25 फरवरी तक का समय दिया था परिवहन विभाग ने स्कूल वाहनों में सुरक्षा मानक पूरे करने के लिए

वाहनों मे न सीसीटीवीस न सीट बेल्ट और न लगे जीपीएस, अब स्कूलों में जाकर चेकिंग करेगा विभाग

Meerut। हर साल की तरह इस साल भी शैक्षणिक सत्र शुरू होने से पहले ही परिवहन विभाग स्कूली बच्चों की सुरक्षा के लिए वाहनों को फिट करने में जुट गए हैं। इसके लिए गत माह साकेत आईआईटी के मैदान पर फिटनेस चेकिंग शिविर का आयोजन भी किया गया था। इस शिविर में सीसीटीवी कैमरा और जीपीएस समेत 25 प्रमुख सुरक्षा मानकों पर स्कूली वाहनों की जांच की गई थी। मगर अधिकतर स्कूल वाहनों में सीसीटीवी, जीपीएस और सीट बेल्ट की कमी सामने आई थी। इन वाहन संचालकों और स्कूल प्रबंधन को जल्द से जल्द यह मानक पूरा करने का आदेश दिया गया था। मगर अभी तक अधिकतर स्कूली वाहनों में यह तीन प्रमुख मानक ही पूरे नहीं हो पाए हैं। अब आरटीओ विभाग ऐसे वाहनों की सूची बनाकर स्कूल संचालकों को नोटिस भेजने की कवायद में जुट गया है। विभाग की मानें तो अब सुरक्षा मानकों में कमी मिलने पर सीधे वाहन का परमिट निरस्त किया जाएगा।

70 प्रतिशत बसों में सीसीटीवी नहीं

शहर के स्कूलों में संचालित होने वाली बसों में अधिकतर मानक पूरे हैं लेकिन इस साल परिवहन विभाग ने सीसीटीवी कैमरा और जीपीएस की अनिवार्यता को लागू कर दिया। जिस कारण से अधिकतर वाहन इस मानक में फेल हो रहे हैं। वाहनों में सीसीटीवी और जीपीएस लगाना स्कूल संचालकों को भारी पड़ रहा है इसलिए अधिकतर स्कूल आनाकानी कर रहे हैं। अभी तक 70 प्रतिशत वाहनों में सीसीटीवी, जीपीएस और हर सीट पर सीट बेल्ट का नियम अधर में है। ऐसे में अब विभाग इन वाहनों का संचालन बंद करने की कवायद में जुट गया है। इसके अलावा अधिकतर वाहनों में फुट रैश और इमरजेंसी डोर की खामियां सामने आ रही हैं जो बच्चों की सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण मानकों में से एक हैं।

सीट बेल्ट बनी मुसीबत

इस बार कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार स्कूली वाहनों में सीसीटीवी और जीपीएस के साथ ही हर सीट पर सीट बेल्ट अनिवार्य है। जबकि कंपनी की तरफ से आने वाले वाहन इन तीनों ही मानकों से लैस नहीं हैं। ऐसे में अलग से वाहनों में इन सुरक्षा मानकों को ऐड करवाने में वाहन संचालकों पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। जिसकी वजह से सुरक्षा मानकों की अनदेखी का प्रयास किया जा रहा है।

फ‌र्स्ट ऐड और अग्निशमन यंत्र

इस बार स्कूली वाहनों में फ‌र्स्ट एड बॉक्स और अग्निशमन यंत्र का अपडेट होना बेहद जरुरी है। नियमानुसार चालक केबिन में बीआईएस मार्क अग्निशमन यंत्र लगा होना चाहिए। साथ ही अलार्म घंटी या सायरन चालू हालत में होना चाहिए। इससे दुर्घटना के समय बच्चों की सुरक्षा पुख्ता होगी। इसलिए इस मानक पर भी परिवहन विभाग की विशेष नजर है।

25 फरवरी तक का समय

गत माह शिविर में निरीक्षण के दौरान वाहनों में जो कमियां मिली उनको दूर करने के लिए सभी स्कूल संचालकों को 25 फरवरी तक का समय दिया गया था। मगर इसके बाद भी अधिकतर स्कूल मानकों को पूरा नही कर पा रहे हैं। अब खुद आरटीओ विभाग की टीम स्कूलों में जाकर वाहनों की चेकिंग करेगा और कमी मिलने पर नोटिस देगा। इसके तहत करीब 170 स्कूलों को नोटिस जारी किया जा चुका है। यदि नोटिस के बाद भी कमियां दूर नही होती हैं तो ऐसे वाहनों का परमिट निरस्त कर संचालन बंद करा दिया जाएगा।

इन मानकों पर मिलेगी फिटनेस

मानकों के अनुसार हर सीट पर सीट बेल्ट जरूरी

बस में सीसीटीवी और जीपीएस होना चाहिए

बस में दो आपातकालीन दरवाजे होने चाहिए

हर स्कूल बस का रंग पीला होना चाहिए

बस के आगे और पीछे स्कूल बस जरूर लिखा होना चाहिए

बस की रफ्तार चालीस किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक नहीं होनी चाहिए

दरवाजों पर लॉक लगा हो, प्रेशर हॉर्न न हो

केबिन में बीआईएस मार्क अग्निशमन यंत्र हो

सीएनजी वाहन में सिलेंडर के ऊपर सीट न हो

खतरे की चेतावनी वाली लाइट लगी हो

अलार्म घंटी या सायरन लगा हो

मेडिकल किट होनी चाहिए

बस के पीछे आपतकालीन खिड़की हो

बस के पीछे भी स्कूल का नाम और पता लिखा होना चाहिए

चालक को कम से कम पांच साल का गाड़ी चलाने का अनुभव हो

चालक शिक्षित और वर्दी में होना चाहिए, नेम प्लेट लगी होनी चाहिए

सबसे अधिक परेशानी वाहनों में हर सीट पर सीट बेल्ट लगाने में आ रही है। बाकि सीसीटीवी और जीपीएस शत-प्रतिशत सभी वाहनों में लगाया जाएगा। यदि ये मानक पूरा नही किया तो उनकी फिटनेस सस्पेंड कर संचालन बंद करा दिया जाएगा।

दिनेश कुमार, एआरटीओ प्रवर्तन

यूपी मोटर व्हीकल एक्ट के तहत सभी स्कूली बसों में सीसीटीवी लगाने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। स्कूली बसों का फिटनेस ही सभी मानक चेक करने के बाद मिलता है।

राहुल केसरवानी, सहोदय अध्यक्ष