मेरठ ब्यूरो। गुवाहाटी से शुरू होकर इस यात्रा में इस वर्ष 450 विद्यार्थियों का प्रतिनिधि देश के 64 स्थानों में पहुंचेगा। मेरठ आए 27 विद्यार्थियों को स्थानीय परिवारों के साथ रहने और जानने का मौका मिला। 16 परिवारों के साथ रुके इन विद्यार्थियों ने बताया कि किस तरह उत्तरपूर्व में वह निरंतर खानपान में चावल खाते हैं लेकिन यहां गेहूं की रोटी के साथ अन्य पदार्थ खाकर आनंद आया। विद्यार्थियों को तीन दिन की यात्रा पर यूनिवर्सिटी भ्रमण कराने के साथ ही 1857 की क्रांति से जुड़े बाबा औघडऩाथ मंदिर, शहीद स्मारक, महाभारत कालीन ऐतिहासिक स्थल हस्तिनापुर आदि का भ्रमण कराया जाएगा। सोमवार छह फरवरी को विश्वविद्यालय में ही नागरिक अभिनंदन समारोह के साथ इस कार्यक्रम का समापन होगा।

देश के एक हिस्से को दूसरे से जोडऩे की पहल

असम से आए दीपांकर दास ने बताया उत्तर पूर्व के विद्यार्थियों को देश के अन्य हिस्सों में तरह तरह के कमेंट सुनने को मिलते थे। ऐसा महसूस होता था जैसे वह देश का हिस्सा ही नहीं हैं। इन्हीं भ्रांतियों को दूर करने के लिए अंतर राज्य छात्र जीवन दर्शन कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं जिससे उत्तरपूर्व के विद्यार्थियों को देश के विभिन्न हिस्सों में घूमने फिरने, रहने, जानने और लोगों को समझने के साथ ही संस्कृति से जुडऩे का मौका मिला है।इसी तरह देश के विभिन्न हिस्सों के विद्यार्थी उत्तर-पूर्व के राज्यों में जाते हैं और वहां के लोगों के साथ समय बिताते हैं।

नए लोगों से मिलने का अनुभव

कुछ छात्रों ने पहली बार ट्रेन में सफर किया। अपने क्षेत्र से बाहर निकले।उत्तरपूर्व में ही नए लोगों से मिले और उसके बाद पूरे सफर में देश के बारे में जानते समझते हुए यहां तक पहुंचे हैं। मेरठ में आया विद्यार्थियों का दल यहां से जम्मू, पंजाब और मध्य प्रदेश का सफर तय करेगा। दीपांकर दास ने बताया कि यह चार प्रदेशों का सफर उनके लिए चार धाम की यात्रा जैसा है। विद्यार्थी, मेरठ हो या गुवाहाटी अपना देश अपनी माटी, का नारा लेकर निकले हैं और यही संदेश देश के कोने-कोने तक पहुंचाना चाहते हैं।