भूमिगत स्टेशन बनाने के लिए जमीन के अंदर 20 मीटर चौड़ाई में होगा कार्य

50 फीट गहराई में बनेगी टनल, मार्च से शुरू हो जाएगा काम

रूद्गद्गह्मह्वह्ल : रैपिड रेल कारिडोर के अंतर्गत शहर के अंदर करीब 5.50 किमी लंबी टनल (सुरंग) बनेगी। टनल का कुछ हिस्सा घरों व दुकानों के नीचे रहेगा, लेकिन इससे किसी को घबराने की कोई जरूरत नहीं है। क्योंकि जिन घरों व दुकानों के नीचे टनल की खोदाई होगी, उनकी पूरी निगरानी होगी। उन घरों में अलार्म लगेंगे। अत्याधुनिक तरीके से कार्य हो रहा है, इसलिए मशीन चलने की आवाज बाधा नहीं पहुंचाएगी। उसका कंपन भी शायद ही महसूस हो। 50 फीट नीचे टनल बनेगी, जिसका कुछ ही हिस्सा घरों के नीचे आएगा। एलाइनमेंट अभी साझा नहीं किया गया है, लेकिन कोशिश यही है कि अधिकांश हिस्सा सड़क के नीचे हो।

20 मीटर या उससे थोड़े अधिक चौड़ाई तक खोदाई होगी, क्योंकि टनल में दो ट्यूब अलग-अलग होंगी। एक ट्यूब ट्रेन जाने के लिए व दूसरी ट्यूब ट्रेन आने के लिए बनाई जाएगी। मार्च में इसका कार्य शुरू होगा। बहरहाल, तहसील परिसर में टनल बो¨रग मशीन उतारने के लिए साफ्ट (होल) बनाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। भैंसाली स्टेशन के पास चार साफ्ट बनेंगे। इन साफ्ट से मशीनें बेगमपुल व फुटबाल चौराहे की ओर भेजी जाएंगी।

कारिडोर के लिए सेंगमेंट के साथ ही ट्रैक भी शताब्दीनगर का¨स्टग यार्ड में बनाए जा रहे हैं। गुरुवार को एनसीआरटीसी के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पुनीत वत्स व साकेत क्षेत्र के मुख्य प्रोजेक्ट मैनेजर पंकज त्यागी ने परियोजना की जानकारी दी। ट्रैक का नमूना भी दिखाया।

चार ट्रैक के होंगे तीन स्टेशन

शहर में मोदीपुरम, बेगमपुल, शताब्दीनगर व मेरठ साउथ स्टेशन पर ही रैपिड रेल रुकेगी। इनमें से बेगमपुल के स्टेशन पर दो ट्रैक होंगे, जबकि बाकी तीनों स्टेशनों पर चार ट्रैक होंगे। यही नहीं, बेगमपुल में प्रवेश व निकास के चार द्वार होंगे।