सोहराबगेट और भैंसाली डिपो पर यात्रियों को घंटों करना पड़ा बसों का इंतजार, सोशल डिस्टेंसिंग भी नहीं हुई फॉलो

Meerut। कोरोना काल के बीच भैयादूज के मौके पर बस डिपो पर बहनों की भीड़ बसों में सीट पाने के लिए उमड़ती दिखी। रोडवेज का दावा था कि इस साल बसों की कमी नही होने दी जाएगी और सोशल डिस्टेंसिंग के साथ यात्रियों को सुरक्षित सफर कराया जाएगा। मगर एक तरफ बसों के इंतजार में यात्रियों की भीड़ डिपो पर उमड़ती रही। वहीं दूसरी तरफ सोशल डिस्टेंसिंग का नियम भी कहीं फॉलो होता नहीं दिखा।

318 बसें भी पड़ी कम

सोमवार सुबह से ही सोहराबगेट डिपो और भैंसाली डिपो पर यात्रियों की भीड़ उमड़नी शुरू हो गई थी। मगर दोनों ही डिपो पर यात्रियों को घंटों बसों का इंतजार करना पड़ा। इसके चलते रोडवेज द्वारा लगाई गई 318 बसों की व्यवस्था भी कम पड़ गई। दरअसल, कोरोना के चलते मेरठ से नौचंदी, संगम और राज्यरानी का भी संचालन बंद है। केवल गोल्डन टैंपल, जनशताब्दी जैसी कुछ ट्रेन मेरठ से गुजर रही हैं। इनके भरोसे ही कुछ यात्री भैयादूज पर ट्रेनों से सफर कर सके। मगर अधिकतर यात्रियों का लोड केवल रोडवेज बसों पर ही रहा। वहीं

सवा लाख से अधिक यात्री

भैयादूज पर हर साल डेढ़ से दो लाख यात्री मेरठ रीजन के पांचों डिपो की बसों से सफर करते थे लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के चलते मामूली फर्क यात्रियों की संख्या में देखा गया। अकेले सोहराबगेट डिपो और भैंसाली डिपो से ही करीब 62 हजार यात्रियों ने गत 24 घंटे में बसों से सफर किया। भैंसाली डिपो से करीब 27 हजार से अधिक और सोहराबगेट से 33 हजार के करीब यात्रियों ने सफर किया।

नही हो सका सोशल डिस्टेंसिंग का पालन

रोडवेज का दावा था कि इस बार यात्रियों को कोविड 19 की गाइडलाइन के अनुसार ही सफर करने दिया जाएगा। लेकिन यात्रियों की भीड़ के सामने ऐसा हो न सका। सीट पाने की चाहत में ना तो यात्री सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर सके और न ही सेनेटाइजर या मास्क की अनिवार्यता रोडवेज द्वारा चेक की गई। इतना ही नहीं, खुद चालक-परिचालक भी सेनेटाइजर का प्रयोग करते हुए नहीं दिखे।

भैयादूज पर यात्रियों की संख्या सही रही। बसों की कमी नहीं रही तुरंत यात्रियों के लिए बसें उपलब्ध कराई गई। मगर मोदीनगर, सिवाया टोल, शाहजहांपुर जैसे कुछ प्वाइंट्स पर घंटों बसें जाम में फंसी रही। जिससे कुछ रूटों पर बसों की कमी यात्रियों को झेलनी पड़ी। हालांकि अन्य रूटों की बसें लगाकर उसको कवर किया गया।

केके शर्मा, आरएम