सांप्रदायिक घटनाओं की आशंका के चलते एलआईयू ने तैयार की रिपोर्ट

शहर की फिजा खराब करने वाले लोगों की खंगाली जा रही कुंडली

Meerut। शहर में बवालियों पर पुलिस ने निगरानी शुरू कर दी है। अधिकारियों की मानें तो मेरठ में सांप्रदायिक बवाल की आग समूचे पश्चिम उत्तरप्रदेश को झुलसा सकती है। इसलिए एसएसपी ने एलआईयू की सहायता से बवालियों की सूची तैयार की है। एसएसपी अखिलेश कुमार ने बताया कि प्रदेश में मेरठ शहर अति संवेदनशील क्षेत्रों में आता है। यहां छोटी सी घटना भी बवाल का रूप ले सकती है, इसलिए सभी बवालियों का रिकार्ड खंगाला जा रहा है। साथ ही उन पर नजर भी रखी जा रही है।

एलआईयू ने सौंपी सूची

गौरतलब है कि एलआईयू ने बीते पांच सालों में शहर में बवाल करने वालों की सूची तैयार की है। साथ ही सांप्रदायिक बवाल को हवा देने वाले 150 नामों वाली यह सूची एसएसपी को सौंपी है। जिसमें बवाल करने वालों का पूरा डाटा दिया गया है।

डिटेल में बताई गई घटना

इसके साथ डिटेल में पुरानी घटनाओं का भी जिक्र किया गया है। जिसके चलते शहर में सांप्रदायिक बवाल हो गया था.एसएसपी अखिलेश कुमार का कहना है कि खुफिया विभाग की टीम पूरे शहर में तैनात है। वह शहर में होने वाले पल- पल की गतिविधियों पर नजर रखही है।

हो चुके हैं कई बवाल

पिछले पांच साल की बात करें तो शहर में कई सांप्रदायिक बवाल हो चुका है। जिसमें सर्राफा बाजार में एक सर्राफ के 16 वर्षीय बेटे शुभम की गोली लगने से मौत भी हो चुकी है। कई लोग जेल भी जा चुके है।

यह है पुराने मामले

18 जून 2017

भावनपुर के अब्दुलापुर में मंदिर के बाहर डीजे बजने को लेकर जमकर खूनी संघर्ष हो गया था। पुलिस ने पहुंचकर मामला संभाला था। 40 लोगों के खिलाफ भावनपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था।

12 मई 2014

शहर के तीरगरान में बने प्याऊ को लेकर दो समुदाय में मामूली झगड़ा हो गया था। इसके बाद शहर का माहौल खराब हो गया था। दोनों तरफ से 45 लोग घायल हो गए थे। दोनों तरफ से काफी गोलीबारी भी हुई थी। 40 व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था।

27 जुलाई 2012

किठौर में दो समुदाय में मंदिर में निर्माण को लेकर सांप्रदायिक बवाल हो गया था। जिसमें दो लोगों की हत्या कर दी गई थी। देहात से सांप्रदायिक झगड़ा शहर में आ गया था। सीआरपीएफ ने मोर्चा संभाला था।