लॉकडाउन के कारण हुए नुकसान की भरपाई के लिए मुख्यालय में मंथन

बस ऑपरेटर्स के सुझाव पर कम हो सकती है अनुबंधित बसों की संख्या

322 अनुबंधित बसों का संचालन हो रहा है मेरठ रीजन में

260 अनुबंधित बसें भैसाली डिपो से हो रहा है

62 अनुबंधित बसों का संचालन सोहराब गेट डिपो से हो रहा है

Meerut। कोरोना संक्रमण के चलते देश में जारी लॉकडाउन का असर अब अनुबंधित रोडवेज बसों के सफर पर पड़ सकता है। मुख्यालय को मिले सुझाव के आधार पर अब परिवहन विभाग अपने घाटे को कम करने और यात्रियों की संख्या के साथ राजस्व को बढ़ाने के लिए अनुबंधित बसों की संख्या कम करने का मन बना रहा है। यानि की रोडवेज अब अनुबंधित बसों की बजाए अपनी की बसों का संचालन कराएगी। इसके तहत मेरठ रीजन से सवा सौ बसों का संचालन बंद हो सकता है।

हो रहा घाटा

दरअसल लॉक डाउन के बाद रोडवेज ने अधिकतर सभी रूटों पर बसों का संचालन तो शुरु कर दिया लेकिन रोडवेज को यात्रियों की कमी से जूझना पड़ रहा है। ऐसे में रोडवेज अनुबंधित बसों की संख्या कम करेगा। निगम के पास अपनी और अनुबंधित बसें मिलाकर करीब 12 हजार बसें हैं। मुख्यालय स्तर पर मिले सुझाव के अनुसार रोडवेज प्रदेश स्तर पर अपनी बसों के बेडे़ में से पांच हजार बसों को आरटीओ को सरेंडर करने जा रहा है। इससे रोडवेज को प्रति माह 40 करोड़ रुपये की बचत होगी। ऐसे में मुख्यालय का मानना है कि बसों के अतिरिक्त कर एवं रोड टैक्स में कमी करने होगी जिससे निगम के राजस्व में वृद्धि होगी।

बंद हो सकती हैं सवा सौ बसें

गौरतलब है कि मेरठ रीजन में 322 अनुबंधित बसों का संचालन हो रहा है। इसमें भैंसाली डिपो से 260 अनुबंधित बस और सोहराबगेट डिपो में 62 अनुबंधित बसों का संचालन होता है। लॉक डाउन के दौरान जब से बसों का संचालन शुरु हुआ है यात्रियों की कमी के कारण अधिकतर बसें खाली चल रही थी। ऐसे में कई अनुबंधित बस संचालकों ने भी यही सुझाव दिया है कि उनकी बसों की संख्या कम की जाए ताकि टैक्स का बोझ कम हो सके। यदि यह योजना लागू हुई तो यह संभावना जताई जा रही है कि मेरठ रीजन की करीब सवा सौ अनुबंधित बसों का संचालन बंद हो सकता है। खासतौर पर उन रूटों पर जिन पर रोडवेज की बसों को घाटे में बसों का संचालन करना पड़ रहा है। हालांकि इस संबंध में एमडी रोडवेज का आदेश आने के बाद ही संचालन पर निर्णय लिया जाएगा।

इस संबंध में मुख्यालय स्तर पर निजी बस ऑपरेटर ने सुझाव दिए थे उन सुझाव के आधार पर अनुबंधित बसों का संचालन बंद करने पर निर्णय लिया जाएगा। मेरठ रीजन से करीब सवा सौ अनुबंधित बसों की संख्या कम हो सकती है।

नीरज सक्सेना, आरएम