पेंटल टेक्नोलॉजी टेबलेट कंपनी का निदेशक है दिनेश पांडेय

दुबई से लौटते समय दिल्ली एयरपोर्ट पर ईओडब्ल्यू की मेरठ शाखा ने पकड़ा

मेरठ, शिमला, मसूरी समेत कई बड़े शहरों में लगा चुका बाइक बोट की रकम

Meerut। करीब 3500 करोड़ के बाइक बोट घोटाले में गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड के निदेशक संजय भाटी और आइटीवी के डायरेक्टर बिजेंद्र हुड्डा के साथ मिलकर 150 करोड़ों की हेरा-फेरी करने वाले पेंटल टेक्नोलॉजी टेबलेट कंपनी के निदेशक दिनेश पांडेय को दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया। बाइक बोट घोटाले के बाद दिनेश पांडेय ¨सगापुर भाग गया था। वहां से वह दुबई चला गया था। शुक्रवार को दुबई से भारत लौटते समय उसे ईओडब्ल्यू की टीम ने पकड़ लिया। इतना ही नहीं, ईओडब्ल्यू की तरफ से दिनेश पांडेय के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया हुआ था।

रियल एस्टेट कंपनी में इंवेस्टमेंट

एएसपी राम सुरेश यादव ने बताया कि मूलरूप से दिल्ली के गांधीनगर निवासी दिनेश पांडेय पुत्र राजमनी पांडेय का परिवार नोएडा के सेक्टर-36 में रहता है। वर्ष 2013 से वह जीआइपीएल कंपनी के डायरेक्टर बिजेंद्र हुड्डा के संपर्क में था। दिनेश टेबलेट बनाने की कंपनी का मालिक था। 2017 से उसने बिजेंद्र हुड्डा के साथ रियल स्टेट में काम शुरू किया। संजय भाटी और बिजेंद्र हुड्डा के लगभग 150 करोड़ रुपये दिनेश पांडेय की रियल स्टेट कंपनी में लगे हैं। इस रकम में ट्रांजक्शन की कोई लिखा-पढ़ी नहीं हुई। इसी बीच संजय भाटी, बिजेंद्र हुड्डा, बीएन तिवारी, वीके शर्मा और दिनेश पांडेय का आपस में तालमेल हो गया। तभी जीआइपीएल के निवेशकों की रकम अन्य कंपनियों के खातों में जमाकर ठिकाने लगाने की योजना बनाई गई। तभी उन्होंने विजय शर्मा से सांठ-गांठ कर नोबेल बैंक में विभिन्न कंपनियों के खाते खुलवाए और जीआइपीएल एवं इंटीपेंडेंट टीवी तथा अन्य सिस्टर कंपनियों के खातों में रकम को हस्तांतरित किया। इसके बाद वहां से विभिन्न छोटी कंपनियों, चेरिटेबल संस्थाओं के खातों में रकम हस्तांतरित कर अवैध लाभ हासिल किया गया।

60 करोड़ किए वापस

दिनेश पांडेय ने अपनी सामग इंडस्ट्री, सामग रियलटी प्रा। लि., जेनिथ टाउनशिप प्रा। लि., फायर टाउनशिप प्रा.लि। और सागाशिप मैनेजमेंट प्रा। लि। कंपनियों में रकम का लेन-देन किया। दिनेश पांडेय ने कंपनी से 150 करोड़ की रकम ली थी। अभी तक 60 करोड़ ही कंपनी को वापस कर पाए हैं। इसी तरह से कंपनी की रकम को संजय भाटी, सचिन भाटी, बिजेंद्र हुड्डा, बीएन तिवारी तथा अन्य लोगों के रिश्तेदारों एवं अन्य निदेशकों द्वारा संचालित कंपनियों में हस्तांतरित किया गया। जब से मुकदमा कायम हुआ तब से दिनेश पांडेय लगातार विदेश में था। अब मेरठ लाकर दिनेश पांडेय से कड़ी पूछताछ की जा रही है।