विभिन्न रूट्स पर बसों को नहीं मिल रहे यात्री, 20 फीसदी रह गई यात्रियों की संख्या

दिल्ली-मेरठ रूट सबसे ज्यादा प्रभावित, डीजल का खर्चा निकालना हुआ मुश्किल

Meerut। दिल्ली में लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण के कारण एक बार फिर रोडवेज को गत वर्ष वाली परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल, रोडवेज बसों में यात्रियों की संख्या 20 प्रतिशत रह गई है। अधिकतर रूट पर यात्रियों की संख्या की कमी है, जिससे कम यात्रियों के साथ ही बसें चलानी पड़ रही हैं। सबसे अधिक प्रभाव मेरठ-दिल्ली रूट पर पड़ा है। दिल्ली में लॉकडाउन के कारण केवल गाजियाबाद और नोएडा तक की सवारी ही मिल पा रहा हैं। इस कारण से दिल्ली रूट पर रोजवेज बसों का संचालन बुरी तरह प्रभावित है। यात्रियों की कमी के कारण कई-कई घंटे इंतजार के बाद बसों का संचालन किया जा रहा है। रोडवेज के लिए अब डीजल का खर्च निकालना भी दूभर हो गया है।

लोकल सवारी भी नहीं

दरअसल, कोरोना की दूसरी वेव के चलते गत सप्ताह तक लखनऊ, बलिया, शहाजहांपुर, सीतापुर पूरब के जनपदों को जाने वाली बसों में भरपूर यात्री रोडवेज को मिल रहे थे। लेकिन अब यात्रियों की संख्या लंबी दूरी की बसों में भी खत्म हो चुकी है। वहीं नाईट क‌र्फ्यू और दिल्ली में लॉकडाउन के कारण लोकल का यात्री अभी बसों से सफर करने से कतरा रहा है। वहीं भैंसाली डिपो पर सबसे अधिक यात्री मेरठ से दिल्ली जॉब पर जाने वाले या व्यापारी वर्ग का होता हैं। मगर अब दिल्ली रूट पर मात्र 40 प्रतिशत यात्री ही बसों में निकल रहा है, जिनमें मोदीनगर, गाजियाबाद और नोएडा का यात्री शामिल हैं।

40 मिनट तक वेट

कोरोना के कारण अब यात्रियों की संख्या लगातार घटती जा रही है। खासतौर पर आसपास के जनपदों में जाने वाली बसों के लिए घंटों सवारी का इंतजार करके बसों का रवाना किया जा रहा है। इससे न केवल बसों के संचालन का शेड्यूल खराब हो रहा था बल्कि यात्री भी परेशान हो रहे थे। ऐसे में रोडवेज ने कम से कम 40 मिनट में बस को रवाना होने का आदेश जारी किया है। ताकि यात्रियों को घंटो इंतजार न करना पडे।

पांच-पांच यात्री

यात्रियों की कमी के चलते मुजफ्फनगर, सहारनपुर, गाजियाबाद, मुरादाबाद, हापुड़ आदि शहरों के लिए 5-5 यात्रियों के साथ भी बसों को रवाना किया जा रहा है। घंटों इंतजार के बाद भी जब सवारी नहीं आती है तो बस को रवाना कर दूसरी बस को लगाया जा रहा है। इससे रोडवेज के राजस्व को चपत लगनी शुरू हो गई है। हालांकि तीसरे चरण के पंचायत चुनाव के लिए अब बसों को भेजे जाने की तैयारी की जा रही है, इससे रोडवेज को कुछ आय की उम्मीद है।

बसों में यात्रियों की संख्या आधे से भी कम है। इसके बाद भी बसों का संचालन जारी है। कुछ रूटों पर यात्री 2 से 5 तक ही सीमित हैं। उन रूटों पर भारी आय में भारी नुकसान हो रहा है।

राजेश कुमार, एआरएम