मासूम से बंधुआ मजदूरी कराने वाले पुलिस की पकड़ से दूर

सीडब्लूसी ने की काउंसलिंग, मासूम ने बयां की उत्पीडऩ की दास्तां

Meerut : 'वो मारपीट कर मुझसे घर का सारा काम कराती थीं। खाने के लिए रूखा-सूखा मिलता था, तो बीमारी में भी आंटी (सदर निवासी महिला) काम कराती थी। 23 सौ रुपए माह की तनख्वाह तय हुई थी, आंटी वो भी नहीं दे रही थी। मां नहीं रही इसके बाद बाबा से कभी बात करने की कोशिश करें तो आंटी मारपीट करती' एक साल से सदर में एक महिला की कैद से मुक्त होकर पुलिस के पास पहुंची मासूम ने काउंसलिंग के दौरान जो खुलासा किया उसे सुनकर हर कोई हैरान था। यहां 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' का केंद्र सरकार का नारा धुंधला नजर आ रहा था।

हो रहा था उत्पीड़न

सीडब्ल्यूसी की एक टीम ने गत दिनों लालकुर्ती स्थित नारी निकेतन में रह रही मासूम की काउंसलिंग की। काउंसलिंग के दौरान मासूम ने तो व्यथा बयां की वो रोंगटे खड़े कर देने वाली थी। सीडब्ल्यूसी को मासूम ने बताया कि माली हालत को देखकर उसके रिश्तेदार ही उसे नौकरी का झांसा देकर असम से दिल्ली ले आए थे। यहां रिश्तेदारों ने उसे गुरुग्राम की एक एजेंसी को सौंप दिया और बदले में मोटी रकम ले ली। सीडब्ल्यूसी के समक्ष पहुंची खुद को मासूम का रिश्तेदार बताने वाली महिला एजेंसी की ही एक एजेंट है। बता दें कि सीडब्ल्यूसी के समक्ष महिला के अलावा एक अन्य युवक भी पहुंचा था। मूल रूप से झारखंड का निवासी युवक भी खुद को मासूम का रिश्तेदार बता रहा था। जबकि मासूम असम की रहने वाली है। सीडब्ल्यूसी जल्द ही एक बार फिर मासूम की काउंसलिंग करेगी।

पुलिस की पकड़ से दूर आरोपी

मासूम से बंधुआ मजदूरी कराने के आरोपी पुलिस की पकड़ से दूर हैं। वहीं मोटी रकम लेकर मासूम को मेरठ में सप्लाई करने वाली एजेंसी पर भी शिकंजा नहीं कसा जा सका है। गंभीर प्रकरण पर पुलिस के लापरवाह रवैए के चलते मासूम के न्याय नहीं हो पा रहा है। दूसरी ओर, चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (सीडब्ल्यूसी) की पूछताछ में मासूम से रो-रोकर उत्पीड़न की दास्तां बयां की। ऐसे में सीडब्ल्यूसी अब महिला समेत गुरुग्राम की एजेंसी को नोटिस जारी करने करेगी। वहीं सीडब्ल्यूसी अब मासूम को क्षतिपूर्ति की धनराशि भी दिलवाने का प्रयास कर रही है।

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मासूम की काउंसलिंग की गई है। उसने सदर निवासी महिला द्वारा बंधक बनाकर मजदूरी कराने की बात स्वीकारी है। मासूम को क्षतिपूर्ति की धनराशि दिलवाने का काम शुरू किया जाएगा।

-अनिता राणा, सदस्य, सीडब्ल्यूसी, मेरठ