300 गाय के नाम पर अफसरों ने 900 गाय के चारे का किया टेंडर, जांच शुरू

- 300 निराश्रित गाय हैं इस समय गौशाला में

- 900 गायों के चारे के हिसाब से

किया गया टेंडर

- 2.25 करोड़ का टेंडर किया गया था गौशाला में चारे के लिए

- 5.25 लाख प्रतिमाह खर्च हो रहा था गौशाला पर चारे के लिए

- 600 गायों की संख्या अधिक दिखाई गई, जांच में पकड़ा

Meerut । नगर निगम में आम इंसानों के लिए तो दूर अफसर तो जानवरों तक के चारे में घपलेबाजी करने से नहीं चूक रहे हैं। गौरतलब है कि नगर निगम के झूला घोटाले में अधिकारियों पर गाज गिरने का सिलसिला अभी थमा नही है। बावजूद इसके, निगम में एक नया घोटाला सामने आ गया है। यह घोटाला पशुओं के चारे से जुड़ा है।

अधिकारी और बाबू शामिल

नगर निगम में अब मुख्यमंत्री की प्राथमिकता वाली योजना गौ संरक्षण के नाम पर भी निगम के आला अधिकारी व बाबू घोटाला करने में जुटे हैं। दरअसल, गौशाला में निराश्रित पशुओं के चारे के लिए लाए जा रहे भूसे के नाम पर करोड़ों रुपए के टेंडर किए गए हैं। इस टेंडर में जितने पशुओं का चारा मंगाया जा रहा है उतने पशु निगम के आश्रय केंद्रों में हैं ही नहीं। खास बात यह है कि इस टेंडर पर नगर निगम के एक अधिकारी ने ही आपत्ति जताई है। इसके बाद यह घोटाला सामने आया और जांच शुरु हो गई है।

2.25 करोड़ के चारे का टेंडर

दरअसल, नगर निगम के दिल्ली रोड पर स्थित गौशाला में निगम द्वारा पकड़ी गई 300 निराश्रित गाय हैं। गत माह इस गौशाला के लिए चारे के लिए 2.25 करोड का टेंडर किया गया था। इस टेंडर में 900 गाय के हिसाब से टेंडर किया गया। जबकि इस गौशाला में मात्र 300 गाय ही हैं। इस मामले की जानकारी मिलने पर नगर निगम के ही एई और गौशाला प्रभारी राजपाल यादव ने इस पर आपत्ति कर दी। एई राजपाल के अनुसार इस गोशाला में 300 गाय हैं ऐसे में 900 गायों के चारे का टेंडर क्यों किया गया। एई की शिकायत के बाद पूर्व नगरायुक्त ने इस मामले की जांच शुरु करने के आदेश तो दे दिए लेकिन जांच का जिम्मा नगर निगम के अधिकारियों को ही दिया गया है।

सवा पांच लाख का खर्च

दरअसल, इस गौशाला पर चारे के लिए प्रतिमाह 5.25 लाख खर्च हो रहा था। इसके हिसाब से पूरे साल में चारे पर खर्च 65 लाख के करीब बनता है लेकिन चार गुना अधिक टेंडर फाइनल किया गया। जब इसकी जांच की गई तो गायों की संख्या 600 अधिक दिखाई गई। निराश्रित पशुओं को पकड़ने के अभियान में जुटे निगम की टीम रोजाना चार से पांच निराश्रित पशुओं को गौशाला ला रही है। इसके बाद भी इतनी अधिक गायों का चारे का टेंडर क्यों किया गया। इसकी जांच निगम के स्तर पर चल रही है। हालांकि इस मामले की शिकायत होने पर खुद शिकायत कर्ता एई का तबादला कर दिया गया था। ताकि मामला दबाया जा सके।

इस मामले की जांच पूर्व नगरायुक्त के आदेश पर चल रही है। चारा जरुरत से अधिक क्यों मंगाया जा रहा था इसके लिए नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।

- ब्रजपाल सिंह, सहायक नगरायुक्त