ऑनलाइन एजुकेशन के लिए मोबाइल एसेसरीज की बढ़ रही डिमांड

Meerut। कोरोनाकाल में स्टूडेंट्स के लिए स्कूल-कॉलेजों के खुलने का अभी कुछ पता नहीं है। केवल स्टाफ को ही बुलाया जा रहा है। अधिकांश स्कूल-कॉलेजों में ऑनलाइन क्लासेज ही चलाई जा रही हैं। इसको लेकर अब सभी पेरेंट्स व स्टूडेंट्स ने इंतजाम किए हैं। उधर चाइनीज आइटम के विरोध के चलते मार्केट में कम्प्यूटर, लैपटॉप व मोबाइल के साथ ही ऑनलाइन एजुकेशन के लिए जरूरी एसेसरीज की कमी होने लगी है। वहीं मोबाइल कंप्यूटर, लैपटॉप, ईयर फोन, वेबकैम आदि की बिक्री बढ़ी है तो इनके दामों में भी इजाफा हुआ है, जिसका असर सीधा पेरेंट्स की जेब पर पड़ रहा है।

पूरा करना है सिलेबस

कोरोना के चलते स्कूल व कॉलेज बंद हैं और ऑनलाइन क्लास चलाई जा रही हैं। स्कूलों व कॉलेजों को जल्द खोलने की बात हो रही है और तब तक ऑनलाइन पढ़ाई जारी रखी जाएगी। ऐसे में सिलेबस पूरा करने के लिए अब संडे को भी कुछ घंटा स्टूडेंट को ऑनलाइन क्लासेज कराई जा रही है। इन्ही चीजों को देखते हुए मार्केट में मोबाइल, कंम्प्यूटर, लैपटॉप के साथ ऑनलाइन एजुकेशन में यूज होने वाली एसेसरीज की डिमांड बढ़ने लगी है।

रेट भी बढ़ने लगे है

मोबाइल, कंप्यूटर व्यापारियों के मुताबिक अब पांच से छह हजार वाले मोबाइल मार्केट में नहीं हैं। अधिकतर लोग आठ हजार से अधिक वाले मोबाइल ही ले रहे हैं। जो इयर फोन पहले 40 रुपए का था, अब उसकी कीमत 80 रुपए है। 150 रुपए वाला वेबकॉम 250 रुपए का मिल रहा है। यही नहीं अधिकांश कंपनियां पहले से अधिक दामों पर मोबाइल बेच रही हैं और इनके साथ ऐसे महंगे मोबाइल भी जबर्दस्ती दुकानदारों को दिए जा रहे हैं, जिनकी सेल काफी कम है। कुछ कंपनियों के 10 हजार से नीचे वाले मॉडल बाजार में उपलब्ध ही नहीं हैं।

यह आया है फर्क

कैमरे की बेहतर क्वालिटी के लिए लोग आठ हजार से अधिक के ही फोन ले रहे हैं

पहले रोज मेरठ में एक करोड़ की सेल होती थी, अब सवा करोड़ की सेल होने लगी है।

मेरठ में मोबाइल, कम्प्यूटर, ईयरफोन व वेबकैम की डिमांड 30 प्रतिशत बढ़ी है।

लैपटॉप जो 35 हजार तक के थे, उनकी कीमत 42 हजार तक पहुंच चुकी है।

खरीदने पड़ेंगे दो मोबाइल

इस समय सभी की ऑनलाइन क्लासेज चल रही है। ऑफिस के काम भी वर्क एट होम ही चल रहे हैं। इसके चलते पेरेंटस को भी मोबाइल की जरुरत है। बच्चों के लिए अलग मोबाइल रखने पड़ रहे हैं। इसके चलते अब मोबाइल की डिमांड बढ़ने लगी है।

ऑनलाइन क्लासेज के लिए जरूरी इक्यूपमेंट्स खरीदने को कहा गया है। बच्चों की क्लासेज एक ही टाइम में चलती है। ऊपर से अपने काम भी होते हैं। इसलिए मजबूरन दो मोबाइल खरीदने पड़े।

सतनाम कौर

मैं तो बीएड कर रही हूं। इसके लिए ऑनलाइन ही क्लासेज चल रही है। कॉलेज बंद पड़े हैं। घर पर नेटवर्क दिक्कत थी। मजबूरन वाइफाई लगवाना पड़ा।

आरती

मैं एमसीए कर रहा हूं। फोन खराब हो गया है अब क्लासेज चल रही है। इसलिए मजबूरन में नया और महंगा फोन लेना पड़ा, ताकि किसी तरह की दिक्कत न हो।

नितिन

फीस के साथ ही मोबाइल व ईयर फोन की व्यवस्था सबकुछ कोरोना काल में एकदम भारी पड़ रहा है। एक तो पहले से ही बजट बिगड़ा है, ऊपर ये खर्च और हो गया है।

पूजा

मैं यूनिवíसटी से एमएसी कर रही हूं। ऑनलाइन क्लासेज चल रही हैं। अब नया महंगा मोबाइल लिया है। खर्च बढ़ने से सारा बजट बिगड़ गया है।

प्रीति

कोरोनाकाल में मोबाइल कंपनियों में मैन्युफैक्चरिंग प्रभावित रही, जिसका मार्केट असर पड़ा है। चाइना विरोध के कारण भी मोबाइल मार्केट प्रभावित है। जिनके पास मोबाइल का स्टॉक है, वे इसे मंगवा भी नहीं रहे हैं। सस्ते मोबाइल इस समय मार्केट में नहीं है।

सूरज सिंह, सदस्य, मेरठ रिटेल मोबाइल एसोसिएशन

इन दिनों में मोबाइल व गैजेट्स की डिमांड बढ़ गई है। सभी जगह हर काम ऑनलाइन हो रहे हैं। ऐसे में मोबाइल व गैजेट्स की डिमांड अधिक हो गई है।

शिशिल कौशिक, कौशिक इलेक्ट्रॉनिक्स

लोग मोबाइल तो ले रहे हैं, मगर पांच हजार तक का फोन ऑनलाइन वर्क के जमाने में कोई नहीं ले रहा है। हर कोई महंगा व अच्छे फीचर क्वालिटी का मोबाइल लेना चाहता है।

संदीप, मोबाइल टेलीकॉम