खुद को सेना में अधिकारी बताकर देता था फर्जी नियुक्ति पत्र

आर्मी इंटेलीजेंस ने आरोपित को सदर पुलिस को सौंपा, दो आरोपित फरार

Meerut। सेना में भर्ती की आड़ में ठगी करने के एक आरोपी को आर्मी इंटेलीजेंस ने पकड़ा है, जबकि दो फरार है। आरोपी एमईएस में पंप आपरेटर है और सेना का अफसर बताकर भर्ती के नाम पर युवाओं से 12 से 15 लाख रुपये लेकर फर्जी नियुक्ति पत्र भी दे रहा था। आरोपी के पास से दो लैपटॉप, मोबाइल और फर्जी आइडी भी मिली है। सदर बाजार थाना पुलिस ने आरोपियों पर मुकदमा दर्ज किया है।

कई युवाओं से लिए थे रुपये

एसपी सिटी अखिलेश नारायण सिंह ने बताया कि मुजफ्फरनगर जिले के बुढ़ाना थाने के बिराल गांव निवासी रवि कुमार ठेकेदार के अंडर में एमईएस में पंप में आपरेटर है। इसी पंप पर कमल निवासी निरपुड़ा थाना दोघट जिला बागपत और सतपाल निवासी कृष्णा विहार कंकरखेड़ा सुपरवाइजर पद पर कार्य करते हैं। पुलिस ने बताया कि रवि कुमार ने खुद को सेना का बड़ा अधिकारी बताकर कंकरखेड़ा थाने की श्रद्धापुरी निवासी नरेश चौधरी और हाथरस जिले के मुनेंद्र को 12 से 15 लाख रुपये में भर्ती कराने का भरोसा दिया था।

एडवांस लेकर दिए नियुक्ति पत्र

दोनों से छह-छह लाख रुपये एडवांस ले लिए। इसके बाद दोनों को नियुक्ति पत्र भी दे दिया। नियुक्ति पत्र फर्जी निकलने पर नरेश चौधरी के भाई विपिन चौधरी ने रवि के बारे में जानकारी की। पता चला कि रवि, सतपाल और कमल के साथ मिलकर अन्य युवकों को भी ठग चुका है। इसकी जानकारी विपिन ने आर्मी इंटेलीजेंस को दी। सोमवार देर रात आर्मी इंटेलीजेंस ने रवि को पकड़ लिया। पहले उसे कंकरखेड़ा थाने ले जाया गया, जहां इंस्पेक्टर तपेश्वर सागर ने दाखिल करने से इन्कार कर दिया।

ब्लैकबेरी मोबाइल, लैपटॉप बरामद

इसके बाद रवि को सदर बाजार थाना पुलिस को सौंप दिया। नरेश के भाई विपिन चौधरी ने उक्त तीनों आरोपितों पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस ने रवि की निशानदेही पर दो लैपटाप, दो मोबाइल, दो बैंक की चेक बुक और कुछ फर्जी आइडी बरामद की है। रवि को पुलिस ने कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया। बाकी दो आरोपियों की तलाश में पुलिस दबिश दे रही है।

420 आइपीसी : धोखाधड़ी : सात साल की सजा

406 आइपीसी : विश्वास तोड़ना : तीन साल की सजा

467, 468 आइपीसी : दस्तावेज में हेराफेरी : उम्र कैद

471 आइपीसी गलत दस्तावेज बनाना : उम्र कैद

120 बी : साजिश करना : उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान