ऑनलाइन कोचिंग इंस्टीट्यूट थीम पर पढ़ेंगे कॉलेज के स्टूडेंट्स

Meerut। अब यूनिवíसटी कैंपस व कॉलेजों में यू-ट्यूब पर चलने वाले कोचिंग इंस्टीट्यूट्स की थीम पर ही स्टूडेंट्स को पढ़ाई करवाई जाएगी। इसके तहत स्टूडेंट्स किसी भी समय क्लासेज ज्वॉइन कर सकेंगे। इससे स्टूडेंट्स की कोई क्लास मिस नहीं होगी। साथ ही वह अपनी समस्याओं को टॉपिक के अनुसार पूछ भी सकेंगे। स्टूडेंट्स का ऑनलाइन मॉक टेस्ट भी लिया जाएगा। यूनिवíसटी के अनुसार लेक्चर रिकॉर्ड होने की वजह से स्टूडेंट किसी भी लेक्चर को बार-बार सुन सकेंगे।

यू-ट्यूब चैनल बनाएं

यूनिवíसटी ने यूजीसी के निर्देशों पर सभी कॉलेजों को कहा है कि वो अपने यू-ट्यूब चैनल्स बनाएं, जो कोचिंग क्लासेज की तरह हों। साथ ही सभी टीचर्स के सेशन पहली वीडियो में साझा किए जाएंगे। इसके बाद किस सब्जेक्ट की क्लास कब है, उसका लेक्चर कौन लेगा और ये लेक्चर कितने घंटे का होगा, ये सब डिटेल पहले सेशन में ही बताई जाएंगी। इसके बाद रोजाना सेम टाइम सेशन शुरू किया जाएगा।

टॉपिक वाइज होंगे सेशन

जैसे यू-ट्यूब चैनल्स पर चलने वाले कोचिंग इंस्टीटूयट्स की तरह ही टॉपिक वाइस सेशन को डिवाइड किया जाएगा। इस दौरान यदि स्टूडेंट्स किसी टॉपिक पर कोई पूछने के लिए कमेंट करते हैं तो उन्हें टॉपिक खत्म होने के बाद संबंधित क्वेरी का जवाब दिया जाएगा। इतना ही नहीं, टॉपिक पढ़ाने के साथ ही स्टूडेंट्स का मॉक टेस्ट भी लिया जाएगा। यूनिवर्सिटी का मानना है कि ऐसा करने से ये पता भी लग जाएगा कि स्टूडेंट्स कितना सीख पा रहे हैं और उन्हें कहां दिक्कत आ रही है।

कॉलेजों ने यूट्यूब चैनल बनाकर ऑनलाइन कोचिंग इंस्टीट्यूट्स की तरह पढ़ाने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। कोरोना काल में ये पढ़ाई का बेस्ट तरीका है।

प्रो। वाई विमला, प्रोवीसी, सीसीएसयू

इस संबंध में तैयारियां चल रही हैं। ऑनलाइन क्लासेज को लेकर लगातार मीटिंग हो रही है। स्टूडेंट्स के लिए जो बेहतर है, उसे करने में कोई गुरेज नहीं।

डॉ। किरण प्रदीप, प्रिंसिपल, कनोहरलाल डिग्री कॉलेज

वेबसाइट पर सभी लेक्चर होंगे, इस बारे में मीटिंग हुई है। हम इसकी तैयारियों में जुट गए हैं। स्टूडेंट को एजुकेशन देने मे किसी तरह की कमी नहीं होगी।

डॉ। संध्या रानी, प्रिंसिपल, शहीद मंगल पांडेय कॉलेज

हम तो ऑनलाइन क्लासेज दे रहे हैं। नए निर्देशों के मुताबिक भी तैयारियां चल रही हैं। कोरोना संक्रमण से बचने के लिए ऑनलाइन क्लास से बेहतर विकल्प कोई दूसरा नहीं है।

डॉ। बीएस यादव, प्रिंसिपल, डीएन कॉलेज