कमिश्नर ने शासन के समक्ष स्पष्ट की स्थिति, विभागों के पास नहीं है धनराशि

निर्माण करने वाली संस्था पीडब्ल्यूडी के अलावा एमडीए और आवास विकास को करना होगा खर्च

पीडब्ल्यूडी से लेकर एक बार फिर एनएचएआई को प्रोजेक्ट देने पर चल रहा है विचार

Meerut। मेरठ का इनर रिंग रोड प्रोजेक्ट फिर रिंग में फंसता नजर आ रहा है। हाल ही में कमिश्नर अनीता सी मेश्राम द्वारा शासन को महत्वपूर्ण परियोजना के संबंध में प्रजेन्टेशन दिया है, वहीं दूसरी ओर इस प्रोजेक्ट से अब फंडिंग को लेकर बारी-बारी से विभागों ने पल्ला झाड़ना शुरू कर दिया है। पीडब्ल्यूडी के बाद मेरठ विकास प्राधिकरण ने भी अवस्थापना निधि समेत विभिन्न मद में आय और व्यय का ब्योरा सरकार से साझा कर दिया है। ऐसे में एक बार फिर प्रोजेक्ट को एनएचएआई को सौंपने पर सरकार विचार कर रही है।

कौन जुटाए लागत?

यूपी की योगी सरकार ने इनर रिंग रोड की नए सिरे से तैयारी शुरू की तो वहीं दूसरी ओर इसके निर्माण पर रिवाइज इस्टीमेट 1166 करोड़ रुपए का आया। पहले चरण में 416 करोड़ और दूसरे चरण में 750 करोड़ रुपए खर्च का ब्योरा कमिश्नर अनीता सी मेश्राम ने शासन के समक्ष रखा। शासन की ओर से योजना के मद में फंड रिलीज करने को लेकर कोई ठोस पहल नहीं की गई तो वहीं निर्माण कर रहा एजेंसी पीडब्ल्यूडी पूर्व में ही फंड को लेकर हाथ खड़े कर चुका है। अब एमडीए ने भी फंड जुटाने में असमर्थता जता दी है। आवास एवं शहरी विकास विभाग को भेजे पत्र में एमडीए ने स्पष्ट कर दिया है कि मौजूदा समय में एमडीए का सालाना बजट प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए नाकाफी है। ऐसे में किसी भी बड़े प्रोजेक्ट का निर्माण विभागीय मद से संभव नहीं होगा। सालाना आय और व्यय का ब्योरा देते हुए एमडीए ने गेंद शासन के पाले में डाल दी। और कहा कि सरकार चाहे जिस मद में धनराशि का व्यय करा ले।

दोबारा सौंपी जाएगी परियोजना

जानकारों के मुताबिक केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारियों की एनसीआर स्टेयरिंग कमेटी में शामिल इनर रिंग रोड को नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया को सौंपा जाएगा। फिलहाल रिंग रोड को लेकर हो रही उठापटक जारी है और ऐसे में लोकसभा चुनाव से पहले टेंडरिंग की प्रक्रिया पर आशंकाओं के बादल फिर गहरा गए हैं। बता दें कि रिंग रोड के चौड़ीकरण के लिए पहले चरण में 24.95 हेक्टेयर और द्वितीय चरण के लिए 85 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण होना है, जिसके लिए सरकार को 651 करोड़ रुपए खर्च करने होंगे।

शासन के निर्देश पर प्राधिकरण ने अपनी आय-व्यय का ब्योरा सौंप दिया है। फिलहाल एमडीए का बजट प्रधानमंत्री आवास योजना के आवासों के निर्माण के लिए आरक्षित है। शासन यदि निर्देश देगा तो इस धनराशि से इनर रिंग रोड का निर्माण किया जाएगा।

साहब सिंह, उपाध्यक्ष, एमडीए