दिल्ली में आतंकी पकड़े जाने के बाद वेस्ट यूपी में अलर्ट

जैश के आतंकियों से वेस्ट यूपी को बड़ा खतरा, स्लीपर सेल तलाश रही पुलिस

1994 में जैश-ए- मोहम्मद ने दी थी दस्तक

2019 में देवबंद में पकड़े गए थे जैश के दो आतंकी

Meerut । जम्मू- श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग में घुसे जैश के चार आतंकी भले ही मुठभेड़ में ढेर हो गए। ये आतंकी देश में बड़ी वारदात को अंजाम देने के फिराक में थे। वहीं, खूंखार आतंकी संगठन जैश के आतंकियों से वेस्ट यूपी को भी बड़ा खतरा है। बीते दिनों मेरठ से नजदीक राजधानी दिल्ली में जैश के दो आतंकी दबोचे गए थे। अब पुलिस वेस्ट यूपी में इन आतंकियों की जड़ें तलाश रही है। पुलिस के साथ-साथ इंटेलीजेंस को वेस्ट यूपी में अलर्ट कर दिया गया है। वेस्ट यूपी में पहले भी जैश के आतंकी पकड़े जा चुके है।

संवेदनशील है वेस्ट यूपी

गौरतलब है कि आतंकी गतिविधियों के लिहाज से वेस्ट यूपी अति संवेदनशील है। वेस्ट यूपी में करीब 10 से ज्यादा आतंकी संगठनों के स्लीपर सेल सक्रिय है। इनमें अलकायदा, लश्कर-ए-तैयबा, आईएसआईएस, हिजबुल मुजाहिदीन और जैश - ए - मोहम्मद के आतंकी पकड़े जाते रहे हैं। पिछले साल देवबंद में जैश के दो आतंकी पकड़े गए थे। उन्होंने पूछताछ में बताया था कि ये वेस्ट यूपी में कई जगह घूमे थे।

देवबंद पर नजर

एसटीएफ अधिकारियों के अनुसार फरवरी 2019 में यूपी एटीएस की टीम ने देवबंद की नाज बिल्डिंग से जैश के दो आतंकियों को गिरफ्तार किया था। इनसे बातचीत में सामने आया था कि ये वेस्ट यूपी के कई जिलों में घूमे थे।

साल 1994 से जुड़े तार

जैश ने वेस्ट यूपी में अपनी जड़े यूं तो 25 साल पहले ही जमा ली थी। सहारनपुर तक संगठन के आतंकी पहुंच गए थे। साल 1994 में अपने मुखिया मसूद अजहर को छुड़ाने के लिए जैश के ही आतंकियों ने तीन ब्रिटिश नागरिकों को अपहृत कर सहारनपुर के थाना मंडी क्षेत्र के खाताखेड़ी में बंधक बनाया था। पुलिस और आतंकियों के बीच हुई मुठभेड़ में एक इंस्पेक्टर ध्रुव लाल और कांस्टेबल राजेश शहीद भी हो गए थे। मुजफ्फरनगर के गांव जौला से जैश-ए-मोहम्मद का एरिया कमांडर मोहम्मद वारस भी बहुत पहले गिरफ्तार किया गया था। बिजनौर से पांच साल पूर्व पकड़े गए आतंकियों ने मेरठ में पीएल शर्मा रोड से एक लैपटॉप भी खरीदा था। बिजनौर में किराए के मकान में विस्फोट होने के बाद यह आतंकी भाग गए थे।

लाते हैं हथियारों की खेप

मेरठ में पांच साल पहले आईएसआई का एजेंट भी पकड़ा जा चुका है। देहली गेट के पूर्वा फैय्याज अली का रहने वाला आसिफ आज भी चौधरी चरण सिंह जिला कारागार में बंद है। आसिफ के पास से हथियार भी बरामद हुए थे। उसकी पाकिस्तान से कॉल भी पाई गई थी। पाकिस्तान में बहाने से ससुराल बनाकर वहां पर आईएसआई के आतंकियों से आसिफ ट्रेनिंग लेता था।

जुड़े हो सकते हैं तार

दिल्ली में दो दिन पहले पकड़े गए जैश के दोनों आतंकियों के वेस्ट यूपी के कई जिलों में तार जुड़े हो सकते हैं। पुलिस स्लीपर सेल मॉडयूल के आधार पर भी वेस्ट यूपी में जड़ें तलाश रही है। बीती 25 जनवरी 2019 को दिल्ली में दो आतंकियों को गिरफ्तार किया था।

वेस्ट यूपी में कई बार आतंकियों पर कार्रवाई हो चुकी है। देवबंद में जैश के आतंकियों पर पिछले साल कार्रवाई हुई थी। मेरठ में आईएसआई एजेंट भी पकड़े जा चुके है। हमारी पूरी निगाह इस तरह के आतंकियों पर होती है।

बृजेश कुमार सिंह

सीओ एसटीएफ