उपद्रव में मारे गए लोगों के परिजनों से मिलने पहुंची कांग्रेस महासचिव

परतापुर साई कालोनी में परिजनों को दिया मदद का आश्वासन

काफिले के सामने हंगामा, कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ झड़प

Meerut। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी शुक्रवार को मेरठ पहुंची। साथ में कांग्रेस नेता इमरान मसूद भी थे। उन्होंने सीएए के विरोध में 20 दिसंबर को हुए उपद्रव के दौरान मारे गए लोगों के परिजनों से मुलाकात की। इस बार भी शहर के माहौल का हवाला देकर पुलिस प्रशासन ने उनके काफिले को एंटर नही होने दिया। आखिरकार प्रियंका गांधी ने साईं धाम कालोनी, परतापुर में पीडि़त परिवारों से मुलाकात कर उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया। इस दौरान प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर रोष जताया।

जनता से हुई रुबरु

दोपहर करीब एक बजे प्रियंका गांधी का काफिला परतापुर के ओम साई धाम कालोनी में उपद्रव में मृतक लोगों के परिजनों से मिलने पहुंचा। प्रियंका गांधी को देखने के लिए कालोनी की गलियों में लोगों का हुजूम उमड़ा रहा। प्रियंका गांधी पैदल ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ पीडि़त परिवारों से मिलने पहुंची। इस दौरान उन्होंने स्थानीय लोगों से बातचीत की और सेल्फी भी खिंचवाई।

बंद कमरे में बातचीत

प्रियंका गांधी समेत इमरान मसूद ने पीडि़त परिवारों से बंद कमरे में मुलाकात की और हर मदद का आश्वासन दिया। पीडि़त परिवारों ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट न दिए जाने पर अपना रोष जाहिर किया। इस पर प्रियंका ने कहा कि मैं हमेशा आपके साथ हूं। परिवारों से मिलने के बाद भारी धक्का मुक्की के बीच प्रियंका गांधी वापस दिल्ली के लिए रवाना हो गईं। वही, इमरान मसूद ने मीडिया से रूबरु होते हुए कहा कि प्रशासन का रवैया ठीक नही है। हमें बार-बार मिलने से रोका जा रहा है। आज भी प्रशासन ने हमें पीडि़त परिवारों से मिलने के लिए शहर के अंदर जाने से रोका। हमने धारा 144 का भी उल्लंघन नहीं किया। केवल प्रियंका गांधी की सिक्योरिटी साथ में है।

अन्याय कर रही सरकार

इस दौरान मीडिया से रुबरु होते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि सरकार तो चाहती है हम किसी पीडि़त परिवार से न मिलें, इसलिए वह हमें बार-बार रोकती है। इससे ज्यादा क्या हद होगी कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट तक नही दी जा रही है। उनकी तरफ से एफआईआर तक दर्ज नहीं हो रही है। हम इस अन्याय के खिलाफ हैं, जहां अन्याय होगा वहां हम पीडि़तों का साथ देंगे। पूरे उत्तर प्रदेश में हुई हिंसा के सवाल पर प्रियंका गांधी ने कहा कि मैंने राज्यपाल को एक बहुत लंबी चिट्ठी भेजी है। उसमें पूरी डिटेल है। पुलिस ने लोगों को किस तरह से पीटा है। पुलिस ने बच्चों को भी जेल में डाला है जो कि बहुत गलत है।

प्रियंका के खिलाफ नारेबाजी

पीडि़त परिवारों से मिलने के लिए प्रियंका गांधी अपने काफिले के साथ जैसे ही मुजफ्फरनगर से मेरठ सिवाया टोल प्लाजा पहुंची तो वहां अचानक एक व्यक्ति प्रियंका गांधी की गाड़ी के आगे आ गया और जोर-जोर से कांग्रेस मुर्दाबाद, कांग्रेस मुर्दाबाद के नारे लगाने लगा। इसके बाद प्रियंका गांधी की काफिले में चल रहे कांग्रेसी गाड़ी से उतरे और उससे हाथापाई करने लगे। हंगामा होता देख पुलिस ने किसी तरह बीच-बचाव किया। जिसके बाद प्रियंका गांधी अपने काफिले के साथ मृतकों के परिजनों से मिलने भूड़ भराल पहुंची।

चौकन्ना रहा पुलिस-प्रशासन

कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी के मेरठ आगमन के मद्देनजर पुलिस-प्रशासन चौकन्ना हो गया। शहर के सभी संवेनदनशील प्वाइंट्स पर सुरक्षाबलों की मुस्तैदी रही, वहीं आलाधिकारी सड़क पर रहे। हालांकि प्रियंका के शहर में प्रवेश पर रोक के बाद ही अधिकारियों ने चैन की सांस ली। सिटी मजिस्ट्रेट और सीओ सिटी इस दौरान हिंसा ग्रस्त में पुलिसबल और पैरा मिलिट्री फोर्स के साथ गश्त की।

दोपहर बाद आई सूचना

मुजफ्फनगर से वापसी के दौरान प्रियंका गांधी के मेरठ पहुंचने की सूचना पर पुलिसबल मुस्तैद हो गया। आनन-फानन में डीएम अनिल ढींगरा, एसएसपी अजय कुमार साहनी के निर्देश पर पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों ने प्रियंका गांधी के काफिले को दादरी बार्डर पर रोक लिया। यहां पुलिस ने प्रियंका गांधी को धारा 144 तोड़ने के संबंध में नोटिस रिसीव कराया। इस नोटिस में 20 दिसंबर के बाद मेरठ की स्थितियों को उजागर करते हुए किसी भी तरह के भ्रमण या दौरे से हिंसा/दंगा भड़कने की संभावनाएं जताई गई थी। नोटिस पर साइन करने के बाद प्रियंका का काफिला पुलिस की निगरानी के साथ आगे बढ़ निकला।

जनपद में धारा 144 लागू है, ऐसे में कांग्रेस महासचिव को दादरी बार्डर पर ही पुलिस ने नोटिस रिसीव करा दिया था। इस दौरान शहरसीमा में कड़ी चौकसी बरकरार रही। धारा 144 के उल्लंघन पर विधिक कार्यवाही की जाएगी।

डॉ। अखिलेश नरायण सिंह, एसपी सिटी, मेरठ