ब्रेक का प्रयोग करने पर पैदा होगी बिजली जाएगी ग्रिड पर

एनसीआरटीसी का दावा 30 फीसद कम होगी ऊर्जा खपत

Meerut। दिल्ली से गाजियाबाद और मेरठ के बीच चलने वाली देश की पहली रैपिड रेल रिजेनेरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम से लैस होगी। ब्रेक का प्रयोग करने पर बिजली पैदा होगी। जो ग्रिड पर जाएगी। एनसीआरटीसी का दावा है कि इससे ऊर्जा खपत 30 फीसद तक कम होगी।

आकार ले रहा डिजाइन

रैपिड रेल कारीडोर के निर्माण में तेजी के साथ ही देश की पहली रैपिड रेल अब आकार ले रही है। जिसका डिजाइन और स्वरूप अब फाइनल स्टेज में है। इस ट्रेन में इस बात का ध्यान रखा जा रहा है कि नई ट्रेन के संचालन में ऊर्जा खपत कम हो। इसी कड़ी में इसे रिजेनेरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम से लैस किया जा रहा है। ट्रेन में ब्रेक लगाने पर बिजली पैदा होगी। जो ओवरहेड ट्रैक्शन के माध्यम से ग्रिड में चली जाएगी। रैपिड रेल में एक बार में लगभग 1700 लोग यात्रा कर सकेंगे। जिसमें 400 की बैठने की क्षमता होगी। जिससे सड़क पर वाहनों का दबाव कम होगा। इससे कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में भी पर्याप्त कमी आएगी और ग्रीन हाउस प्रभाव भी कम होगा। एक अनुमान के अनुसार रैपिड रेल के संचालन के बाद सड़क पर एक लाख गाडि़यां कम हो जाएंगी। जिससे दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र के प्रदूषण में भारी कमी आएगी। एनसीआरटीसी के अधिकारियों के अनुसार रिजेनेरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम से ट्रेन के पहिये, ब्रेक पैड और ट्रेन (रोलिंग स्टाक) के पुर्जे कम खराब होते हैं और ज्यादा चलते हैं।