मेरठ (ब्यूरो)। सचिव ने निरीक्षण की शुरुआत सराय काले खां आरआरटीएस स्टेशन से की जो आरआरटीएस दुहाई डिपो में संपन्न हुई। निरीक्षण मेंं सचिव ने निर्माण प्रगति, प्रशासनिक भवन, चल रहे विद्युत कार्य, ट्रैक बिछाने की गतिविधियों और आरआरटीएस ट्रेन के प्रोटोटाइप की समीक्षा की। उन्होंने ट्रेन में यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा के उपायों को ट्रेन में शामिल करने के लिए निगम के दृष्टिकोण की सराहना की। जिसके अंतर्गत क्षेत्रीय आवागमन के दौरान यात्रियों की आवश्यकताओं के लिए सामान रखने की रैक की सुविधा, हर सीट पर मोबाइल/लैपटॉप चार्जिंग सुविधा, विकलांगों के लिए व्हीलचेयर स्थान और आपातकालीन चिकित्सा के लिए स्ट्रेचर स्थान आदि और आधुनिक रेल रूट मार्ग प्रदर्शन और अन्य उपाय शामिल रहे।

कास्टिंग यार्ड का निरीक्षण
परियोजना के लिए कार्यरत कास्टिंग यार्ड के निरीक्षण के दौरान सचिव ने उच्च गुणवत्ता और मजबूत कंक्रीट को कम समय तैयार वाली प्रीकास्ट तकनीक की जानकारी ली। प्रबंधन निदेशक ने बताया कि प्री-कास्टिंग तकनीक को अपनाने का यह प्रमुख कारण था क्योंकि कॉरिडोर का निर्माण मुख्य रूप से व्यस्त राजमार्गों के केंद्र या किनारे पर किया जा रहा है।

रिसीविंग सब स्टेशन की समीक्षा
सचिव ने आरआरटीएस कॉरिडोर के प्राथमिकता खंड पर बिजली आपूर्ति के लिए बनाए गए गाजियाबाद रिसीविंग सब स्टेशन (आरएसएस) की भी समीक्षा की। उन्होंने अत्याधुनिक प्रणालियों और विद्युत उपकरणों की स्थापना का निरीक्षण किया। इसके अलावा गाजियाबाद आरआरटीएस स्टेशन साइट का दौरा किया। जो इस कॉरिडोर के 25 स्टेशनों में सबसे ऊंचा और सबसे बड़ा स्टेशन होगा।

इंजीनियरों से बातचीत
इस दौरान सचिव ने साइट पर कार्यरत इंजीनियरों से बातचीत करने के साथ ही 82 किलोमीटर लंबे दिल्ली-गाजियाबाद मेरठ कॉरिडोर के काम में आ रही उनकी चुनौतियों को भी समझा। सचिव को एनसीआरटीसी द्वारा निर्माण के दौरान स्थानीय जनता को न्यूनतम असुविधा सुनिश्चित करने के लिए किए जा रहे विभिन्न उपायों के बारे में भी बताया गया। जिसमें बैरिकेडिंग जोन के भीतर किए जा रहे निर्माण, यातायात के प्रबंधन के लिए ट्रैफिक मार्शल की तैनाती आदि शामिल है।