अधिकारियों के निशाने पर अपराधियों से मिलीभगत रखने वाले पुलिसकर्मी

पुलिस विभाग में अपराधियों के मुखबिरों की सूची बनाकर एसएसपी को भेजेगी एलआईयू

विकास दूबे द्वारा पुलिसकíमयों की हत्या के बाद से रोजाना नए सबक ले रहा पुलिस विभाग

Meerut । कानपुर में विकास दूबे कांड के बाद पुलिसकíमयों की अपराधियों से मिलीभगत साफ हो गई है। ऐसे में अपराधियों की मदद करने वाले वाले पुलिसकíमयों पर खुफिया विभाग से भी नजर रखी जाएगी। इसके साथ ही सíवलांस के जरिए भी ऐसे पुलिसकíमयों तक पहुंचने की तैयारी है, जो अपराधियों को पुलिस विभाग में चल रहे हर अपडेट की जानकारी देते हैं। ऐसे पुलिसकर्मी अधिकारियों के निशाने पर हैं, ताकि उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो जाए और विकास दूबे द्वारा पुलिसकर्मियों की हत्या जैसी घटना दोबारा न हो। इसलिए आला अधिकारियों ने भी दागी पुलिसकíमयों के खिलाफ लिस्ट तैयार करके सख्त कार्रवाई करने की बात कही है। जिस पर स्थानीय स्तर पर अधिकारियों ने कार्रवाई करनी शुरू कर दी है।

लीक होती हैं सूचनाएं

अपराधियों का पुलिसकíमयों से जब भी गठजोड़ रहा है तो उन पर कानूनी शिकंजा कसने में पुलिस प्रशासन हमेशा नाकाम रहा है। दबिश देने से पहले ही बदमाश मौके से फरार हो जाएगा तो पुलिस खाली हाथ वापस लौट आएगी। इसके पीछे घर के ही दुश्मन सबसे बड़ी वजह है। जिस तरह से विकास दूबे को कुछ पुलिसकíमयों द्वारा पुलिस फोर्स द्वारा दबिश देने की बात बताई गई तो विकास दूबे अपने साथियों के साथ तैयार हो गया था। जैसे ही पुलिस ने एंट्री की वैसे ही आरोपियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग करनी शुरू कर दी, जिसमें 8 पुलिसकर्मी शहीद हुए। इस तरह की घटना दोबारा न हो, इसको लेकर यूं तो पूरे प्रदेश में कवायद चल रही है, लेकिन स्थानीय स्तर पर भी अधिकारियों ने रणनीति बनाई है। जो भी पुलिसकर्मी अपराधी को मुखबिरी करके सूचना देता है उसके खिलाफ खुफिया तंत्र भी नजर रखेगा। खुफिया विभाग सभी थानों में अपनी लिस्ट तैयार करके अधिकारियों को सौंपेंगे। इसके साथ ही सíवलांस सेल में तैनात पुलिसकíमयों को भी गोपनीय ढंग से इन पुलिसकíमयों की सीडीआर और कॉल चेक करने के लिए कहा गया है, ताकि इनको चिह्नित करके सबूतों के साथ सख्त कार्रवाई की जा सके। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि दागी पुलिसकíमयों की विभाग में जगह नहीं है। ऐसे पुलिसकíमयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी।

कुछ थाने अभी से निशाने पर

अभी से कुछ थानों को टारगेट कर लिया गया है। जिसमें सदर बाजार, टीपी नगर, ब्रह्मपुरी, लिसाड़ी गेट और कोतवाली शामिल है। दरअसल सदर बाजार एरिया के सोतीगंज में वाहनों का कटान होता है। यहां अक्सर बाहर की पुलिस भी आकर दबिश देती रहती है। पुलिस के आमद दर्ज कराने के साथ ही सूचना लीक हो जाती है और पुलिस को खाली हाथ जाना होता है, इसलिए सदर थाना भी टारगेट पर है। इसके साथ ही टीपी नगर में बड़े-बड़े शराब तस्कर रहते है। शराब तस्करों की कमर तोड़ने के लिए पुलिस लगातार दबिश मारती रहती है। आबकारी के साथ-साथ पुलिस की स्पेशल विंग भी छापेमारी करती है, यहां भी सूचना लीक होने के चलते कई बार अपराधी बच जाते है। इसके साथ ही ब्रहमपुरी, लिसाड़ी गेट और कोतवाली में पशुओं का कटान होता है, यहां से भी सूचना लीक हो जाती है।

सíवलांस का सहारा

सíवलांस का भी सहारा लिया जा रहा है। पुलिसकíमयों की किन-किनसे कितनी बात होती है, इन सब को भी सíवलांस के माध्यम से दागी पुलिसकíमयों तक पहुंचने का काम अधिकारियों के द्वारा किया जाएगा। एक ओर खुफिया तंत्र और दूसरी ओर सíवलांस सिस्टम के जरिए अपराधियों के पुलिस विभाग में मुखबिरों की कमर तोड़ने का मकसद अधिकारियों का साफ है। सभी दागी पुलिसकíमयों की लिस्ट तैयार करके कार्रवाई की जाएगी।

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अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई लगातार की जा रही है। जो भी पुलिसकर्मी आरोपियों से मिलीभगत करता होगा, उसके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसकी भी मानीटरिंग कराई जा रही है।

अजय साहनी

एसएसपी