मेरठ (ब्यूरो)। सितंबर में हुई रिकार्ड बारिश से जिले की अधिकतर सडक़ें बदहाल हो गई हैं। पीडब्लूडी, नगर निगम और अन्य विभाग क्षतिग्रस्त सडक़ों के आंकलन में जुटे हैं। इसमें नगर निगम ने अपने दायरे में मात्र 43 सडक़ों को खस्ता हाल सडक़ों को शामिल किया है। हालांकि, नगर निगम अब तक 90 वार्डों का सर्वे भी नहीं करा पाया है योजनाओं के साथ भारी भरकम बजट प्रस्तावित होता है। इसके बावजूद भी गड्ढों की संख्या कम नहीं हो पाती है।

सिटी में कुल 153 सडक़ें
नगर निगम के अभियंताओं के मुताबिक सिटी में कुल 153 सडक़ें हैं। इनकी कुल लंबाई 203.40 किमी है। इनमें से 53 किलोमीटर सडक़ें बारिश से क्षतिग्रस्त हुई हैं। अब सडक़ों को 30 नवंबर से पहले गड्ढा मुक्त बनाने का आदेश आने के बाद विभाग हरकत में आ गया है। इसके लिए निर्माण अनुभाग को जिम्मेदारी सौंपी गई है। निर्माण अनुभाग इन 43 सडक़ों के करीब 44 किमी के दायरे में पेंचवर्क करेगा। करीब 15 किमी का पेंच वर्क किया जा चुका है।

500 किमी देहात मार्ग क्षतिग्रस्त
ग्रामीण क्षेत्रों में बरसात के कारण 20 से 25 प्रतिशत सडक़ें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। इनके निर्माण की जिम्मेदारी पीडब्लूडी की है। ग्रामीण क्षेत्रों की करीब 500 किमी सडक़ें बदहाल हैं। शासन के आदेश के बाद पीडब्लूडी ने भी अभियान तेज कर दिया है। ग्रामीण क्षेत्र में राजपथ (एसएच), अन्य जिला मार्ग (ओडीआर) की सडक़ों का भी बुरा हाल है। इसके तहत मेरठ क्षेत्र की करीब 2611.94 किमी का टारगेट था। इसमें से 2126.85 किमी का टारगेट पूरा हो चुका है यानि करीब 81 प्रतिशत सडक़ें गडढ़ामुक्त हो चुकी हैं। हालांकि अभी भी पीडब्लूडी के दायरे की तकरीबन 500 किमी सडक़ें क्षतिग्रस्त हैं। वहीं, पीडब्लूडी के एक्सक्यूटिव इंजीनियर एमसी शर्मा ने कहा कि सडक़ों को जल्द से जल्द दुरुस्त कराया जा रहा है।

हाईवे और एक्सप्रेसवे भी बदहाल
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे, मेरठ - मुजफ्फरनगर एनएच-58, मेरठ -बुलन्दशहर एनएच-235 में ही कई स्थानों पर गड्ढे हो गए हैं। निर्माणाधीन मेरठ-गढ़मुक्तेश्वर एनएच-709 की हालत भी खस्ता है। एनएच-709 में तो हापुड़ अड्डा चौराहे से काली नदी तक सडक़ के दोनों तरफ 107 छोटे-बड़े गडढ़े हो गए हैं। एक्सप्रेसवे का हाल यह है कि बारिश हुई नहीं कि गढढ़े साफ दिखने लगते हैं। मेरठ से दुहाई इस्टर्न पेरिफेरल के बीच 17 स्थानों पर छोटे-बड़े गढढ़े हैं।

मवाना किला लिंक रोड उखड़ी
मवाना रोड को किला रोड से जोडऩे वाली लिंक रोड एक साल के भीतर उखडऩी शुरू हो गई है। मवाना रोड को किला रोड से जोडऩे के लिए करीब एक साल पूर्व 45 मीटर चौड़ी एवं 790 मीटर लंबी सडक़ का निर्माण हुआ है। किला रोड जाने के लिए वाहन सवारों को मेरठ शहर के अंदर से घूमकर नहीं जाना पड़ता है। एमडीए द्वारा बनाई गई यह लिंक रोड महज एक साल बाद ही उखडऩे लगी है। कई जगहों से सडक़ बैठ चुकी है। हादसे का डर भी लोगों को सता रहा है।

अधिकतर सडक़ों का सर्वे पूरा किया जा चुका है। करीब 44 किमी पर तेजी से काम किया जा रहा है। अधिकतर सडक़ें 30 नवंबर से पहले गड्ढामुक्त हो जाएंगी।
- अमित शर्मा, अधिशासी अभियंता, निर्माण विभाग