सुबह पांच बजे सुरक्षाकर्मियों के गहरी नींद में होने का उठाया फायदा

एक संवासिनी छत से गिरी नीचे, सुरक्षाकर्मियों ने पकड़कर कराया इलाज

तीनों की तलाश में जुटी तीन टीमें, स्टाफ के खिलाफ भी केस

Meerut। राजकीय महिला शरणालय (नारी निकेतन) से छत के रास्ते से पीछे से कूदकर तीन संवासिनी भाग निकलीं। छत का टीन टूटने से चौथी संवासिनी नीचे गिर गई, जिससे उसे गंभीर चोट आई हैं। संवासिनी के गिरने की आवाज सुनकर स्टाफ उठ गया, जिसके चलते उसे मौके से ही पकड़ लिया गया। फरार तीन संवासिनी के खिलाफ लालकुर्ती थाने में मुकदमा दर्ज करा दिया गया है। साथ ही सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाले स्टाफ को भी नामजद कर दिया गया है।

ये है मामला

लालकुर्ती थाने के 72 बाउंड्री रोड पर राजकीय महिला शरणालय का संचालन राजकीय पश्चातवर्ती देख-रेख संगठन कर रहा है। 13 अगस्त 2020 से इसकी प्रभारी अनीता हैं। मुख्य अधीक्षिका रीमा राठी जुलाई 2020 से अवकाश पर चल रही हैं। सोमवार की सुबह पांच बजे आयशा पुत्री याकूब (लखनऊ से आई थी), प्रियंका पुत्री विजयपाल निवासी काका बिहार ट्रॉनिका सिटी गाजियाबाद और महक उर्फ तनु वर्मा पुत्री राजकुमार वर्मा निवासी मधुबन कॉलोनी विजयनगर थाना मोदीनगर गाजियाबाद नारी निकेतन से फरार हो गई। एसओ रविंद्र अहलावत ने बताया कि तीनों संवासिनी अपने दुपट्टे की रस्सी बनाकर पानी के सप्लाई पाइप के सहारे छत पर चढ़ गई। संस्था के पीछे की और खड़े पेड़ से नीचे उतरकर फरार हो गई।

पकड़कर उपचार दिलाया

जबकि उनकी चौथी साथी रुकैया पुत्री शकूर निवासी लोनी गाजियाबाद भी छत पर चढ़ रही थी। अचानक ही छत की टीन टूटने से रुकैया का पैर फिसल गया और वह नीचे गिर गई। उसके बाद नारी निकेतन का स्टाफ उठ गया। रुकैया को मौके पर पकड़कर उपचार दिलाया गया।

दर्ज कराया मुकदमा

दोपहर तक तीनों संवासिनी की पड़ताल की गई। पड़ताल करने के बाद भी जब तीनों नहीं मिली तो लालकुर्ती थाने में नारी निकेतन के स्टाफ राजेश सिंह द्वारा मुकदमा दर्ज कराया गया। जिसमें महक, प्रियंका, आयशा और अधीक्षका राजकीय पश्चातवर्ती देख-रेख संगठन के राजेश सिंह और अधीक्षका राजकीय महिला शरणालय की प्रमिला सिंह के खिलाफ आइपीसी की धारा 225ए और 225बी में मुकदमा दर्ज कराया गया है।

इस मामले में आरोपी

प्रियंका के खिलाफ गाजियाबाद के थाना ट्रॉनिका सिटी में अपहरण का मुकदमा दर्ज है, जो 2 अगस्त 2020 से नारी निकेतन में थी।

महक उर्फ तनु वर्मा के खिलाफ थाना मोदीनगर गाजियाबाद में अपहरण का मुकदमा दर्ज है, जो 7 अगस्त 2020 से नारी निकेतन में थी।

आयशा लखनऊ में लावारिस हालत में मिली थी, जिसे 28 जुलाई 2020 को मेरठ नारी निकेतन में भेज दिया गया था।

तीन टीमें तलाश में जुटी

बता दें कि पहले भी तीनों एक बार भागने का प्रयास कर चुकी हैं। एसओ रविंद्र अहलावत का कहना है कि फरार तीनों संवासिनी की तलाश में लखनऊ और गाजियाबाद में पुलिस की टीम भेजी गई है। संबंधित थाने को भी संपर्क कर लिया है। साथ ही उनके घर और रिश्तेदारी में दबिश डाली जा रही है। उम्मीद है कि जल्द ही उन्हें पकड़ लिया जाएगा।

लापरवाही से भागी संवासिनी

नारी निकेतन में रात को महिला होमगार्ड सरिता, महिला होमगार्ड कृष्णा यादव, महिला होमगार्ड विमलेश के अतिरिक्त रसोईया यदिका सदाना की ड्यूटी थी। जो सुरक्षा करने के बजाए अपने कमरों में नींद ले रही थी। जबकि संवासिनी सुबह पांच बजे भागी हैं, ऐसे में भी उनकी देख-रेख तक नहीं की गई। उसके बाद पूरे स्टाफ ने दोपहर तक घटना को छिपाकर रखा। खुद तलाश करने के बाद ही पुलिस को मामले की जानकारी दी।

तीन संवासिनी की फरारी के बाद लालकुर्ती थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। उनकी तलाश को तीन टीमें बनाकर गाजियाबाद और लखनऊ भेज दी गई हैं। संवासिनी की फरारी पर स्टाफ के खिलाफ भी मुकदमा कायम कर दिया गया है। इसकी जांच कराई जा रही है। ताकि नारी निकेतन में लड़कियों की फरारी के बारे में सही जानकारी सामने आए।

डॉ। अखिलेश नारायण सिंह, एसपी सिटी