्टूडेंट्स का बीएससी सेकेंड इयर में रिजल्ट खराब रहा था। जिसको लेकर यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स ने री चेकिंग के लिए अप्लाई किया था। री चेकिंग के बाद सोमवार की शाम को रिजल्ट जारी किया गया। लेकिन स्टूडेंट्स ने इस रिजल्ट से आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि इस संशोधित रिजल्ट को जारी करना केवल खानापूर्ति भर है। इस बाबत स्टूडेंट्स सोशल मीडिया पर शिकायत कर रहे हैैं।

दोबारा री-चेकिंग करें
स्टूडेंट्स का कहना है कि यूनिवर्सिटी ने महज खानापूर्ति के लिए ही संशोधित रिजल्ट जारी किया है। यूनिवर्सिटी को सभी कॉपियों को दोबारा से री-चेक करना होगा। क्योंकि काफी सारे स्टूडेंट्स ऐसे हैं, जिनके फस्र्ट ईयर में अधिक नंबर थे लेकिन वह सेकेंड इयर में फेल हो गए। इतना ही नहीं, री-चेकिंग के बाद भी नंबर नहीं बढ़े, जबकि स्टूडेंट्स अच्छे नंबरों को लेकर कंफर्म थे।

जारी किया रिजल्ट
दरअसल, सोमवार को रिजल्ट जारी करने को लेकर सीसीएसयू में स्टूडेंट्स ने खूब हंगामा किया था। इसके बाद यूनिवर्सिटी ने बीएससी के संशोधित रिजल्ट को आनन-फानन में शाम पांच बजे जारी कर दिया। स्टूडेंट्स के अनुसार संशोधित रिजल्ट से भी वो सहमत नहीं हैं क्योंकि अधिकतर कॉलेजों में बीएससी का 70 प्रतिशत रिजल्ट खराब है। ऐसे में उनका कहना है कि इतने स्टूडेंटस का रिजल्ट खराब नहीं हो सकता है। स्टूडेंट लीडर शान मोहम्मद, अंकित अधाना ने इसको लेकर ट्वीट भी किया है।

आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे
सीसीएसयू में मंगलवार को छात्र नेता अल्तमश, शुभम मलिक, विजित, अक्षय सिंह शेखर, अनुज भड़ाना आदि ने एक स्वर में कहा कि स्टूडेंट्स का रिजल्ट मजबूरी में बिना किसी जांच के बस जारी कर दिया गया है, लेकिन यह हरगिज बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। स्टूडेंट्स का कहना है कि अगर उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वो आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे।