तुमको न भुल पाएंगे

सुरेश रैना के लिए वैसे तो सैंकड़ों पल होंगे सचिन के साथ बिताए हुए। लेकिन एक खास लम्हा है जिसे शायद ही सुरेश रैना कभी भूल पाएंगे। रैना के 2010 में कोलंबो में खेले गए टेस्ट में श्रीलंका के खिलाफ अपने डेब्यू मैच में ही शतक ठोका था। खास बात ये थी कि सचिन ने इस मैच में दोहरा शतक बनाया था और सचिन और रैना ने पांचवे विकेट के लिए 256 रनों की रिकार्ड पार्टनरशिप की थी। रैना को दूसरे एंड से खड़े होकर तेंदुलकर द्वारा हौसला देने का ही नतीजा रहा कि रैना ने अपने पहले ही मैच में शतक ठोक पाए।

खुशी को किया सेयर

जिस ऑस्ट्रेलिया टीम की कभी धाक रहती थी, सचिन को इस टीम को हराने में मजा आता था, लेकिन कभी ये आस्ट्रेलिया घातक साबित होती और बड़े मौकों पर टीम इंडिया को हार झेलनी पड़ती, लेकिन भुवनेश्वर ने सचिन की जिंदगी का वो लम्हा जिया जिसमें टीम इंडिया ने आस्ट्रेलिया को घरेलू सीरीज में पहली बार 4-0 से हराकर चलता किया। सचिन की जिंदगी का ये यादगार लम्हा था उन्होंने आस्ट्रेलियन टीम के उतरे चेहरे देखे थे, जो कभी अपना रूतबा दिखाते थे। सचिन के चेहरे की खुशी को भुवनेश्वर ने इस साल उनके संग जिया। उनकी खुशी से हंसते हुए देखा।

शतकवीर बनते देखा

मेरठ के प्रवीण कुमार ने यूं तो अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट की शुरूआत 2007 में ही कर दी थी। लेकिन प्रवीण भी सचिन के यादगार क्षण के साथी बने। मेरठी स्पीडस्टर उस टीम का हिस्सा रहे, जिसमें सचिन ने शतकों का शतक बनाया। ये मैच एशियाकप 2012 का चौथा मैच था। जिसमें सचिन ने इस जादुई आंकड़े को छुआ। सचिन के जश्न और ड्रेसिंग रूम में उनके खुशी के पल को पीके ने उनके साथ साझा किया।  

इतिहास के बने साक्षी

गाजियाबाद के तेज गेंदबाज सुदीप त्यागी को मात्र चार ही वनडे मैच खेलने का मौका मिला। सुदीप ने सचिन संग ड्रेसिंग रूम साझा किया उनके साथ कुछ फुर्सत के पल भी बिताए। लेकिन सुदीप भी सचिन की एक उपलब्धि में साक्षी बने। ये उपलब्धि थी वनडे क्रिकेट इतिहास में 17 हजार रन का आंकड़ा छूने और 175 रन की जबरदस्त पारी को देखने के साक्षी बने। सुदीप हालांकि प्लेयिंग इलेविन का हिस्सा नहीं थे। 2009 मेंं हैदराबाद में हुए मुकाबले में आस्ट्रेलिया ने पहले खेलते हुए 350 रन बनाए थे। लेकिन सचिन ने जबरदस्त 175 रन की पारी खेलकर मैच को लगभग आस्ट्रेलिया के हाथ से छीन ही लिया था, लेकिन सचिन के आउट होने के बाद इंडिया ये मैच 3 रनों से हार गया। ये पारी सचिन की एतिहासिक पारियों में से एक रही। जिसे सुदीप ने ड्रेसिंग रूम में बैठकर देखा।  

लीजेंड को जाते देखा

अमरोहा के रहने वाले तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी अहमद के लिए अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में एंट्री धमाकेदार रही है। पिछले साल हुई पाकिस्तान के खिलाफ वनडे सीरीज में शमी अहमद को मौका मिला लेकिन वनडे क्रिकेट में सचिन का साथ नहीं मिल सका। सचिन ने संन्यास की घोषणा कि और वेस्टइंडीज के खिलाफ आखिरी दो टेस्ट में चुने जाने के लिए धड़कन तेज हुई, तो शमी को मौका भी मिल गया। उन्होंने अपने पहले ही टेस्ट में नौ विकेट लेकर धमाल तो मचाया ही साथ ही सचिन के साथ जश्न मनाया शमी उनकी आखिरी पारी देखने के भी गवाह बने।

लम्हा जो बन गया यादगार

ईशांत शर्मा मूल रूप से हापुड़ के रहने वाले हैं। ईशांत शर्मा भी सचिन के सैकड़ों खुशी के लम्हों में उनके साथी बने हैं। ईशांत के लिए भी एक लम्हा है, जो उनके लिए हमेशा खास बना रहेगा। सचिन का 200वां टेस्ट और वो इस टीम का हिस्सा रहे हैं। सचिन के साथ ड्रेसिंग रूम शेयर कर रहे हैं। सचिन के मैदान से दूर जाने की मायूसी और एतिहासिक पलों के गवाह बने हैं। तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा के लिए इससे यादगार लम्हा और क्या हो सकता है।

भगवान को रोते देखा

पीयूष चावला मुरादाबाद से हैं। यूं तो पीयूष ने काफी पहले अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में जगह बना ली थी। लेकिन एक लम्हे को पीयूष शायद ही कभी भुला पाएं। पीयूष 2011 वल्र्डकप टीम का हिस्सा रहे हैं। सचिन का 22 साल का सपना पूरा हुआ, सचिन ने वल्र्डकप ट्राफी को चूमा, सचिन मैदान पर खुशी के आंसू रोए। इस पूरे खुशी के लम्हे में और सचिन की जिंदगी के इस महत्वपूर्ण पल में पीयूष सचिन के साथ रहे।

ड्रेसिंग रूम में मिले भगवान

परविन्दर अवाना नोएडा के रहने वाले हैं। दिल्ली रणजी टीम के इस तेज गेंदबाज को भारत दौरे पर आई इंग्लैंड टीम के साथ चौथे टेस्ट मैच टीम में शामिल किया गया। हालांकि परविन्दर को ये मुकाबला खेलने का मौका नहीं मिला। लेकिन इस मुकाबले में सचिन संग ड्रेसिंग रूम शेयर करके परविन्दर ने अपना बचपन का सपना पूरा कर लिया। सचिन ड्रेसिंग रूम में आखिर करते क्या हैं, सचिन बोलते क्या हैं, प्रैक्टिस में किस तरह से वो यंग्सटर्स को प्रोत्साहित करते हैं। परविन्दर ने उस एक मुकाबले में सचिन के व्यक्तित्व को नजदीक से रहकर जाना। एक उभरते तेज गेंदबाज के लिए ये बहुत बड़ा मौका था।