-वेस्ट यूपी में सांप्रदायिक तनाव की आशंका के मद्देनजर मेरठ पहुंचे एडीजी लॉ एंड आर्डर ने पुलिस के कसे पेंच

- कहा, पुलिस कांवड़ यात्रा, रमजान और पंचायत चुनाव को लेकर हो जाए चौकन्नी

-जोन में अवैध हथियार बनाने वाली फैक्ट्रियों को चिह्नित कर कार्रवाई करें

-सोशल साइट पर गलत टिप्पणी अपलोड करने वाले के खिलाफ सख्ती से पेश आए पुलिस

Meerut : सांप्रदायिकता कहीं माहौल खराब न कर दे, पंचायत चुनावों में लॉ एंड आर्डर के लिए खतरा बने अवैध हथियार माफिया कहीं अपने मंसूबों में कामयाब न हो जाएं, रमजान के दौरान शांति बनी रहे, ऐतिहासिक कांवड़ यात्रा में बीते सालों की तरह कोई बवाल न हो जाए। आईबी की रिपोर्ट के बाद वेस्ट यूपी की आपराधिक गतिविधियों पर लगाम कसने के लिए शुक्रवार को एडीजी लॉ एंड आर्डर दलजीत चौधरी ने पुलिस लाइन में अधिकारियों की क्लास ली और सभी को व्यवस्थाएं दुरस्त करने के कड़े निर्देश दिए। खासकर कांवड़ यात्रा को सकुशल संपन्न कराने का जिम्मा आईजी आलोक शर्मा को सौंपते हुए एडीजी ने कहा कि रमजान और कांवड़ के दौरान पुलिस चौकन्नी रहे। दोनों समुदायों को नजदीक लाने के लिए बेहतर प्रयास किए जाएं। थानों पर पीस कमेटी की बैठकों की जानकारी उन्होंने इस दौरान ली।

कांवड़ को लेकर खास निर्देश

आगामी समय में कावड़ यात्रा को लेकर भी पुलिस को अलर्ट कर दिया है, एनएच-58 (दिल्ली-देहरादून हाइवे) पर कांवड़ यात्रा से जलाभिषेक तक वाहनों को आवागमन बंद कर दिया जाता हैं, जिसमें इसबार पुलिस के वाहनों की संख्या बढ़ा दी गई है। एडीजी ने कहा कि कांवड़ यात्रा के दौरान होने वाले बवाल को रोकने के लिए शिविरों को सड़क से दूरी पर लगाया जाएगा। स्थिति को देखते हुए उनके डीजे पर भी रोक लगाई जा सकती है। वहीं डाक कांवड़ पर डीजे पूरी तरह से प्रतिबंध है। इसके लिए हरिद्वार में होने वाली बैठक में शामिल होने जा रहे है। साथ ही ईद के त्यौहार पर भी पूरे रेंज में अलर्ट कर दिया है। गत वर्षो के मुकाबले अफसरों को स्थिति संभालने के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सांप्रदायिक बवाल के चलते वेस्ट यूपी के अमन में जहर खोलने वालों पर रासुका लगाई जाएगी। एक सवाल के जवाब में कहा कि, दंगे और संाप्रदायिक हिंसा में वांछित चल रहे लोगों पर भी निष्पक्ष होकर कार्रवाई की जाएगी। एडीजी ने सभी पुलिस कप्तानों को अपराध नियंत्रण के आदेश जारी कर दिए है। चेन स्नेचिंग और छेड़छाड़ और यातायात व्यवस्था में सुधार के आदेश दिए गए हैं।

बना लें बड़े गैंग्स की लिस्ट

पुलिस लाइन में प्रेस को एडीजी बताया कि सिर पर पंचायत चुनाव हैं। यह पुलिस के लिए बड़ी चुनौती है। सभी जनपदों को निर्देश दिए कि अपने-अपने जिलों के बड़े अपराधियों की सूची तैयार कर लें। ताकि कोई भी अनहोनी होने से पहले उसे रोका जा सके।

लंम्बित मामलों की सूची बनाएं

एडीजी ने सख्त लहजे में अधिकारियों को निर्देश दिए कि जितने भी लंम्बित मामले हैं उनकी लिस्ट तैयार कर लो। साथ ही आ‌र्म्स एम्युनिशन का सत्यापन प्राथमिकता पर किया जाए।

चौकीदारों की तैनाती

ग्राम पंचायत चुनावों के लिए हर गांव में चौकीदार तैनात किए जाएं। ताकि गांवों हो रही गतिविधियों पर नजर रखी जा सके। साथ ही चौकीदारों के माध्यम से गांव में मौजूद उपद्रवी को भी चिन्हित किया जाए।

कार्रवाई करने के निर्देश

वेस्ट यूपी की बिगड़ती हुई कानून व्यवस्था को लेकर एडीजीपी ने कहा कि यहां 2013 से 2015 तक कई संप्रदायिक दंगे हुए हैं। जिनमें ज्यादा से ज्यादा आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। आगे भी इसी तरह पुलिस अपना काम करें ताकि कोई असामाजिक तत्व इस तरह की हिमाकत करने की हिम्मत ही न जुटा पाएं।

छेड़छाड़ पर सख्त रुख

उन्होंने कहा कि खासकर मेरठ में महिलाओं के साथ छेड़छाड़, चेन स्नेचिंग, पर्स लूट जैसी घटनाओं से अखबार के पन्ने भरे रहते हैं। इसके लिए जिले के मुख्य अधिकारियों को सोचना चाहिए कि इस तरह के अपराध पर कैसे लगाम लगाई जा सके। ताकि महिलाओं को घर से निकलने में भय न लगे।

हर माह लेंगे बैठक

एडीजी ने कहा कि वेस्ट यूपी को अपराध मुक्त बनान के लिए वह खुद हर माह सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा बैठक लेते रहेंगे। लापरवाह पुलिस अधिकारी को किसी भी कीमत पर बक्शा नहीं जाएगा।

जनता से करें सीधा संवाद

एडीजी ने सभी मौजूद अधिकारियों को हिदायत दी कि वे आम जनता से सीधे संवाद करना शुरू करें। ताकि कोई गरीब पुलिस की वर्दी देखकर डरे न और अपनी बात को ठीक से कह सकें ।

ये अधिकारी रहे मौजूद

आईजी जोन आलोक शर्मा, डीआईजी रेंज रमित शर्मा, एसएसपी मेरठ दिनेश चंद्र दुबे के अलावा प्रीतिंद्रकुमार, धर्मेद्र यादव, अनंत देव, शरद सचान आदि रेंज के सभी जनपदों के कप्तान शामिल थे।

सांप्रदायिक तनाव की घटनाओं पर नजर

-3 जून 15 को पुलिस की लापरवाही के चलते टैंपो में बैठने को लेकर बहरामपुर में दो गुटों के बीच तनातनी हो गई। जिसका नतीजा ये हुआ कि करीब एक घंटे तक ताबड़तोड़ फाय¨रग हुई। इस बीच पुलिस मूकदर्शक बनी रही। जिसका नतीजा यह हुआ कि दोनों गांवों में तनाव कई दिनों तक तनाव की स्थिति बनी रही।

-13 मई 15 को सिविल लाइन के न्यू मोहनपुरी कब्रिस्तान के पास बाइक सवार युवकों पर टिप्पणी के चलते जमकर बवाल हुआ था। दो समुदायों के लोग आमने-सामने आ गए थे।

-23 अप्रैल 15 को खैरनगर बाजार के पत्थरवाला तिराहे पर दोपहर दो संप्रदाय आमने-सामने आ गए। बाइक की साइड लगने को लेकर हुए विवाद के बाद दोनों संप्रदाय के युवकों में जमकर पथराव हुआ।

-8 मार्च 15 को देहलीगेट के पूर्वा ताहिर हुसैन में शनिवार दोपहर बिजली के तार पर कटिया डालने को लेकर दो संप्रदाय के लोग आमने-सामने आ गए और जमकर पथराव हुआ। एक युवक की गर्दन पर छुरी से प्रहार कर गंभीर रूप से घायल कर दिया गया।

-3 अक्टूबर 14 को किठौर के जड़ौदा में धार्मिक स्थल पर आधा दर्जन से ज्यादा लोगों ने हमला बोल कर ताबड़तोड़ फायरिंग की। जिसमें एक युवक की मौत हो गई।

जब अधिकारियों के फूले हाथ-पांव

पुलिस लाइन में उस वक्त अधिकारियों के होश उड़ गए। जब एडीजीपी की प्रेस कॉफ्रेंस के दौरान एक युवक आत्मदाह की कोशिश करने लगा। आनन-फानन में आलाधिकारियों ने प्रेसवार्ता से उठकर युवक को समझाया और संबंधित थाने को कार्रवाई के आदेश दिए। लिसाड़ी गेट थाना क्षेत्र मोहल्ला फिरोजनगर घंटे वाली गली निवासी अमीर आलम मेवाती की शिकायत थी कि 27 मई को पड़ोस में रहने वाले युवकों ने उसके घर में गोलीबारी की। पुलिस ने पीडि़त की तहरीर पर मुकदमा तो दर्ज कर लिया, लेकिन अभी तक उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई है।

इधर मीटिंग, उधर सुलगा देवबंद

शुक्रवार को प्रदेश के एडीजी को भी सहारनपुर से बागपत तक तनाव की कसावट महसूस होती रही। इधर एडीजी बैठक कर रहे थे तो उधर देवबंद में देर शाम दो संप्रदाय भिड़ गए। बागपत के सिंघावली अहीर कस्बे में भी तनाव का माहौल बना हुआ है। मुजफ्फरनगर के मीरापुर के ¨हसाग्रस्त गांव भुम्मा में भी जुमे की नमाज के दौरान पुलिस-प्रशासन के माथे पर पसीना टपकता रहा। वहीं बागपत के कस्बे सिंघावली अहीर में गुरुवार को दुकान पर पैसों के लेकर हुए विवाद के बाद जमकर लाठी डंडे चले थे। संघर्ष के दौरान कई लोग घायल हो गए थे। शुक्रवार सुबह घायल बुंदू की मौत के बाद इलाके में तनाव फैल गया। गुस्साई भीड़ ने मेरठ -बागपत मार्ग पर जाम लगा दिया।