27 दिसंबर का है जुमा, मेरठ में फिर मिल रहे दंगे के इनपुट

मुस्लिम इलाकों में गतिविधियों पर नजर रखना हो रहा मुश्किल

Meerut। 27 दिसंबर, शुक्रवार को जुमा है। और इस दिन मेरठ में फिर बवाल हो सकता है। इस तरह के इनपुट मिलने के बाद पुलिस-प्रशासन की धड़कनें तेज हो गई हैं। दंगा नियंत्रण के लिए पुलिस-प्रशासन अतिरिक्त फोर्स के साथ तैयारियों को खंगाल रहा है। इस बार पुलिस-प्रशासन के एक-एक घटनाक्रम पर शासन की नजर जमी हुई है।

गतिविधियों पर कैसे रखें नजर?

दंगाग्रस्त क्षेत्रों में हो रही गतिविधियों पर पुलिस की नजर नहीं है। पुलिस सिर्फ दंगाग्रस्त क्षेत्रों के बाहर जमी हुई है, जबकि इन क्षेत्रों में लाखों की आबादी रह रही है। वहीं पुलिस छापेमारी और दबिश की हिम्मत नहीं जुटा पा रही है। मेरठ में सर्वाधिक दंगा भूमिया पुलिस ने लिसाड़ी रोड पर भड़का था, सर्वाधिक फायरिंग भी यहीं हुई थी और पुलिसबलों के साथ पत्थरबाजी भी सबसे ज्यादा यहीं हुई थी। ऐसे में पुलिस की छापेमारी और दबिश न होने से अवैध हथियार, असलहे और हथियार अभी भी घरों में दुबके हुए हैं।

शांति समिति की जद से दूर दंगाई

20 दिसंबर को मेरठ में दंगे की पूर्व संध्या पर शहर काजी, नायब शहर काजी समेत मुस्लिम धर्मगुरुओं और नेताओं ने नागरिक संशोधित अधिनियम का शांति पूर्वक विरोध करने की अपील की किंतु दंगाइयों ने इस अपील को नजरअंदाज कर दिया। 20 दिसंबर से लेकर आज तक पुलिस-प्रशासन मुस्लिम इलाकों के चंद लोगों के संपर्क में है, जिनका ऐसे दंगाइयों के बीच में बहुत दखल नहीं है। शांति समितियों की बैठक में भीड़ का न जुटना भी पुलिस की परेशानी का कारण बना हुआ है। राजनैतिक दलों की दंगों में हताहत हुए परिवारों के बीच उठक-बैठक लगातार बनी हुई है। वहीं पुलिस की खुफिया एजेंसियां और सूत्र यहां फेल साबित हो रहे हैं।

संवेदनशील क्षेत्रों में रहेगी निगरानी

27 दिसंबर को लेकर पुलिस-प्रशासन ने एक बार फिर बुधवार रात से रणनीति बनानी शुरू कर दी है। जानकारी के मुताबिक पुलिस शहर के लिसाड़ी गेट, नौचंदी, ब्रह्मापुरी, कोतवाली और देहली गेट थानाक्षेत्र के 8 प्वाइंट पर पुलिसबल के साथ पैरा मिलिट्री फोर्स मुस्तैद रहेगी। पुलिस के सर्वाधिक चौकसी हापुड़ अड्डा, एल ब्लाक चौकी, इस्लामाबाद चौकी, भूमिया पुलिस और नूरनगर रोड पर होगी। इस बार पुलिस नूरनगर रोड पर लिसाड़ी गांव तक गश्त करेगी, वहीं खत्तारोड और समर गार्डर, रशीद नगर में भी हथियारों से लैस पुलिसकर्मी निगरानी रखेंगे। 20 दिसंबर को हुए दंगे से सबक लेते हुए पुलिस सुरक्षा घेरा तैयार कर रही है। मुस्लिम बहुल इलाकों में कुछ अस्थायी चौकियां और पोस्ट भी मुस्तैद की जाएंगी।

सुरक्षा प्लान, शासन की नजर में

मेरठ में हुए दंगे के बाद एक-एक गतिविधि पर शासन की नजर बनी हुई है। गृह विभाग के निर्देशन में ही 27 दिसंबर के लिए सुरक्षा प्लान बनाया जा रहा है। 27 दिसंबर को जुमे की नमाज के बाद एक स्थान पर 10 से अधिक लोगों के जुटने पर रोक होगी, वहीं धार्मिक स्थलों पर पुलिस की निगरानी में नमाज होगी। शासन के प्रमुख धार्मिक स्थलों में नमाज के बाद तकरीर की ऑडियो-वीडियो रिकार्डिग के निर्देश भी पुलिस को दिए हैं। प्रमुख धार्मिक स्थल पर एक एडीएम स्तर का प्रशासनिक अधिकारी और एक एसपी लेवल का पुलिस अधिकारी मुस्तैद रहेगा। सुरक्षा के मद्देनजर बाहरी जनपदों से पुलिसबल और अधिकारी गुरुवार शाम तक मेरठ पहुंच जाएंगे।