मेरठ (ब्यूरो)। जानकारी देते हुए जिला कार्यक्रम अधिकारी विनीत कुमार सिंह ने बताया वर्तमान में चल रहे वजन सप्ताह के दौरान जिले के प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्रों पर छह साल तक के बच्चों का वजन किया जा रहा है। ताकि कुपोषित और अतिकुपोषित बच्चों को चिन्हित कर उसके स्वास्थ्य में सुधार लाया जा सके। उन्होंने बताया बच्चों का डाटा भी एकत्र किया जा रहा है। अभियान में देरी को रोकने के लिए एकीकृत बाल विकास सेवा (आईसीडीएस) के अधिकारियों द्वारा नियमित रूप से आंगनबाड़ी केंद्रों पर संचालित वजन कार्यक्रम की सतत निगरानी की जा रही है। ताकि प्रत्येक केंद्र पर बच्चों के चिन्हांकन कार्य के बाद कुपोषण की रोकथाम के लिए संभव पोषण संवर्धन के नाम से एक अभियान एक जुलाई से चलाया जा सके।

विभिन्न कार्यक्रम आयोजित होंगे
सीडीपीओ ने बताया कि एक जुलाई से चलने वाले अभियान में आंगनबाड़ी केंद्रों पर विभिन्न कार्यक्रम जैसे होम विजिट, स्वास्थ्य जांच, चिकित्सकीय उपचार, पोषण परामर्श, व्यक्तिगत स्वच्छता आदि आयोजित किए जाएंगे। अभियान को सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग, पंचायती राज विभाग, पशुपालन विभाग, शिक्षा विभाग, खाद्य एवं रसद विभाग, ग्राम्य विकास एवं आयुष विभाग को शामिल किया गया है। उन्होंने बताया तीन माह तक चलने वाले अभियान का मुख्य उद्देश्य सैम, मैम एवं अल्प वजन बच्चों की पोषण स्थिति में सुधार लाना है।

जनपद में 2.14 बच्चे
इसमें बेहतर कार्य करने वाली जिले के तीन आंगनबाड़ी केंद्रों की तीन मुख्य सेविकाओं और तीन बाल विकास परियोजना अधिकारियों को चयनित कर शासन द्वारा पुरस्कृत किया जाएगा। उन्होंने बताया गत वर्ष भी संभव पोषण संवर्धन अभियान चलाया गया था। जिसके परिणाम सकारात्मक आए हैं। एक जुलाई से चलने वाले अभियान के लिए जनपद में शून्य से छह साल तक के सैम व मैम व अल्प वजन के बच्चों को चिन्हित किया जाएगा। जनपद में छह साल तक के बच्चों की वर्तमान में संख्या 2 लाख 14 हजार है।