मेरठ में पंजाब पुलिस का एक्शन, करोड़ों की नशीली दवाएं बरामद

परतापुर इंडस्ट्रीयल एरिया में चल रही पर्क फार्मेसी के नाम पर हो रहा था नशीली दवाईयों का खेल

मोहिउद्दीनपुर में था प्रतिबंधित व नशीली दवाइयों का गोदाम

पंजाब पुलिस ने एसएसपी को दी जानकारी, ली सर्विलांस की मदद

खैरनगर से व्यापारी को हिरासत में लिया, देहलीगेट पुलिस को नहीं दी सूचना

Meerut वेस्ट यूपी समेत कई राज्यों में अवैध रूप से नशीली दवाईयां बेचे जाने का भंडाफोड़ हुआ है। पंजाब पुलिस ने ड्रग विभाग की टीम के साथ खैरनगर से एक व्यापारी को हिरासत में लेने के बाद परतापुर इंडस्ट्रीयल एरिया में पर्क फार्मेसी के यहां छापेमारी की। यहां से टीम ने एकाउंटेंट को हिरासत में लेने के बाद मोहिउद्दीनपुर में एक गोदाम से करोड़ों रूपये की नशीली दवाईयां भी बरामद की। बाद में गोदाम को सील कर दिया गया। पुलिस ने यहां से कुछ दस्तावेज भी कब्जे में लिए हैं, जिनकी जांच-पड़ताल की जा रही है। पंजाब पुलिस दोनों लोगों से पूछताछ में जुटी है।

करोड़ों में कीमत

ड्रग इंस्पेक्टर पवन शाक्य के अनुसार पंजाब में नशीली दवाईयों को भारी मात्रा में मेरठ से सप्लाई किया जा रहा था। पंजाब पुलिस ने इस मामले में इनपुट जुटाया और खैरनगर से एक व्यापारी को हिरासत में ले लिया। जिसके बाद काशी में छापेमारी करके सतीश को हिरासत में लिया। यहां से टीम परतापुर में इंडस्ट्रीयल एरिया में पर्क कंपनी में छापेमारी करके एकाउंटेंट नीरज शर्मा को हिरासत में लिया। इसके बाद मोहिद्दीनपुर स्थित एकेएस गोदाम पर छापा मारा। यहां से टीम ने बड़ी मात्रा में नशीली दवाईयां बरामद की, जिनकी कीमत करोड़ों में बताई जा रही है। ड्रग इंस्पेक्टर पवन शाक्य ने बताया कि काफी मात्रा में नशीली दवाईयां बरामद की गई है। इसमें काफी दवाईयां ऐसी भी हैं, जो प्रतिबंधित हैं। वह इन्होंने कैसे बनाई और कहां से आई, इन बिंदुओं पर जांच-पड़ताल की जा रही हैं। सुबह से लेकर शाम तक छापेमारी के दौरान और कई महत्वपूर्ण जानकारी पुलिस टीम के हाथ लगी हैं, जिन पर पड़ताल चल रही है।

यहां हो रही थी सप्लाई

वेस्ट यूपी में मेरठ, गाजियाबाद, नोएडा, सहारनपुर समेत कई जिलों में नशीली दवाईयां अवैध रूप से सप्लाई की जा रही थी। इसके अलावा दिल्ली, पंजाब समेत कई राज्यों में नशीली दवाईयों का कारोबार फैला हुआ था। इन दवाईयों के खिलाफ पंजाब पुलिस को जब बड़ा इनपुट मेरठ का मिला तो उन्होंने इस पर अपनी टीम सक्रिय करते हुए कार्रवाई की।

थाना पुलिस को खबर नहीं

पंजाब पुलिस ने केवल ड्रग विभाग की टीम को विश्वास में लेकर छापेमारी की। इस छापेमारी की भनक न तो देहली गेट पुलिस को लगी और न ही परतापुर पुलिस को कोई जानकारी दी गई। इसके साथ ही इन दोनो थानों में पंजाब पुलिस ने आमद तक दर्ज नहीं कराई। हालांकि एसएसपी अजय साहनी के निर्देशन में पूरी कार्रवाई की गई।

तीन दिन से मेरठ में

पंजाब पुलिस की टीम तीन दिन से मेरठ में डेरा डाले हुए है। सोमवार को उन्होंने सबसे पहले व्यापारी को हिरासत में लिया था। जिसके बाद इन दवा कंपनी के बारे में जानकारी जुटाकर टीम ने आगे की कार्रवाई को अंजाम दिया। अभी पंजाब पुलिस की टीम ड्रग विभाग की टीम के साथ जांच-पड़ताल कर रही है। मगर आश्चर्य की बात है कि नशीली दवाईयों का कारोबार पुलिस की नाक के नीचे चलता रहा और पुलिस बेखबर रही। इतना ही नहीं, खैरनगर में भारी मात्रा में नशीली दवाईयों की सप्लाई हुई लेकिन देहली गेट पुलिस को पता नहीं चला। वहीं, परतापुर पुलिस को भी नशीली दवाईयों की भनक नहीं लगी, जबकि मेरठ से कई राज्यों में नशीली दवाईयां सप्लाई होती रहीं।

व्यापारी लेते रहे अपडेट

पंजाब पुलिस और ड्रग विभाग की टीम की छापेमारी के दौरान शहरभर के दवा व्यापारियों के साथ-साथ खैरनगर के थोक दवा व्यापारियों में अफरा -तफरी का माहौल था। एक-दूसरे से फोन करके इस कार्रवाई के बारे में सब जानकारी जुटाने में लगे थे।

नशीली दवाईयों को कई राज्यों में सप्लाई किया जा रहा था। पंजाब पुलिस ने संपर्क किया था। उनको सर्विलांस टीम की मदद दी गई और उसके बाद उन्होंने अपनी छापेमारी की कार्रवाई शुरू कर दी।

अजय साहनी, एसएसपी, मेरठ

नशा मुक्ति केंद्र का था करार, मार्केट में बेची

पंजाब की नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की टीम ने छापेमारी में 30 से 35 लाख टैबलेट और पच्चीस हजार से अधिक इंजेक्शन बरामद किए। यह अवैध तरीके से मार्केट में सप्लाई हो रहे थे।

पंजाब के मार्केट में दवाएं

ड्रग इंस्पेक्टर पवन शाक्य ने बताया कि इन दवाइयों को दवाई नशा मुक्ति केंद्र में सप्लाई करने का करार कंपनी का था, लेकिन नशा मुक्ति केंद्र में सप्लाई करने की बजाय इनको मार्केट में अवैध रूप से उतार दिया गया.पंजाब पुलिस और एनसीबी को पंजाब के मार्केट में प्रतिबंधित दवाइयों-इंजेक्शनों की एक बड़ी खेप मिली है। ड्रग ऑफिसर पवन शाक्य के अनुसार पंजाब पुलिस और एनसीबी के साथ-साथ ड्रग विभाग की टीम की कार्रवाई जारी है।

कंपनी मालिक है फरार

पर्क कंपनी के मालिक कृष्णा काले अभी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। उनको भी पुलिस तलाश कर रही है।