-यूजीसी ने यूनिवर्सिटीज को दिए स्टूडेंट्स केडॉक्यूमेंट न जमा कराने के निर्देश

- यूजीसी के पास पहुंची है ऐसी शिकायतें जिनमें रियल डॉक्यूमेंट जमा करने के केस आए हैं सामने

Meerut- एडमिशन के वक्त स्टूडेंट्स के ओरिजनल डाक्यूमेंट जमा करना प्राइवेट यूनिवर्सिटीज और कॉलेजेज को भारी पड़ सकता है। यूजीसी के अनुसार ऐसा करने पर संबंधित कॉलेज और यूनिवर्सिटी की संबद्धता खत्म कर दी जाएगी। डॉक्यूमेंट जमा करवा कर स्टूडेंट्स को परेशान करने लगातार मिल रही शिकायत के बाद यूजीसी ने सभी यूनिवर्सिटीज को लेटर जारी कर मूल दस्तावेज जमा कराने वाली प्राइवेट यूनिवर्सिटीज और कॉलेजेज केखिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

तैयारियों में जुटे अधिकारी

यूजीसी को लगातार शिकायत मिल रही थी कि कुछ प्राइवेट यूनिवर्सिटीज और कॉलेजेज एडमिशन के वक्त स्टूडेंट्स के मूल दस्तावेज जमा कर लेते हैं। इसके बाद स्टूडेंट्स बीच में यूनिवर्सिटीज और कॉलेजेज छोड़ना चाहता था, तो उन पर दवाब बनाया जाता है। इसके साथ ही यूनिवर्सिटीज और कॉलेजेज ओरिजनल डाक्यूमेंट देने के एवज में स्टूडेंट्स में मनमाफिक पैसा मांगते हैं। पैसा नहीं मिलने पर स्टूडेंट्स को परेशान किया जाता था। इस नाते यूजीसी चेयरमैन ने सभी यूनिवर्सिटीज को निर्देश दिया है कि स्टूडेंट्स के मूल दस्तावेज जमा करने की शिकायत को गंभीरता से लें। साथ ही पड़ताल करें। जांच में स्टूडेंट्स की शिकायत सही पाई जाती है, तो तत्काल कॉलेज की संबद्धता कैंसिल कर दें, ताकि कॉलेज मैनेजमेंट स्टूडेंट्स का उत्पीड़न न कर सके। मूल दस्तावेज जमा कराने वाले कॉलेजेज के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।

मेरठ से भी पहुंची है शिकायतें

सूत्रों की माने तो मेरठ में भी कई प्राइवेट कॉलेजेस व यूनिवर्सिटीज की शिकायतें यूजीसी के पास पहुंची हैं। जिनमें कॉलेज में कुछ समय के लिए स्टूडेंट्स की मार्कशीट व सर्टिफिकेट के रियल डॉक्यूमेंट रखे गए हैं। ऐसे में यह लेटर यूजीसी ने मेरठ की यूनिवर्सिटी को भी लिखा है कि अगर उनसे संबंधित किसी कॉलेज में इस तरह की शिकायतें आती है तो उसकी त्वरित कार्रवाई कर दी जाए अन्यथा मजबूरन यूजीसी को कार्रवाई करनी होगी।

संबंधित प्रशासन पर होगी कार्रवाई

यूजीसी के अनुसार केवल यूनिवर्सिटी की संबद्धता को ही रद्द नहीं किया जाएगा। बल्कि संबंधित आलाधिकारियों के खिलाफ भी सख्ती बरती जाएगी।

यूजीसी के निर्देशों के अनुसार कॉलेजों में जांच के लिए आदेश दे दिए हैं। अगर किसी तरह की गड़बड़ी की संभावना मिलती है तो संबंधित कार्रवाई की जाएगी।

प्रो। एनके तनेजा, वीसी, सीसीएसयू