आई स्पेशल --

- खुले नाले और मेन होल मौत को दे रहे दावत

- नगर निगम ने नहीं बनाई नालों पर सेफ्टी वॉल

-सफाई न करने पर दलदल बन गए शहर के नाले

<आई स्पेशल --

- खुले नाले और मेन होल मौत को दे रहे दावत

- नगर निगम ने नहीं बनाई नालों पर सेफ्टी वॉल

-सफाई न करने पर दलदल बन गए शहर के नाले

mohit.sharma@inext.co.in

Meerut mohit.sharma@inext.co.in

Meerut : शहर के खुले पड़े नालों में हादसों का सिलसिला जारी है। इन नालों को लेकर हो रही वारदातों के बाद यदि इनको मौत के नाले कहा जाए तो कुछ गलत नहीं होगा। गौरव के साथ हुए हादसे ने निगम द्वारा नाला निर्माण में की गई लापरवाही की पोल खोल दी है। मौत को दावत दे रहे शहर के नालों की न तो फेसिंग की गई है और न ही किसी सेफ्टी वॉल का निर्माण किया गया है। नालों के किनारे किसी तरह का कोई सपोर्ट न होना भी हादसे की बड़ी वजह बन रहे हैं।

निगम की लापरवाही

शहर के अधिकांश नालों के किनारों पर सेफ्टी वॉल नहीं बनाई गई है। खासकर रिहायशी क्षेत्रों में जहां हादसों की सबसे अधिक आशंका रहती है, वहां तक पर निगम ने फेंसिंग या सेफ्टी वॉल का निर्माण नहीं किया है। परिणाम यह है कि छोटे-छोटे बच्चे निगम की इस लापरवाही की भेंट चढ़ रहे हैं।

नालों की सफाई नहीं

नालों की सफाई भी एक बड़ी समस्या है। लबालब कूड़े से भरे नालों से लोगों को बड़ी समस्या का सामना करना पड़ता है। हाल यह है कि सिल्ट से अटी नाले की ऊपरी सतह ने दलदल का रूप ले लिया है, जबकि इस दलदल के नीचे पानी का तेज बहाव होता है। यदि नाला पहले से ही साफ होता तो बच्चे की बॉडी मिलने में काफी आसानी होती।

आंकड़े खोल रहे हैं निगम की पोल

- म्ख् फीसदी मुख्य मार्गो पर सड़क के दोनों सेफ्टी वॉल नहीं।

- 90 फीसदी मुख्य कॉलोनियों की सड़कें ऐसी है, जिनके नालों के ऊपर मेनहोल नहीं हैं।

- दो तिहाई शहर में सीवर लाइन नहीं है।

- नगर निगम के पास कोई सीवर ट्रीटमेंट प्लांट नहीं है।

- ख्फ्क् करोड़ की लागत से जेएनएनयूआरएम अंतर्गत सीवरेज निस्तारण के लिए पाइप लाइन बिछाने का कार्य शुरू हुआ, पर अभी तक यह कार्य म्0 फीसदी ही हुआ है।

ये है नालों की तस्वीर

कुल नाले व नालियां -क्ख्क्भ्

प्रमुख नाले - आबू नाला 7क्, आबूनाला-7ख्, ओडियन दक्षिणी, मकाचीन, मोहनपुरी एनएएस, हाशिमपुरा, पांडव नगर,सुभाष नगर, मकबरा अब्बू

सीवर लाइन-ब्ख्भ् किमी

उत्पादित कचरा- 9ख्0 मीट्रिक टन

नाले-नालियों में डलता है - ब्ख्फ् मीट्रिक टन

सीवेज पंपिग स्टेशन - 9

सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट - एमडीए द्वारा अपनी कॉलोनियों में 80 एमएलडी क्षमता वाले क्क् एसटीपी स्थापित कराए। इनमें प्राधिकरण की शताब्दी नगर, गंगा नगर, रक्षापुरम व पल्लवपुरम कॉलोनियों का सीवरेज जाता है।

ये बात पूरी तरह से ठीक है। नालों के किनारों पर दो-दो फुट के चबूतरे होने के साथ फेंसिंग होनी चाहिए। मैं इस बारे में नगरायुक्त लेटर लिखूंगा। जल्द से जल्द इसे पूरा कराने की कोशिश करूंगा।

- हरिकांत आहलूवालिया, मेयर

नालों की सफाई को अभियान चलाया जाता है। कुछ नालों को छोड़कर अधिकांश नालों की सफाई कराई गई है। जल्द ही सफाई कार्य पूर्ण किया जाएगा।

डॉ। प्रेम सिंह, नगर स्वास्थ अधिकारी