विवेक कुमार ने अलीगढ़ से 75 प्रतिशत अंकों से इंटर पास किया है.  साथ ही उसके पास फुटबॉल में प्रदेश का प्रतिनिधित्व करने वाला स्पोटर्स सर्टिफिकेट भी है। विवेक हमें मेरठ कॉलेज मिला। वह बीए में एडमिशन लेना चाहता है। मेरठ कॉलेज उसका फेवरेट कॉलेज है। उसे उम्मीद है कि उसका यहां एडमिशन हो जाएगा। लेकिन अगर नहीं होता है तो प्राइवेट ग्रेजूएशन करना पड़ेगा। साथ में पुलिस भर्ती की तैयारी हो जाएगी।

मुश्किल है एडमिशन

मिलिए शिवम कुमार से। शिवम ने एसएसडी लालकुर्ती से 56प्रतिशत अंक के साथ 12वीं पास की। शिवम भी अपने दोस्त के संग मेरठ कॉलेज में मिला। उसने बताया कि मेरठ कॉलेज में एडमिशन उसका सपना है। कॉलेज में केजुएल डे्रस में जाना होगा। पढ़ाई की इतनी टेंशन नहीं होगी। शिवम ने कहा कि एडमिशन तो मुश्किल लग रहा है, लेकिन अगर नहीं होता तो प्राइवेट एडमिशन ही एक उपाय होगा।

बीटेक करना चाहता हूं

शाहिद ने सेंट जोजफ इंटर कॉलेज से 59 प्रतिशत अंक के साथ 12वीं पास की है। शाहिद का सपना मेरठ कॉलेज स बीटेक करने का है। लेकिन शाहिद को नहीं पता है कि मेरठ कॉलेज से बीटेक नहीं होता.शाहिद ने कहा कि वैसे तो वह मेरठ कॉलेज में एडमिशन चाहता है, लेकिन अगर यहां बीटेक नहीं है तो वह किसी प्राइवेट कॉलेज में ही ट्राई करेगा।

एक्स्ट्रा सर्टिफिकेट नहीं

लाइबा आरजी डिग्री कॉलेज में एडमिशन का सपना देख रही है। लाइबा ने आरजी इंटर कॉलेज से 12वीं 66 प्रतिशत अंक के साथ पास की है। लाइबा का सपना है कि वह आरजी डिग्री कॉलेज में एडमिशन ले, जिसने अपनी स्कूल लाइफ में इस स्कूल को खुलकर निहारा है। अब लाइबा की मुश्किल है कि उसके पास कोई एक्स्ट्रा सर्टिफिकेट नहीं है जिससे कोटा मिल जाए। ऐसे में लाइबा के लिए एडिमशन मुश्किल खड़ी कर सकता है। लाइबा कहती हैं कि अगर एडमिशन नहीं होता फिर तो एक ही रास्ता है या तो कोई दूसरा कॉलेज में ट्राई करना या फिर प्राइवेट करना।

हाई मैरिट का डर

सदफ ने एसएसडी गल्र्स से 65 प्रतिशत अंक के साथ 12वीं पास की है। सपना है अपने मनपसंद कॉलेज में एडमिशन लेना.  सदफ की ख्वाहिश है कि वह आरजी कॉलेज में एडमिशन ले। जिसमें उसकी फ्रेंड एडमिशन ले रही है। लेकिन उसे भी डर है कि कहीं हाई मैरिट उसके सपने ना कुचल दे। सदफ कहती है कि अगर उसे मौका नहीं मिलता तो वो प्राइवेट करके पढ़ाई करेगी।

कैसे होगा एडशिमन

ये तो अपने मेरठ के कॉलेजों की बात हुई है। दिल्ली के कॉलेजों में एडमिशन लेना और भी टेढ़ी खीर साबित होता रहा है। 90 प्रतिशत तक माक्र्स लाने वाले भी दिल्ली के कॉलेजों में एडमिशन नहीं ले पाते। अपने मेरठ के भी कॉलेजों का यही हाल है। यहां पिछले वर्ष मेरिट 70 प्रतिशत से नीचे ही नहीं खिसकी। जिसकी वजह से हजारों बच्चें एडमिशन से रह गए। अब इस बार जब यूपी बोर्ड का भी बंपर रिजल्ट आया है तो नतीजे चौकाने वाले हो सकते हैं।

Another Way

अपने मनपसंद कॉलेज में एडमिशन लेने की चाह रखने वाले कुछ बच्चें शुरू से ही अपना ग्राउंड तैयार करते  हैं। कोई सिंगिंग, स्पोटर्स, एनसीसी, स्काउट गाइड आदि को अपनी पढ़ाई के साथ जारी रखता है। इसका नतीजा होता है कि अच्छा रिजल्ट पाने वाले बच्चों को कॉलेज कोटा दे देते हैं और उनका अपने मनपसंद कॉलेज में एडमिशन का सपना पूरा हो जाता है।

'मेरिट हाई और बंपर रिजल्ट से बहुत मुश्किल बढ़ गई हैं। नतीजा यही रहता है कि कई बच्चें एडमिशन से रह जाते हैं। ये तो यूनिवर्सिटी को डिसाइड करना है कि वो क्या करती है। '

- एनपी सिंह, प्राचार्य मेरठ कॉलेज