प्रमुख सचिव ने प्लाज्मा थेरपी के लिए कहा, 209 डोनरों की सूची बनी

Meerut। मेडिकल कालेज में कोरोना मरीजों को प्लाज्मा थेरपी देने की तैयारी है। इसमें शहर के तीन ऐसे निजी अस्पतालों का सहयोग लिया जाएगा, जहां प्लाज्मा निकालने की सुविधा है। शासन ने इस संदर्भ में मेडिकल कालेज को आगाह कर दिया है। जल्द ही तय कर लिया जाएगा कि थेरपी पर आने वाला खर्च मरीज देगा या प्रदेश सरकार भुगतान करेगी।

तैयार की सूची

मेडिकल कालेज ने कोरोना से ठीक हो चुके ऐसे 209 डोनरों की सूची तैयार की है, जो प्लाज्मा देंगे। मंगलवार को प्रमुख सचिव रजनीश दूबे ने मेडिकल कालेज के डाक्टरों के साथ वीडियोकांफ्रेंसिंग के दौरान साफ कर दिया कि आइसीएमआर ने प्रदेश के तकरीबन सभी राजकीय मेडिकल कालेजों में इस थेरपी को लेकर सहमति दे दी। कोविड वार्ड प्रभारी डॉ। सुधीर राठी ने बताया कि 15 अगस्त के बाद प्लाज्मा थेरपी पर काम शुरू कर दिया जाएगा। मेडिकल कालेज ने न्यूटीमा, कैलाशी व अन्य निजी अस्पतालों से संपर्क साधा है, जहां प्लाज्मा निकालने की तकनीक है। हर मरीज पर तकरीबन दस हजार रुपए का खर्च आएगा। जिलाधिकारी जल्द ही साफ कर देंगे कि बीपीएल एवं अन्य कार्डधारक मरीजों और सामान्य मरीजों के लिए क्या गाइडलाइन होगी।

पैनल लेगा निर्णय

मेडिकल कालेज ने गत दिनों नोएडा स्थित एक सुपरस्पेशिलियटी सेंटर से प्लाज्मा थेरपी के लिए संपर्क किया था। डाक्टरों का पैनल तय करेगा कि किस मरीज में थेरपी दी जाएगी। मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ। टीवीएस आर्य ने बताया कि कोरोना से ठीक चुके मरीजों के रक्त में एंटीबाडी उपलब्ध होती है। उसके शरीर का प्लाज्मा दूसरे मरीजों को चढ़ाकर उनका जीवन बचाया जा सकता है। गंभीर मरीजों में इस तकनीक को कारगर माना गया है। नई दिल्ली में प्लाज्मा बैंक भी बनाया गया है।