डब्ल्यूचओ के बाद डॉक्टर्स की सलाह, एन-95 मास्क के इस्तेमाल से बचे

Meerut। कोरोना वायरस का संक्रमण दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है। इसकी बड़ी वजह एक्सपट्‌र्र्स लोगों द्वारा मास्क का सही प्रयोग न करना भी बता रहे हैं। एक्सपट्‌र्र्स का कहना है कि अधिकतर लोग एन-95 मास्क का प्रयोग कर रहे है लेकिन ये बीमारी से बचाव में कारगार साबित नहीं हो रहा है। डब्ल्यूचओ के बाद डॉक्टर्स भी अब एन-95 की जगह लोगों को कपड़े के मास्क यूज करने की सलाह दे रहे हैं।

ये है वजह

ओएसडी डॉ। वेद प्रकाश बताते हैं कि एन-95 मास्क में वॉल्व होता है। सांस छोड़ने के दौरान ये बाहर निकल जाती है। इसकी वजह से संक्रमण के फैलने का खतरा रहता है। इसके अलावा लोग मास्क को गलत तरीके से भी प्रयोग कर रहे हैं। जिसमें कई बार लोग नाक के नीचे या गले में मास्क लटका लेते हैं। सही तरीके से मास्क का प्रयोग न करने की वजह से भी बीमारी का संक्रमण बढ़ रहा है।

ऐसे करें मास्क का प्रयोग

मेडिकल कॉलेज के सीएमएस डॉ। धीरज राज बताते हैं कि वायरस से बचाव के लिए जरूरी है कि मास्क से मुंह और नाक पूरी तरह ढक जाएं और बीच में कोई गैप न रहे। मास्क पहनते समय मास्क को न छुएं। मास्क को 6 से 8 घंटे में चेंज करना जरूरी है। वहीं सिंगल-यूज मास्क को री-यूज करने से बचें। मास्क को उतारते समय पीछे से उतारे, मुंह की ओर से हाथ न लगाएं। मास्क को उतारने के तुरंत बाद उसे डिस्कार्ड कर दें।

ये है शासन की एडवाइजरी

स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक राजीव गर्ग ने लोगों से अपील की है कि एन-95 मास्क कोरोना वायरस को फैलने से नहीं रोकता है। इसलिए वो एन-95 मास्क के इस्तेमाल से बचें और जितना हो सके घर पर बने मास्क का इस्तेमाल करें।

मास्क कवर को रोजाना धोया या साफ किया जाना जरूरी है। तेज गर्म पानी में थोड़ा नमक व कोई भी डिस्इंफेक्टनाइजरडालकर कपड़े के मास्क को धोया जा सकता है।

मास्क पहनने से पहले अच्छे से हाथों को धोएं।

अपना मास्क किसी दूसरे के साथ शेयर न करें।

जरूरी है सही मास्क

सीएमओ डॉ। राजकुमार ने बताया कि कोरोना वायरस के लक्षण आने में पांच से 14 दिन लगते हैं। कई पेशेंट्स बिना लक्षणों के भी पॉजिटिव मिल रहे हैं। कोरोना पॉजिटिव किसी मरीज के संपर्क में आते ही दूसरा व्यक्ति इंफेक्टेड हो जाता है। ऐसे में वह कैरियर की भूमिका निभाता है। यानी मरीज में भले ही लक्षण न आए हों लेकिन वह दूसरे लोगों को इंफेक्टेड कर सकता है। बहुत से लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होती हैं। इसलिए लक्षण या तो आते नहीं हैं या देर से आते हैं। ऐसे लोग कोरोना वायरस कैरियर होते हैं। कोरोना पॉजिटिव मरीज के एक मीटर का दायरा रेड जोन में आता है। वायरस मुंह और नाक से अटैक करता है। इसलिए ऐसे मास्क का प्रयोग करना जरूरी है, जिसमें किसी भी तरह से ड्रॉपलेट बाहर आने या जाने की संभावना न हो।