मेरठ (ब्यूरो)। परिवहन विभाग जल्द ही बसों की कमी को दूर करेगा। इसके लिए सभी रूटों पर अनुबंधित बसों की संख्या को बढ़ाया जाएगा। उम्मीद की जा रही है कि शहर से जुड़े सभी रूट पर यात्रियों को अब बेबस नहीं होना पड़ेगा।

रोडवेज की रहेगी विशेष नजर
गौरतलब है कि यात्रियों की सुविधा के लिए रोडवेज बसों की कमी को दूर करने के लिए निगम जुटा है। अनुबंधित बसों की संख्या बढ़ाई जा रही है। इसके संचालन से सभी रूटों पर बसों का संचालन बेहतर हो जाएगा। इन बसों की स्थिति पर भी रोडवेज निगम की विशेष नजर रहेगी।

निजीकरण की राह पर रोडवेज
इस नई व्यवस्था के अनुसार रोडवेज में अब 75 फीसदी अनुबंधित और 25 फीसदी रोडवेज की बसें चलेंगी। दरअसल, निगम की बसों की हालत खस्ता होने के कारण यह फैसला लिया गया है। बसों के स्पेयर पार्टस की कमी से लेकर टायर, बैटरी की कमी से रोडवेज जूझ रहा है। ऐसे में रोडवेज निजी बसों का संचालन कर अपनी परेशानी को कम करेगा। इससे निगम का खर्च भी कम होगा। यात्रियों को किसी भी रूट पर बसों की कमी नहीं होगी।

सप्ताह में 4 दिन मुख्य मार्गों पर
अधिकारियों के मुताबिक अनुबंधित बसें सप्ताह में चार दिन मुख्य मार्गों पर और दो दिन दूरदराज के देहात क्षेत्र में चलाई जाएंगी। अनुबंधित बसों की संख्या बढऩे से मेरठ से मवाना, सरधना, हस्तिनापुर, गाजियाबाद, बुलंदशहर, हापुड़, मुजफ्फरनगर सहित विभिन्न शहरी रूट के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में सुविधा बढ़ेगी। अनुबंधित बसो की संख्या बढऩे के बाद यात्रियों को रात नौ बजे के बाद भी बसें उपलब्ध होगी

एक नजर में
2023 मार्च तक 300 बसों के अनुबंध का तय टारगेट

9 बसों का अभी तक हुआ अनुबंध, पांच बसों के अनुबंध का सहमति पत्र देने की तैयारी

4 दिन सप्ताह में मुख्य मार्गों और दो दिन दूरदराज के क्षेत्र में चलाई जाएंगी

अनुबंधित बसों की संख्या बढऩे से मेरठ से मवाना, सरधना, हस्तिनापुर, गाजियाबाद, बुलंदशहर, हापुड़, मुजफ्फरनगर सहित विभिन्न शहरी रूट के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में बढेंगी सुविधा

अनुबंधित बसों की संख्या बढऩे के बाद यात्रियों को रात नौ बजे के बाद भी बसें उपलब्ध होगी

खासतौर पर मवाना, परीक्षितगढ़, मुजफ्फरनगर, बागपत, बडौत के रूट पर रात्रि सेवा का लाभ मिलेगा।

परिचालक की भर्ती के लिए भी टेंडर
अनुबंधित बसों की स्वीकृति मिलने के बाद विभाग ने परिचालकों की संख्या बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू की है। ऑनलाइन माध्यम से एजेंसी से भी आवेदन मांगे गए हैं। आवेदन आने के बाद परिचालकों की भर्ती की जाएगी।

अनुबंधित बसों की संख्या बढऩे से काफी हद तक देहात रूटों पर यात्रियों को लाभ मिलेगा।
आसाराम

कई लोकल रूटों पर बसें बहुत कम संख्या में रहती हैं, घंटों इंतजार करना पड़ता है। इस परेशानी से निजात मिलेगी।
रविंदर

रोडवेज के बेड़े में लगातार बसों की संख्या कम हो रही है। इससे यात्रियों की परेशानियां बढ़ रही हैं। अनुबंध पर बसें चलेंगी तो यात्रियों को सुविधा मिलेगी।
प्रिंस अग्रवाल

निगम की बसों की हालत वैसे भी खस्ता रहती है, अनुबंध वाली बसों की स्थिति बेहतर होने से यात्रियों का सफर सही रहेगा।
मनोज वर्मा

अनुबंध के लिए लगातार टेंडर प्रक्रिया शुरु हो गई है। मार्च तक 300 बसों को अनुबंध पर शुरू करने का हमने टारगेट तय किया है। जिसे समय से पूरा कर लिया जाएगा।
केके शर्मा, क्षेत्रीय प्रबंधक