- एमडीए, कलक्ट्रेट और कमिश्नरी में भी धूल फांक रहे हैं रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम

- 11 साल पहले एमडीए ने पानी बचाने के लिए लगाया गया था सिस्टम

Meerut: रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगा हुआ तो है, लेकिन उनकी देखरेख की कोई व्यवस्था नहीं है। जिसके कारण सिस्टम धूल फांक रहे हैं। हालात यह है कि वहां पर जंगली पौधे तक उग आए हैं।

11 साल पहले

एमडीए ने अपने परिसर में, कलक्ट्रेट में और कमिश्नरी में बारिश का पानी बचाने के रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया था। इसके अलावा एमडीए ने शताब्दी नगर योजना में भी चार रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाए थे।

70 हजार की है लागत

11 साल पहले एमडीए ने 70 हजार की लागत से इनको लगवाया था। यह 1.5 गुणा 2.75 साइज के हैं।

अपने लिए नियम नहीं

नियम है कि तीन सौ मीटर से ऊपर के मकानों रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना जरूरी है। उसकी चेकिंग भी की जाती है कि वह चल भी रहा है या नहीं, लेकिन अपनी ही बिल्डिंग में जो रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगा है उसकी देखरेख नहीं। वह चल रहा है उसमें कुछ खराबी तो नहीं हो गई।

लापरवाही का खुलासा

एमडीए ने इसके लिए अलग से रख रखाव विभाग भी बना रखा है। लेकिन रख रखाव किस चीज की हो रही है। उसका पता नहीं है।

रख रखाव के लिए अलग से विभाग बना रखा है। हर तीन माह में उसकी साफ सफाई भी की जाती है। यदि ऐसा कुछ है तो जांच की जाएगी।

- राजेश कुमार, वीसी एमडीए