यूपी बोर्ड के सेंटर्स के लिए तहसील स्तर पर होगी स्कूलों की जांच

एग्जाम सेंटर में पहुंचने के लिए 10 फुट चौड़ी सड़कों का होना अनिवार्य

Meerut। यूपी बोर्ड परीक्षा के लिए एग्जाम सेंटर बनाना अब आसान नहीं होगा। परिषद ने इस बार सेंटर्स बनाने को लेकर बड़े बदलाव किए हैं। इसके साथ ही स्कूलों को सख्त नियमों का पालन करना होगा। साथ ही इस बार सेंटर्स का वैरीफिकेशन तहसील स्तर से होगा।

10 फुट चौड़ी सड़कें जरूरी

इस बार बदलावों के तहत स्कूलों में पहुंचने के लिए 10 फुट चौड़ी सड़कों का होना अनिवार्य शर्त है। जिन स्कूलों में पहुंचने के लिए सड़कें नहीं हैं या फिर सड़कें 10 फीट से कम चौड़ी हैं, उन्हें इस बार सेंटर्स की लिस्ट में शामिल नहीं किया जाएगा। बोर्ड अधिकारियों के मुताबिक कम चौड़ी सड़क पर फ्लाइंग स्क्वायड और जांच दस्ते की गाडि़यां नहीं पहुंच पाती है। ऐसे में नकल विहीन परीक्षाएं कराने में किसी प्रकार की समस्या न आए इसलिए ये नियम लागू किया गया है।

ये नियम भी हुए जरूरी

बोर्ड सेंटर्स बनाने के लिए इस बार जहां सेंटर्स की संख्या बढ़ाई जाएगी वहीं क्लासेज में स्टूडेंट्स की बैठने की कैपेसिटी भी कम कर दी गई है। इसके अलावा जिन स्कूलों ने बोर्ड को डिटेल्स नहीं भेजी हैं उन्हें भी सेंटर्स लिस्ट में शामिल नहीं किया जाएगा। मेरठ जिले में ऐसे 33 स्कूलों को चिंहित किया गया है। वहीं इस बार सेंटर्स का वैरिफिकेशन एसडीएम लेवल पर गठित टीम करेंगी। स्कूलों की ओर से दी गई सूचनाओं की जांच पर प्रशासन स्तर पर ही सूचनाएं मुख्यालय को भेजी जाएगी। इसके बाद सेंटर्स ऑनलाइन ही अलॉट किए जाएंगे।

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कोविड-19 को देखते हुए इस बार कुछ बदलाव नियमों में हुए हैं। जिन स्कूलों ने डेटा नहीं भेजा था उनकी लिस्ट बोर्ड ने जारी कर दी है। ऐसे स्कूलों को सेंटर नहीं बनाया जाएगा।

गिरजेश कुमार चौधरी, डीआईओएस, मेरठ