इस बार शहर में नहीं हुए सार्वजनिक कार्यक्रम

श्रद्धालुओं ने घरों में स्थापित की गणपति की प्रतिमा

Meerut। कोरोना काल का असर गणेश चतुर्थी पर भी देखने को मिला। इस बार श्रद्धालुओं ने गणपति की स्थापना की। साथ ही शहरों में होने वाले सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं हो सके। प्रशासन ने सार्वजनिक कार्यक्रमों की अनुमति नहीं दी थी। हालांकि, श्रद्धालुओं ने घरों में रहकर ही गणपति का स्वागत किया। उन्होंने अपने अपने तरीके से गणेश जी का स्वागत किया। ऐसे में शहर में बड़े पंडाल नहीं लग पाए। यही नहीं इस बार धूमधाम से विसर्जन भी नहीं हो सकेगा। ऐसे में शहर में विभिन्न संस्थाओं द्वारा लगाने वाले पंडाल और उनमें होने वाले महोत्सव तक कैंसिल हे गए। हालांकि, कई कॉलोनियों में लोग अपने लेवल पर गुलाल अबीर के साथ गणपति को लाए। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग व मास्क पहनकर ही लोगों ने गणेश जी का स्वागत किया। इसके साथ ही घरों में गणेश जी की स्थापना की गई। कोरोना के मद्देनजर भक्तों ने घरों में ही गणेश जी की स्थापना की। किसी ने पांच तो किसी ने सात दिन के लिए विराजमान किया।

छोटे लेवल पर करेंगे

श्री गणेश महाराष्ट्र मित्र मंडल की ओर से इस बार पंडाल नहीं सजाया गया। समिति अध्यक्ष महेंद्र पाटिल ने बताया कि 21 की रात को वो छोटी सी मूíत लाए है, जहां पंडाल लगाते थे, उसे वहां स्थापित किया। दो तीन लोग रोजाना वहां पूजा करेंगे। उन्होंने बताया कि कोरोना की वजह से परमिशन नहीं मिली है, जिससे पूरा महाराष्ट्र परिवार निराश है, लेकिन इन विषम परिस्थितियों के देखते हुए हम देश के साथ है। इसलिए इस बार छोटी सी मूर्ति लाए हैं। उसकी पूजा दो से तीन लोग ही करेंगे। इतने लोग ही विसर्जन करेंगे। शास्त्रीनगर एल-2 तिकोना पार्क में गणपति भगवान की महज दो तीन लोग ही पूजा करेंगे। उन्होंने मूíत विराजमान की। वे ईको फ्रेंडली मूíत लाए हैं। बागपत गेट शिव चौक स्थित भोले शंकर शिव मंदिर में हर वर्ष की तरह इस बार कार्यक्रम नहीं हो सके। संस्था के अरुण ने बताया कि इस बार महज भगवान की आरती होगी। इस बार भंडारा भी नहीं होगा। सदर गणेश मित्र मंडल के अध्यक्ष अप्पा ने बताया कि इस बार घरों पर ही मूíत विराजमान की है। जो गणेश जी है उनको दो लोग ही विसर्जन करने जाएंगे। श्री सिद्धी विनायक गणपति मंदिर कल्याणी के पुजारी पं। गणेश ठाकुर ने बताया कि इस बार गणेश चतुर्थी पर मंदिर के अंदर का श्रृंगार किया है। नौ दिन के लिए मूर्ति रखी है। शाम को आरती शाम होती है। वहीं विसर्जन के लिए भी एक से दो लोग ही जाएंगे।

घरों में ईको फ्रेंडली मूर्ति

इस बार श्रद्धालुओं ने घरों में ईको फ्रेंडली गणपति की स्थापना की है। सूरजकुंड में शिखा व उनके परिवार व पड़ोस के लोग मिलकर गणपति को लाए हैं। सभी ने अबीर गुलाल लगाकर स्वागत किया। वहीं माधवपुरम में अपूर्वा प्रकाश खरे ने बताया कि वो अपने घर गणेश जी को लाई है। घर के पास तालाब बनाकर विसर्जन करेंगे। पल्लवपुरम निवासी कपिल ग्रोवर व उनके परिवार पिछले आठ साल से गणेश जी को ला रहे हैं, वो इसबार 11 दिन के लिए लाए है। वो रोज गणपति की आरती करेंगे। इस विसर्जन में कम लोग ही जाएंगे। इनरव्हील क्लब प्लेटिनम की प्रभा गुप्ता ने बताया कि वो बागपत रोड पर धूमधाम से गुलाल की होली के साथ गणेश जी को लाई है। हालांकि, लोग कम थे क्योंकि सोशल डिस्टेंसिंग का भी ध्यान रखना था।