मेरठ (ब्यूरो)। आप भी यदि इंटरव्यू में ऑरिजिनल दस्तावेज ले जाने से डरते हैं और आप सीसीएसयू के स्टूडेंट हैं तो आपके लिए राहत भरी खबर है। सीसीएसयू ने भारत सरकार की डिजिलॉकर स्कीम के तहत अब स्टूडेंट्स की सहायता के लिए डिग्रियां लॉकर में रख दी हैं। अब स्टूडेंट्स सीसीएसयू कैंपस और कॉलेजों की विभिन्न वर्षों की पासआउट की मार्कशीट व डिग्रियां आसानी से डिजीलॉकर से निकाल सकेंगे। इसके लिए आधार कार्ड नंबर के साथ ही यूनिवर्सिटी द्वारा भेजे लिंक या एसएमएस की जरूरत होगी। स्टूडेंट्स कहीं भी इस एप से अपनी डिग्री को डाउनलोड कर पाएंगे।

13 लाख से अधिक
सीसीएसयू व संबंधित कॉलेजों के वर्ष 2005-10 में पासआउट हुए 13 लाख 87 हजार स्टूडेंट्स की मार्कशीट डिजीलॉकर में अपलोड कर दी गई हैं। स्टूडेंट्स किसी भी वक्त इन मार्कशीट को न केवल एक्सेस कर सकेंगे, बल्कि इससे ऑनलाइन सत्यापन भी आसान हो जाएगा। विवि ने 50 लाख स्टूडेंट की डिग्रियों को अपलोड करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।

ये होगा फायदा
आप अपने सभी शैक्षणिक दस्तावेज, पहचान और पते का प्रमाण यहां सुरक्षित रख सकते हैं। अगर आप इंटरव्यू देने जा रहे हैं तो आप वहां एक लिंक दे सकते हैं, जिससे आपके दस्तावेज की जांच आसानी से हो जाएगी। आपको अपने साथ फोल्डर में ऑरिजिनल सर्टिफिकेट ले जाने की जरूरत नहीं होगी।

क्या है इसका उद्देश्य?
डिजिलॉकर स्कीम का उद्देश्य दस्तावेजों के कागजी रूप को कम करना है। इसके अलावा इससे एजेंसियों के बीच ई-दस्तावेजों के आदान-प्रदान का चलन बढ़ाना भी एक मकसद है। इस पोर्टल की मदद से ई-दस्तावेजों का आदान-प्रदान पंजीकृत कोष के माध्यम से किया जाएगा, जिससे ऑनलाइन दस्तावेजों की प्रमाणिकता सुनिश्चित होगी।

क्या मिलेगी सुविधा?
डिजिटल लॉकर स्कीम के हर आवेदक के आधार से जुड़ा हुआ 10 एमपी का व्यक्तिगत स्टोरेज स्पेस मिलता है। जहां सुरक्षित रूप से ई-दस्तावेजों एवं यूआरआई लिंक को रखा जा सकता है। इसके आलावा आधार कार्ड का नंबर डालकर आपके मोबाइल पर यूआरआई लिंक ले सकते हैं। इस लिंक के जरिए आप क्लिक करते ही अपना ओटीपी डालकर अपनी डिग्री ले सकते हैं। वेब पोर्टल के जरिए यह सुविधा उपलब्ध है। भविष्य में मोबाइल एप से भी यह सेवा मिलेगी।

ऐसे करें अपलोड
सबसे पहले आप इस लिंक digitallocker.gov.in पर क्लिक करें। यहां आप ईमेल आईडी, पासवर्ड या आधार की मदद से अकाउंट बना सकते हैं। आधार से लिंक मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी पर वेरिफिकेशन लिंक भेजे जाते हैं। इन्हें वेरीफाई करते ही आपका अकाउंट बन जाएगा। फिर आप अपने यूजर आईडी और पासवर्ड से यहां लॉग इन कर सकते हैं। आप अपने शैक्षणिक दस्तावेज और पहचान पते का सबूत यहां स्कैन कर अपलोड कर सकते हैं। इसके बाद आपको डिजिटल हस्ताक्षर करने की प्रक्रिया पूरी करनी होगी।

इन बातों का रखें ध्यान
-आप डिजिलॉकर पर अपने यूजर नेम और पासवर्ड के अलावा सोशल मीडिया जैसे फेसबुक, ट्विटर और जी-मेल के अकाउंट से भी साइन-इन कर सकते हैं।
-इसके बाद आपका पर्सनल अकाउंट आपके सामने होगा। इसमें दो सेक्शन होंगे।
-पहले अलग-अलग एजेंसियों द्वारा आपको जारी सर्टिफिकेट, उनके यूआरएल(लिंक) जारी करने की तिथि और शेयर करने का विकल्प होगा।
-दूसरे सेक्शन में आपके द्वारा अपलोड सर्टिफिकेट, उनका संक्षिप्त विवरण और शेयर व ई-साइन का विकल्प होगा।
-जरूरी दस्तावेज अपलोड करने के लिए पहले ऊपर दिए गए विकल्पों में से उचित विकल्प चुनें। जैसे अगर आप सर्टिफिकेट अपलोड करना चाहते हैं तो माई सर्टिफिकेट पर क्लिक करें।
-अपलोड डॉक्यूमेंट पर क्लिक कर अपने सर्टिफिकेट चुनें। उसके बारे में मांगी गई जानकारी भरें। ऐसे ही एक-एक कर आप अपने सारे दस्तावेज डिजिलॉकर में अपलोड कर सकते हैं।


कोट्स
डिजिलॉकर पर मार्कशीट अपलोड होने से बहुत फायदा होगा। यह विवि का सराहनीय कदम है। सभी स्टूडेंट्स की मार्कशीट अपलोड की जानी चाहिए।
अनुज

अगर यूनिवर्सिटी ऐसा कर रही तो इससे बहुत ही मदद मिलने वाली है, मगर सबकी कब तक अपलोड होंगी, ये विचार करने की बात है।
सौरभ

स्टूडेंट्स को अवेयर किया जा रहा है तो अच्छी बात है। पर देहात के स्टूडेंट्स नेट की समस्या के चलते खुद अपलोड नहीं कर पाएंगे। इसलिए यूनिवर्सिटी को ही सभी की मार्कशीट अपलोड करनी चाहिए।
राहुल


वर्जन
हमारा मकसद है सभी स्टूडेंट्स को भविष्य में अपनी डिग्री या मार्कशीट के लिए भटकना न पड़े। इसके लिए डिजिलॉकर पर डॉक्यूमेंट्स अपलोड करने का प्रयास किया जा रहा है। इसका लिंक स्टूडेंट्स की आईडी, आधार से लिंक फोन नंबर पर जा रहा है, इसको खोलकर वो आसानी से कहीं भी अपनी मार्कशीट खोल सकते हैं।
प्रो। संगीता शुक्ला, वीसी, सीसीएसयू