कैंट में साफ-सफाई का निरीक्षण कर रही है स्वच्छता सर्वेक्षण की टीम

सौंदर्यीकरण के लिए बनाए गए स्टैच्यू और फाउंटेन बने शोपीस

Meerut। स्वच्छता सर्वेक्षण की दौड़ में नंबर वन रैंक हासिल करने की तैयारियों में कैंट बोर्ड जुटा है। वहीं स्वच्छता सर्वेक्षण की टीम कैंट में साफ-सफाई का निरीक्षण करने पहुंची है। ऐसे में शहर में कैंट के सभी वार्डो में सफाई के दावे पोल खोल रहे हैं।

नंबर वन का दावा

कैंट बोर्ड उपाध्यक्ष बीना वाधवा ने बताया कि स्वच्छता सर्वेक्षण अभियान में मेरठ कैंट को नंबर वन लाने के लिए प्रयास शुरु कर दिए गए है। प्लानिंग के अुनसार सीओ ने शुरुआत करा दी है। कैंट के वार्ड नम्बर एक से प्लास्टिक नाले में न डालने के लिए लोगों को जागरुक किया जा रहा है। सभी वार्डो में इसके लिए जागरुकता फैलाई जा रही है। जिसके पास भी प्लास्टिक है वो विभाग को आकर एकत्रित करके दे, ताकि विभाग द्वारा उसका रियूज किया जाए।

50 लाख की मशीनों से सफाई

उपाध्यक्ष बीना वाधवा ने बताया कि अभी तक दिन में ही सफाई हो रही थी। अब हमने दिन व रात दोनों टाइम सफाई की व्यवस्था रोजाना होगी। इसके साथ ही चार मशीनें नई मंगवाई है जो टोटल पचास लाख रुपए के बजट में आई है, ये मशीनें नालों व नालियों के अंदर से पूरी नीचे तक की सफाई करेंगी। इनकी शुरुआत जल्द ही होने वाली है, इससे नालों व नालियों की बेहतर तरीके से सफाई होगी। उपाध्यक्ष ने बताया कि अब लोगों को जागरुक करने के लिए जल्द ही डोर टू डोर अभियान शुरु होगा। इसमें घरों में जाकर जागरूक करेंगे।

वार्डो में पहुंची टीम

बोर्ड के सभी वार्डो में सफाई व्यवस्था पर अब मुख्य कार्यालय से आई लखनऊ की टीम की नजर है। स्वच्छता सर्वेक्षण करने पहुंची टीम के बारे में अधिकारी व बोर्ड सदस्य भी अनजान है कि वह कब किस वार्ड में पहुंचेगी, ऐसे में विभाग व सदस्य सभी मिलकर वार्डो में सफाई कराने में जुट गए है, ऐसे में कर्मचारियों से डबल ड्यूटी करवाकर उनसे सफाई करवाई जा रही है।

मुख्यालय की है पैनी नजर

छावनी क्षेत्र की सफाई व्यवस्था पर मुख्यालय से सीधे नजर रखी जा रही है। टीम ने वार्ड छह व सात में जाकर निरीक्षण किया। गांधी बाग के पिछले द्वार पर विशेष अभियान चलाया गया। यहां कूड़े के ढेर को हटाकर समतल मैदान बना दिया गया।

तस्वीरें बता रहीं हालात

बोर्ड के विभिन्न इलाकों की तस्वीरें ही कैंट बोर्ड के असली हालात बयां कर रही है। कहीं आरओ बंद है तो कहीं फाउंटेन खराब हैं। तो कहीं पानी के लगाए प्याऊ तक खस्ता हालात में है। वहीं वेस्ट मैटीरियल के स्टैचू भी अब गायब हो चुके है।

फाउंटेन बंद, स्टैचू गायब

एसडीएम गार्डन के सामने जो सौंदर्यीकरण के लिए वेस्ट मैटीरियल से खूबसूरत स्टैचू बनाए गए थे वो अब गायब हो चुके हैं। वहीं शिव चौक सदर बाजार व बेगमपुल सहित विभिन्न इलाकों में लगाए आरओ जो अब बंद पड़े है खराब है। इसके अलावा पीपी कांफ्रेंस हॉल से आगे का चौपला वहां एक फाउंटेन लगा था जो अब बंद है।

विभाग की ओर से कुछ काम किए भी जाते है, तो उनका रख रखाव नहीं होता है। सिर्फ कुछ बना देना ही विभाग की जिम्मेदारी नही है। उनकी केयर भी करनी होती है।

विनेश

जगह-जगह कूड़ा, सड़कें खराब हैं। ऐसे हालातों के बीच कैसे कैंट बेहतर रैंक हासिल कर सकता है। जबकि कैंट ने पहले थर्ड रैंक हासिल की है अब बेहतर रैंक हासिल करना है।

रेखा

यहां गंदगी है। कूड़े के ढेर रहते हैं। साफ सफाई का पूरा ध्यान रखने की आवश्यकता है। कहीं भी कूड़ेदान नहीं है, जो नाम के लिए लगे है उनकी भी हालात ठीक नही है।

राघव

कैंट के सभी वार्डो के हालात खराब है। यहां कूड़ा उठाने के लिए तो आते है पर नालियों से कूड़ा बाहर ही निकालकर जाते है, जबकि उनको उठाना भी चाहिए।

अंकित