हर बार हथियार फैक्ट्री और हथियार तस्करों को दबोच पुलिस कर लेती इतिश्री

हथियारों की डिमांड करने वालों की नहीं बनती लिस्ट, न होती है कोई कार्रवाई

Meerut। हथियार तस्करों की निगरानी और उनके सप्लाई सोर्सेज का खुलासा कभी पुलिस नहीं करती है। वहीं पुलिस तमंचा फैक्ट्री और सप्लाई करने वाले तस्करों को दबोचकर इतिश्री कर लेती। मगर तमंचों की डिमांड करने वालो पर कोई कार्रवाई नहीं होती। इसे पुलिस की खामी कहें या काम करने का तरीका, दोनों ही वजह से मेरठ में तमंचों की फैक्ट्री और तस्करी का तिलिस्म नहीं टूटता है।

डिमांड करने वाले सेफ

शहर के मलियाना में शुक्रवार को अवैध हथियारों की फैक्ट्रियां एसटीएफ ने पकड़ी। साथ ही चार आरोपियों को भी गिरफ्तार किया। इतना ही नहीं, मलियाना में फैक्ट्री के अलावा शारदा रोड और शॉप्रिक्स मॉल के पास से आरोपियों की निशानदेही पर एसटीएफ ने भारी मात्रा में अवैध हथियार भी बरामद किए। पुलिस अक्सर अवैध फैक्ट्रियों से हथियार बनाने वाले कारीगरों को पकड़कर अपना गुडवर्क दिखा देती है। इस वजह से अवैध हथियारों की डिमांड करने वाले हमेशा बच जाते हैं।

कई राज्यों में कारोबार

शुक्रवार को अवैध हथियार फैक्ट्री के खुलासे में भी सीओ एसटीएफ बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, बिजनौर, शामली, बागपत, बुलंदशहर, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान से हथियार तस्कर ऑन डिमांड अवैध तमंचे, पिस्टल और रिवॉल्वर तैयार करके बेचते थे। जिस पर एसटीएफ की टीम विस्तृत पूछताछ करने में जुटी है।

ऑनलाइन भी कारोबार

सूत्रों के मुताबिक कोरोना काल में हथियारों के सैंपल भेजने से लेकर पेमेंट लेने तक काम ऑनलाइन किया जा रहा था। जिसे अब भी अंजाम दिया जा रहा है क्योंकि शुक्रवार को पकड़े गए तस्करोंने हथियारों के सैंपल व्हाट्सएप ग्राहकों को भेजने की बात भी कुबूली है। एसटीएफ ने अब्बू और शफीक समेत चारों आरोपियों के मोबाइल कब्जे में ले लिए हैं। व्हाट्सएप पर ही उन्हें हथियारों के आर्डर आ रहे थे। कुछ हथियारों की रकम तो पेटीएम से भी ली जा रही थी। एसटीएफ सभी के बैंक खाते खंगाल रही है।

नहीं रखी जाती निगरानी

पुलिस जिन हथियार तस्करों को गिरफ्तार कर जेल भेजती है वह जल्द जमानत पर छूट जाते हैं। जेल से बाहर आते ही वह फिर से अपने नेटवर्क के जरिए अवैध हथियार बनाने और बेचने में जुट जाते हैं। पुलिस अगर इनकी निगरानी करे तो जिले में बड़े स्तर पर चल रही अवैध हथियार फैक्ट्रियों का संचालन बंद हो सकता है।

सीओ ऑफिस से 100 मीटर दूर

एसटीएफ की छापामारी के बाद स्थानीय पुलिस पर भी सवाल खड़ा हो गया है। इससे पहले दिल्ली की स्पेशल सेल ने भी लिसाड़ीगेट से हथियारों की फैक्ट्री पकड़ी थी। अब ब्रह्मापुरी में सीओ ऑफिस से 100 मीटर की दूर हथियारों का गोडाउन पकड़ा जाता है। मगर पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगती। मलियाना में मस्जिद के पास फैक्ट्री संचालित हो रही थी। यहां पर हर शुक्रवार को टीपीनगर पुलिस नमाज के लिए व्यवस्था बनाने को तैनात होती है। एडीजी राजीव सभरवाल ने बताया कि जिन-जिन थाना क्षेत्रों में फैक्ट्री पकड़ी गई है। उन सभी जगह तैनात पुलिस अधिकारियों की भूमिका की जांच कराई जाएगी।

पंचायत चुनाव में सप्लाई

आरोपियों से पूछताछ के आधार पर एसटीएफ के सीओ बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि पंचायत चुनाव के लिए हथियारों को तैयार किया जा रहा था। यूपी में पंचायत चुनाव है, ऐसे में इनकी सप्लाई दूर-दूर हो रही थी।

आतंकी कनेक्शन तो नहीं

देखा जा रहा है कि कहीं खालिस्तानी आतंकी संठगन के जावेद को तो पिस्टल सप्लाई नहीं हो रही थी। बता दें कि किठौर में रहने वाले जावेद को एसटीएफ ने खालिस्तानी संगठन को हथियारों की सप्लाई करने के आरोप में गिरफ्तार किया था।

एक नजर में

अवैध हथियारों के गढ़

मेरठ शहर में ब्रह्मपुरी

किठौर में राधना

मुंडाली में जिसौरा, जिसौरी,

परीक्षितगढ़ में अहमदनगर बढ़ला

खादर के कई गांव

अवैध हथियारों के दाम

तमंचा- 2000- 4000 रूपये

मेरठी पिस्टल (6 गोली) - 10 से 15 हजार

मेरठी पिस्टल (9 गोली) -- 12 से 17 हजार

मेरठी रिवॉल्वर (5 गोली) -- 20 से 30 हजार

मेरठी रिवॉल्वर (6 गोली) -- 30 से 45 हजार