- इस बार भी एडमीशन के लिए होंगे ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन

- कई स्टूडेंट्स नहीं रखते हैं कंप्यूटर की जानकारी

- डीयू अभी तक अवेलेबल कराता है ऑफलाइन फॉर्म

Meerut : सीसीएस यूनिवर्सिटी अपने आपको अपग्रेड करने की कोशिश में लगी हुई है। इस बात में कोई बुराई नहीं है, लेकिन यूनिवर्सिटी को इस बात पर भी ध्यान देना चाहिए कि क्या वहां का स्टूडेंट यूनिवर्सिटी के अपग्रेडेशन के साथ अपने को मैच कर पा रहा है? इस बार भी एडमीशन प्रक्रिया शुरू होने से पहले इस तरह के सवाल उठने लगे हैं। क्या यूनिवर्सिटी की ऑनलाइन प्रक्रिया के साथ स्टूडेंट अपने आप को मैच कर पाएंगे? दूसरा सवाल ये कि अगर डीयू एडमीशन के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के साथ ऑफलाइन फॉर्म की व्यवस्था कर सकती है तो सीसीएसयू क्यों नहीं?

डीयू तो सीसीएसयू क्यों नहीं?

सीसीएसयू की ऑनलाइन व्यवस्था की पोल खुल चुकी है। एडमीशन लेकर एग्जाम तक सीसीएसयू खामियों का नतीजा स्टूडेंट्स भुगत रहे हैं। इस बार फिर यूनिवर्सिटी ऑनलाइन के फेर में फंसाने के चक्कर में है। पिछली बार की गलती को एक बार फिर से दोहराने जा रही है। इस बार भी ऑनलाइन ही रजिस्ट्रेशन ही होंगे। अगर हम पड़ोस की दिल्ली यूनिवर्सिटी की बात करें तो इतनी एडवांस यूनिवर्सिटी होने के बाद भी वहां ऑफलाइन फॉर्म की भी व्यवस्था की गई है।

हैंग रहती है वेबसाइट

जहां एक ओर दिल्ली यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पूरी तरह से एक्टिव और अपडेट रहती है। वहीं सीसीएसयू की वेबसाइट थोड़ा सा भी लोड सहने की क्षमता नहीं रखती। इसका नमूना कुछ महीनों पहले एग्जाम फॉर्म भरने के दौरान सभी लोग देख चुके हैं। वेबसाइट हैंग रहने से कई बार यूनिवर्सिटी ने फॉर्म भरने की डेट को आगे बढ़ाया था, जिसमें भी सैकड़ों स्टूडेंट्स फॉर्म भरने से महरूम रह गए थे।

ये है यूनिवर्सिटी के तर्क

वहीं यूनिवर्सिटी के अधिकारियों की मानें तो दिल्ली यूनिवर्सिटी और सीसीएस यूनिवर्सिटी में काफी डिफरेंस है। जहां डीयू की सीटें काफी कम और स्टाफ काफी ज्यादा हैं। वहीं सीसीएसयू में सीटें की संख्या काफी कम और स्टाफ बहुत कम है, जिसके तहत ऑफलाइन फॉर्म की व्यवस्था करना संभव नहीं है। साथ ही उनका कहना है कि ऑफलाइन में काफी फॉर्म भराने होंगे, जिनमें काफी खर्चा होगा। फिर उन फॉर्म को संभालना काफी टेढ़ा काम है।

इसमें भी तो करेंगे गलत

यूनिवर्सिटी के अधिकारियों का ये भी कहना है कि जो स्टूडेंट ऑनलाइन फॉर्म ठीक से नहीं भर सकते हैं। वो ऑफलाइन भरने में क्या गलतियां नहीं करेंगे? उनका ये भी कहना है कि ऑफलाइन फॉर्म में एक बार गलती होने पर उन्हें दोबारा से फॉर्म लेना होगा, जिससे उनके फॉर्म पर भी काफी रुपया खर्च होगा। ऐसे में ऑनलाइन फॉर्म भरने में अगर कुछ गलती होती है तो उसे ठीक किया जा सकता है। ऐसे में यूनिवर्सिटी की नजर में ऑनलाइन व्यवस्था काफी बेहतर है।

एक बात ये भी

जब आई नेक्स्ट ने पिछले साल के कुछ स्टूडेंट्स से बात की तो उन्होंने ऑनलाइन व्यवस्था के बारे में बताया कि अगर यूनिवर्सिटी ऑनलाइन के साथ ऑफलाइन भी व्यवस्था करती तो काफी बेहतर रहता। क्योंकि इस यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स शहरी इलाकों से ही नहीं बल्कि ग्रामीण इलाकों से भी आते हैं। जिन्हें कंप्यूटर के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती है। ऐसे में वो साइबर कैफे पर डिपेंड हो जाते हैं। फिर साइबर कैफे वाले जैसा फॉर्म भर देते हैं उन्हें उसी संतुष्ट रहना पड़ता है। साइबर कैफे वाले भी उनसे फॉर्म भरने काफी रुपए लेते हैं।

ऑनलाइन व्यवस्था के मामले में दिल्ली यूनिवर्सिटी हमसे काफी पीछे है। पिछली बार उन्होंने कोशिश की थी, लेकिन वो करा नहीं पाए। वहीं हम इसे दो साल से इंप्लीमेंट कर चुके हैं।

- वीसी गोयल, वीसी, सीसीएसयू

हम ऑनलाइन व्यवस्था की बुराई नहीं कर रहे हैं, लेकिन एकदम से ऑनलाइन व्यवस्था को पूरी तरह से एडॉप्ट करना भी ठीक नहीं है। साथ के साथ ऑफलाइन व्यवस्था भी रहनी चाहिए। ताकि स्टूडेंट्स को थोड़ा समय मिल सके।

- विकास मिश्रा, अध्यक्ष, यूनिवर्सिटी छात्र संघ

हम आने वाले नए स्टूडेंट्स के लिए ऑफलाइन व्यवस्था की शुरुआत को यूनिवर्सिटी के वीसी से बात करेंगे। ताकि जो दिक्कतें पहले स्टूडेंट्स फेस करनी पड़ी वो भविष्य में आने स्टूडेंट्स को न भुगतनी पड़े।

- अंकुर राणा, छात्र नेता

दिल्ली यूनिवर्सिटी जैसी एडवांस यूनिवर्सिटी ऑनलाइन के साथ ऑफलाइन व्यवस्था लागू रख सकती है तो सीसीएसयू क्यों नहीं। इस बारे में हम यूनिवर्सिटी से बात करेंगे।

- गगन सोम, छात्र नेता

फैक्ट एंड फिगर

- भ्ब्000 सीटें हैं डीयू के सभी कॉलेजों में।

- डीयू में ब्0 कोर्स हैं, जिनमें से स्टूडेंट्स अपनी पसंद चुन सकते हैं।

- म्भ् कॉलेज हैं डीयू में जिनके लिए होगी रेस।

- सीसीएसयू में क्,7भ्,00म् सीटें हैं।

- सीसीएसयू में म्भ् सरकारी कॉलेज हैं।