ड्रग इंस्पेक्टर ने जांच कर रिपोर्ट भेजी दिल्ली

Meerut। प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की तरह एलएलआएम मेडिकल कॉलेज में प्लाज्मा बैंक बनाने की तैयारियां शुरू हो गई है। सोमवार को थेरेपी के लिए प्लाज्मा सेपेरेशन मशीन भी अस्पताल में पहुंच गई। मशीन का निरीक्षण कर ड्रग इंस्पेक्टर ने रिपोर्ट भी दिल्ली भेज दी है। मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों के मुताबिक दिल्ली की टीम भी अभी निरीक्षण करने आएगी। रिपोर्ट को मंजूरी मिलने के बाद इसे चालू कर दिया जाएगा।

अस्पताल पहुंची मशीन

मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ। ज्ञानेंद्र कुमार ने बताया कि प्लाज्मा थेरेपी को लेकर कई जिलों में योजना तैयार की जा रही है। मेरठ में इसे पहले चरण में लागू किया जा रहा है। स्टाफ को ट्रेनिंग दी जा चुकी है। सोमवार को अस्पताल में मशीन पहुंच गई है। एक-दो दिन में इंजीनियर इसे इंस्टॉल कर देगा।

मरीजों का डाटा तैयार

मरीजों को प्लाज्मा थेरेपी की सुविधा देने के लिए मेडिकल कॉलेज ने अब तक एडमिट मरीजों का डाटा तैयार करा लिया गया है। इसके तहत करीब दो हजार मरीजों के नाम इसमें शामिल किए जा चुके हैं। जबकि करीब 150 मरीजों की सहमति भी प्लाज्मा डोनेशन के लिए ली जा चुकी है।

ये है प्लाज्मा थेरेपी

प्लाज्मा थेरेपी ऐसे मरीजों के लिए है, जो ऑक्सीजन और वेंटीलेटर पर भी ठीक नहीं होते हैं। प्लाज्मा थेरेपी के लिए ब्लड से प्लाज्मा अलग करके मरीजों को दिया जाता है। इसके लिए रिकवर हो चुके मरीजों के खून से प्लाज्मा लिया जाता है। रिकवर मरीजों के ब्लड के अंदर एंटीबॉडी में प्लाज्मा में होता है। उसे निकालकर गंभीर रूप से संक्रमित व्यक्ति को चढ़ाते हैं।